आबकारी विभाग का उप निरीक्षक गिरफ्तार; पूर्व पत्नी को परेशान करने के लिए 8 जिलों के SP को भेजा फर्जी पत्र…

Last Updated on 4 weeks by City Hot News | Published: October 27, 2024

कोरिया// छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में पुलिस ने आबकारी विभाग के उप निरीक्षक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूर्व पत्नी के नाम से कोरिया एसपी समेत 8 जिलों के एसपी को फर्जी नोटिस भेजा था। इतना ही नहीं आरोपी ने सभी को तीन दिनों के अंदर पांच लाख जमा कराने की चेतावनी भी दी थी।

आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लेकर जब उससे पूछताछ किया तो सच जानकार वो भी हैरान रह गए। आरोपी ने बताया कि पत्नी से उसका तलाक हो गया है और उसे परेशान करने के लिए उसने पत्नी के नाम से कोरिया एसपी सहित 8 जिलों के एसपी को फर्जी नोटिस भेजा था।

पुलिस ने बताया कि आबकारी विभाग के उप निरीक्षक ने पत्नी को परेशान करने 8 जिलों के एसपी को फर्जी नोटिस भेजा था।

पुलिस ने बताया कि आबकारी विभाग के उप निरीक्षक ने पत्नी को परेशान करने 8 जिलों के एसपी को फर्जी नोटिस भेजा था।

पोस्ट में RTI कार्यकर्ता कोरबा का जिक्र था

दरअसल, 16 अक्टूबर को एसपी कार्यालय कोरिया में एक स्पीड पोस्ट मिला। इस बंद लिफाफे पर प्रेषक के रूप में ‘अनीता प्रजापति, RTI कार्यकर्ता कोरबा’ लिखा था। SP ऑफिस कोरिया के मुख्य लिपिक ने जब इस लिफाफे को खोला तो, उसमें अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी की ओर से रजिस्टर्ड सूचना पत्र भेजा गया था।

इस लेटर में, कथित अधिवक्ता जोशी ने एसपी कोरिया पर कई मनगढंत और बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे। साथ ही RTI एक्टिविस्ट अनीता के खाते में तीन दिनों के भीतर 5 लाख की राशि जमा करने की चेतावनी दी थी।

कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, फर्जी दस्तावेज जब्त किया गया है।

कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, फर्जी दस्तावेज जब्त किया गया है।

शुरुआती जांच में पता चला वकील ने नहीं भेजा डाक

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य लिपिक फ्रांसिस जेवियर बेक ने थाना प्रभारी बैकुंठपुर को जांच के लिए आवेदन दिया। शुरुआती जांच में पता चला कि अनीता प्रजापति और उसके अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी ने डाक नहीं भेजा है।

इसके बाद लिफाफे में दर्ज स्पीड पोस्ट नंबर की मौके पर जांच की गई। टेक्निकल इनपुट के आधार पर दिलीप प्रजापति नाम आया जो अनीता प्रजापति का पूर्व पति था। उसने पूर्व पत्नी को परेशान करने के लिए SP को फर्जी पत्र भेजा था।

मामला सिटी कोतवाली थाने का है।

मामला सिटी कोतवाली थाने का है।

उप निरीक्षक का पत्नी से हो चुका है तलाक

बता दें कि आरोपी दिलीप प्रजापति आबकारी विभाग में उप निरीक्षक के पद पर है, जिसका पत्नी से तलाक हो चुका है। न्यायालय के आदेश के अनुसार उसे 14,000 रुपए हर महीने पत्नी को भुगतान करना पड़ रहा है। इस वजह से उसने ऐसा कदम उठाया। ताकी पत्नी पुलिस कार्रवाई से परेशान हो जाए।

पत्नी के अधिवक्ता को भी फंसाना चाहता था

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि दिलीप प्रजापति ने पत्नी के मेंटेनेंस मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किया था। वह पत्नी के साथ-साथ उसके वकील को भी फंसाना चाहता था।

अपराध में उपयोग किए गए कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, फर्जी दस्तावेज जब्त कर लिए गए। पर्याप्त सबूत मिलने पर 25 अक्टूबर को आरोपी की गिरफ्तारी की गई। शनिवार को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया।