पहली वाटर मेट्रो 15 मिनट में फुल चार्ज होती है: 100 पैसेंजर्स बैठ सकते हैं, बोट पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड… कई और खासियतें…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 25, 2023

कोच्चि// प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केरल के कोच्चि में भारत की पहली वाटर मेट्रो की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1,137 करोड़ रुपए है। वाटर मेट्रो कोच्चि में और उसके आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ेगी। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने इन बोट्स को मैन्युफैक्चर किया है।

अभी इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में 8 बोट से शुरुआत की गई है। पूरा प्रोजेक्ट कम्प्लीट होने के बाद 78 फास्ट इलेक्ट्रिकली प्रोपेल्ड हाइब्रिड बोट चलाई जाएंगीं। इससे पॉल्यूशन कम करने में मदद मिलेगी और कोच्चि झील के किनारे बसे परिवारों का मेन मार्केट तक पहुंचना आसान हो जाएगा। वाटर मेट्रो से द्वीप पर रहने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा।

पीएम मोदी ने कहा- कोच्चि वाटर मेट्रो का प्रोजेक्ट भी ‘मेड इन इंडिया’ है… यूनीक है। इसके लिए मैं कोच्चि शिपयार्ड को भी बधाई देता हूं। वाटर मेट्रो से कोच्चि के इर्द-गिर्द अनेक द्वीपों पर रहने वाले लोगों को सस्ता और आधुनिक ट्रांसपोर्ट मिलेगा। केरल में हो रहा यह प्रयोग देश के अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बनेगा।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने इन इलेक्ट्रिक बोट्स को बनाया है। अभी इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में 8 बोट से शुरुआत की गई है।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने इन इलेक्ट्रिक बोट्स को बनाया है। अभी इस प्रोजेक्ट के पहले फेज में 8 बोट से शुरुआत की गई है।

कोच्चि वाटर मेट्रो के 2 मेन कंपोनेंट हैं:

1. बोट

  • पैसेंजर सर्विस के लिए कुल 78 इकोफ्रैंडली बोट चलेंगीं। इनमें से 23 बोट 100 यात्रियों को ले जा सकती हैं, बाकी 55 बोट 50 यात्रियों को कैरी कर सकती हैं। इन बोट्स के अलावा इमरजेंसी और मेंटेनेंस की स्थिति में मेन फ्लीट को सपोर्ट करने के लिए चार रेस्क्यू बोट भी हैं।
  • मेट्रो में लिथियम टाइटनेट ऑक्साइड (LTO) बैटरी लगी है। बैटरी की कैपेसिटी 122 kWh है। ये बैटरी नई टेक्नोलॉजी की है। इसे 10 से 15 मिनट में चार्ज किया जा सकता है। चुनिंदा स्थानों पर फ्लोटिंग जेटी में सुपर-चार्जर लगाए गए हैं। बोट में जनरेटर बैक-अप भी है।
  • ये बोट्स पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड हैं। इनकी बड़ी खिड़कियों से पैसेंजर बाहर के नजारें देख सकते हैं। इंटीरियर को भी मेट्रो ट्रैवलर्स को बेहतरीन सर्विस देने के लिए डिजाइन किया गया है। बोट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हाई स्पीड पर भी कम लहरें पैदा हों।
  • वायटिला हब के ऑपरेटिंग कंट्रोल सेंटर में लगे ऑटोमेटिक बोट लोकेशन सिस्टम से बोट की पोजिशन की लगातार निगरानी की जाएगी। सीसीटीवी सिस्टम बेहतर सेफ्टी के लिए रिमोट लोकेशन से नाव की गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम है।
यह कटमैन फैरी डिजाइन्ड बोट है। इसकी लंबाई 24.8 मीटर है। इसमें एक बार में 100 पैसेंजर ट्रैवल कर सकते हैं।

यह कटमैन फैरी डिजाइन्ड बोट है। इसकी लंबाई 24.8 मीटर है। इसमें एक बार में 100 पैसेंजर ट्रैवल कर सकते हैं।

बोट के इंटीरियर में बड़ी खिड़कियां दी गई हैं ताकि पैसेंजर सफर के दौरान बाहर के एग्जॉटिक व्यू का भी आनंद ले सकें।

बोट के इंटीरियर में बड़ी खिड़कियां दी गई हैं ताकि पैसेंजर सफर के दौरान बाहर के एग्जॉटिक व्यू का भी आनंद ले सकें।

वाटर मेट्रो में लिथियम टाइटनेट ऑक्साइड (LTO) बैटरी लगी है। बैटरी की कैपेसिटी 122 kWh है। ये 15 मिनट में चार्ज हो सकती है।

वाटर मेट्रो में लिथियम टाइटनेट ऑक्साइड (LTO) बैटरी लगी है। बैटरी की कैपेसिटी 122 kWh है। ये 15 मिनट में चार्ज हो सकती है।

2. बोट टर्मिनल

  • साइज और कैपेसिटी के हिसाब से तीन तरह के बोट टर्मिनल हैं। मेजर, इंटरमीडिएट और माइनर टर्मिनल। पीक ऑवर ट्रैफिक (PHT) के आधार पर टर्मिनलों को प्लान किया गया है। 1000PHT वाला टर्मिनल मेजर और 300-1000PHT वाला टर्मिनल इंटरमीडियट माना जाता है। 300PHT से कम के टर्मिनल माइनर के तहत आते हैं।
  • सभी बोट टर्मिनलों को पेड और नॉन-पेड एरिया में डिवाइड किया गया है। टिकट फैसिलिटी, टिकट वेंडिंग मशीन, स्टेशन कंट्रोल अनपेड एरिया में हैं। पेड एरिया में वेटिंग एरिया, टॉयलेट आदि की व्यवस्था है। सभी टर्मिनलों पर ऑटोमेटेड फेयर कलेक्शन और यात्रियों की गिनती के लिए टर्नस्टाइल सिस्टम की फैसिलिटी है।
साइज और कैपेसिटी के हिसाब से तीन तरह के बोट टर्मिनल बनाए गए हैं। यहां टिकट फैसिलिटी, टिकट वेंडिंग मशीन, वेटिंग एरिया, टॉयलेट आदि की व्यवस्था है।

साइज और कैपेसिटी के हिसाब से तीन तरह के बोट टर्मिनल बनाए गए हैं। यहां टिकट फैसिलिटी, टिकट वेंडिंग मशीन, वेटिंग एरिया, टॉयलेट आदि की व्यवस्था है।

ये केरल का ड्रीम प्रोजेक्ट
इसे केरल का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। केरल सरकार और जर्मन फर्म KfW ने इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाया है। वाटर मेट्रो की ओनरशिप कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड यानी KMRL के पास है। पहले फेज में वाटर मेट्रो हाईकोर्ट-वाइपिन टर्मिनल और वायटीला-कक्कनाड टर्मिनल से चलेगी।

केरल के मुख्यमंत्री के अनुसार, पैसेंजर ट्रैफिक में फंसे बिना 20 मिनट से भी कम समय में हाईकोर्ट टर्मिनल से वायपिन टर्मिनल तक पहुंच सकेंगे। जबकि वॉटर मेट्रो के जरिए वायटीला से 25 मिनट में कक्कनाड पहुंचा जा सकता है।

कोच्चि वाटर मेट्रो की टिकट डिटेल्स
बोट जर्नी के लिए न्यूनतम टिकट की कीमत 20 रुपए, जबकि अधिकतम कीमत 40 रुपए है। रेगुलर पैसेंजर्स के लिए वीकली और मंथली पास अवेलेबल है। वीकली पास 180 रुपए का है। इससे 12 बार यात्रा कर सकते हैं।

50 ट्रिप के साथ 30 दिनों के लिए किराया 600 रुपए रहेगा, वहीं 90 दिनों के लिए 150 ट्रिप वाला पास 1500 रुपए का बनेगा। कोच्चि वन कार्ड का उपयोग कर कोच्चि मेट्रो रेल और कोच्चि वाटर मेट्रो में यात्रा की जा सकती हैं।

कोच्चि वन ऐप के जरिए भी टिकटों को डिजिटल रूप से बुक किया जा सकता है। बोट मेट्रो की सर्विसेस सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक ऑपरेट होंगी। वाटर मेट्रो के कॉमर्शियल ऑपरेशन 26 अप्रैल से शुरू होंगे।

केरल वाटर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की 200 से ज्यादा बोट
वर्तमान में, केरल वाटर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट विभिन्न मार्गों पर लगभग 200-बोट ऑपरेट कर रहा है, जो मुख्य रूप से वाइपिन द्वीपों को कोच्चि से जोड़ती हैं। हालांकि सालों से इन सर्विसेस की कई कारणों से आलोचना होती रही है। जैसे कि टाइम का पंक्चुअल न होना और पैसेंजर की सेफ्टी का ध्यान न रखना। कुछ प्राइवेट प्लेयर्स भी छोटी-मोटी सर्विसेस ऑपरेट करते हैं।