बाल संप्रेक्षण गृह से 4 अपचारी बालक फरार: सो रहे नगर सैनिक और अटेंडेंट पर पत्थर से किया हमला… रेप, चोरी सहित अन्य मामलों में थे आरोपी…

Last Updated on 2 months by City Hot News | Published: October 4, 2024

महासमुंद// छत्तीसगढ़ के महासमुंद में गुरुवार देर रात बाल संप्रेक्षण गृह से 4 अपचारी बालक फरार हो गए। आरोपियों ने सो रहे नगर सैनिक और अटेंडेंट पर पत्थर से हमला कर दिया। इसके बाद मेन गेट की चाबी छीनकर भाग निकले। दोनों कर्मचारियों को गंभीर चोटें आई हैं।

इन आरोपियों को रेप, चोरी सहित अन्य मामलों में पकड़ा गया था। पिछले 3 साल में इस संप्रेक्षण गृह से 20 बाल अपचारी भाग चुके हैं। इनमें भी केवल 4 को पकड़ा जा सका है। हालांकि इस मामले में महिला और बाल विकास विभाग और किशोर न्याय बोर्ड के अधिकारी बोलने से बच रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, जिला मुख्यालय से करीब 5 किमी दूरी पर बाल संप्रेक्षण है। गुरुवार रात एक से दो बजे के बीच 4 अपचारी बालक वहां से भाग निकले। इस दौरान उन्होंने सो रहे नगर सैनिक संजय मिश्रा और अटेंडेंट गोपाल चंद्रा पर पत्थर से हमला कर दिया।

उनसे मेन गेट की चाबी छीन ली और गेट का ताला खोलकर फरार हो गए। सुबह इसकी सूचना पहले अधीक्षक को दी गई। इसके बाद पुलिस को जानकारी मिली। पुलिस ने दोनों घायलों को मेडिकल कॉलेज भेजा। जहां उनकी हालत देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर रेफर कर दिया।

चोरी, रेप और गांजा तस्करी केस में लाए गए थे

फरार चारों अपचारी बालकों की पुलिस तलाश रही है। फरार चारों अपचारी बालकों में 2 को चोरी, 1 को रेप और 1 को गांजा तस्करी के मामले में पकड़ा गया था। इनमें से 2 गरियाबंद जिले, 1 बलौदाबाजार और 1 महासमुंद जिले का रहने वाला है।

वर्तमान में शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह में 28 अपाचारी बालक को रखा गया है। विभागीय देखरेख की कमी, नियमित मॉनिटरिंग का अभाव के कारण इसके पहले भी विभिन्न अपराधों में लाए गए अपचारी बालक कई बार फरार हो चुके हैं।

14 अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर

जानकारी के मुताबिक,12 मई 2021 को 4, 15 अक्टूबर 2021 को 9, 22 जून 2022 को 3 अपचारी बालक फरार हो चुके हैं। आज की घटना को लेकर 20 अपचारी बालक इस शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह से भाग चुके हैं। इनमें से 14 अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

सिटी कोतवाली प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि, बालकों की तलाश जारी है। इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के ADPO समीर पांडेय और किशोर न्याय बोर्ड के खेमराज चौधरी से संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।