हाथियों का आतंक:: खेतों को रौंदा, मकान तोड़े; फसल बचाने गए किसान का पैर टूटा…सीटी बजाकर-पटाखे फोड़कर भगा रहे लोग..
Last Updated on 2 months by City Hot News | Published: September 30, 2024
कोरबा// छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों की दहशत बढ़ती जा रही है। अब कोरबा और रायगढ़ जिले में हाथियों ने आतंक मचाया है। कटघोरा वन मंडल में एक किसान फसल बचाने के चक्कर में अपना पैर गंवा बैठा। रायगढ़ के धरमजयगढ़ वन मंडल में भी हाथी फसलों को चौपट कर रहे हैं।
रायगढ़ जिले में 120 हाथियों का दल घूम रहा है। इन दलों में शावक भी शामिल हैं। जिले में 3 दिन में ही 173 खेतों में लगी फसल हाथी रौंदकर बर्बाद कर चुके हैं। हाथियों ने 2 मकानों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। इधर कोरबा के पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के ग्रामीण भी इसी बात को लेकर परेशान हैं।
फसल बचाने के चक्कर में ग्रामीण का पैर टूटा
कटघोरा वन मंडल में 39 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। कोरबा में ग्रामीण अपनी फसलों को बचाने के लिए शोर मचाकर, सीटी बजाकर, पटाखे फोड़कर हाथियों को भगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान हाथी आक्रामक हो जाते हैं, जिससे ग्रामीणों की जान को खतरा भी हो जाता है।
- पोड़ी खुर्द ग्राम पंचायत के खैरवार पारा में भी ऐसा ही हुआ। 30 साल का मोती राम खैरवार सुबह अपने फसल को हाथी से बचाने के चक्कर में अपना दायां पैर तुड़वा बैठा। हाथी को भगाने के दौरान जब एक हाथी पलटा जिससे बचने के लिए भागने के दौरान ग्रामीण गिर पड़ा। फिलहाल उसे इलाज के लिए कटघोरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- वहीं ग्रामीण राज कुमार प्रजापति रात में अपने घर में सो रहा था तभी घर के सामने हाथी आ धमका। ग्रामीण ने अपनी पत्नी, बच्चे को घर के पीछे से किसी तरह निकाला और पड़ोसी के घर में शरण ली। देर रात इसी तरह हाथी घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
ग्रामीणों ने दंतैल हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा
शनिवार रात लगभग सवा ग्यारह बजे के आसपास झुंड से अलग हो कर एक दंतैल हाथी कोरबी, बजारपारा घनी आबादी क्षेत्र के मेन रोड में घुस गया। कुछ समय के लिए वहां अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने हाथी को बस स्टैंड से जंगल की ओर खदेड़ा, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
हाथियों का दल फसलों को पहुंचा रहा नुकसान।
पिछले एक सप्ताह से कटघोरा वन मंडल में हाथियों का उत्पात जारी है। कोरबी सहित फुलसर, रोदे, बनिया, खडफडी पारा, सिटीपखना, सेमरहा, चोटिया, परला, लालपुर के अलावा दर्जनों गांवों के आसपास हाथी विचरण कर रहें हैं। हाथियों की चिंघाड़ से जंगल-खेत गूंज रहे हैं।
एक ही रात में 82 खेतों में फसलों को रौंदा
रायगढ़ की बात करें तो रविवार की रात धरमजयगढ़ वन मंडल में एक ही रात में हाथियों के दल ने 82 खेतों में फसलों को रौंदा है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान कापू वन परिक्षेत्र के अलोला ग्राम के विजयनगर, सकालो, करमोहलीपारा, जाताटिकरा, सांगुल सहित कई गांव के खेतों में हुआ है।
जान जोखिम में डालकर हाथियों को भगा रहे ग्रामीण।
वन अमले ने ग्रामीणों को किया सतर्क
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल में 120 हाथी हैं और इसमें मादा हाथी की संख्या ज्यादा है। अलग-अलग दल में नर हाथी 32, मादा हाथी 58 और शावकों की संख्या 30 है। बताया जा रहा है कि धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों का दल सड़क पार करते नजर आ रहा है। इसके कारण विभागीय अमले ने ग्रामीणों को सतर्क रहने कहा है।
नुकसान का आकलन किया जा रहा
इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि नुकसान का आकलन संबंधित कर्मचारी कर रहे हैं। प्रकरण वन मंडल कार्यालय में आने के बाद कोशिश की जाती है कि जितनी जल्दी हो किसानों को नियमानुसार नुकसान का मुआवजा मिल जाए। हाथी प्रभावित गांव में मुनादी और बचाव के उपाए बताए जा रहे हैं।
मरवाही में पकड़ा गया आदमखोर भालू
मरवाही में पकड़ा गया आदमखोर भालू
छत्तीसगढ़ के मरवाही वन परिक्षेत्र में पिछले 3 दिन में आदमखोर भालू ने दो लोगों की जान ले ली। अब वन विभाग की कानन पेंडारी रेस्क्यू टीम ने ट्रैंक्यूलाइजर का इस्तेमाल कर भालू को पकड़ लिया है। उसके कई हिस्से पर चोट के निशान भी मिले हैं।