CG:: 13 लोगों पर कार चढ़ाने के मामले में 2 को आजीवन कारावास की सजा..4 वर्षीय बच्चे की मौत…
Last Updated on 5 months by City Hot News | Published: July 7, 2024
गरियाबंद// छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में 26 अक्टूबर 2020 को दशहरे के दिन 2 आरोपियों ने 100 की रफ्तार से 13 लोगों पर कार चढ़ा दी, जिसमें एक 4 साल के बच्चे की मौत हो गई थी। गरियाबंद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन ने 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 4 लोगों को बरी कर दिया है।
गरियाबंद रोड रेज केस में लगभग साढ़े 3 साल बाद फैसला आया है। कोर्ट में 29 की गवाही के बाद कुल 6 आरोपियों में से 4 आरोपियों को साक्ष्य के आधार पर बरी कर दिया गया है।
गरियाबंद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन ने 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है
दशहरे के आयोजन के दौरान विवाद
दरअसल, 2020 में मालगांव में दशहरे के आयोजन हो रहा था, उस रात पौने 11 बजे आरोपी रोमित राठौर अपनी लाल रंग की ब्रेजा कार में सौरभ कुटारे के साथ गरियाबंद से मालगांव की ओर निकला। मालगांव से गुजरने के दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोगों की इनकी कार से टकराने के बाद विवाद हो गया था।
तुम सब को खत्म कर दूंगा कहा था
इसके बाद आरोपी अपनी कार से उतर कर तुम लोगों को देख लूंगा, वापस आकर तुम सब को खत्म कर दूंगा कहा और आगे चला गया। कुछ समय बाद अपने साथ 4 अन्य साथियों को घर छोड़ने के नाम पर अपनी कार पर बैठा लिया था।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में 26 अक्टूबर 2020 को दशहरे के दिन 2 आरोपियों ने 100 की रफ्तार से 13 लोगों पर कार चढ़ा दी
100 की रफ्तार से चढ़ाई कार
जैसे ही इनकी कार मालगांव के पास पहुंची। आरोपी ने 100 किलोमोटर से अधिक रफ्तार में कार को रॉन्ग साइड से आ रहे लोगों पर चढ़ा दी, जिससे चार साल के बच्चे मुनेश सिन्हा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। अन्य 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वारदात के बाद आरोपी भाग निकले थे।
दूसरे दिन गरियाबंद पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को धारा 109,147,149,201 ,212,302 और 307 के तहत गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि केस चलने के दौरान इनमें से 4 आरोपियों को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया था।
साढ़े 3 साल तक चले इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन ने आज सभी गवाहों और तथ्यों के आधार पर दोनों आरोपीयों को धारा 302,307,34 के तहत आजीवन कारावास के साथ 5-5 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।