सांसद ज्योत्सना महंत ने जिस एक गांव को गोद लिया, वही गर्मियों में प्यास से बेहाल कचरे में पड़ा सिसक रहा है, तो कैसे होंगे कोरबा लोकसभा के हजार गांव..

Last Updated on 7 months by City Hot News | Published: April 28, 2024

  • खस्ताहाल सड़क, कचरे और गंदगी में पड़ा गांव, शायद गोद लेने के बाद से नहीं पड़े सांसद ज्योत्सना महंत के चरण
  • बारिश में कीचड़ और गर्मी में पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण, फोटो खिंचाकर गायब हुई सांसद को मदद के लिए 5 साल ढूंढ़ते रह गए लोग

कोरबा। गांवों को गोद लेकर शहर की तरह बनाने का सब्जबाग दिखाने वाली सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत ने दोबारा उनकी ओर पलट कर नहीं देखा। तस्वीरें खिंचवाकर खुद का गुणगान करने का मौका ढूंढने वाली निष्क्रिय सांसद ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र का एक गांव गोद ले लिया। गांव सुधार का जिम्मा तो उठा लिया पर इस मौके की फोटो खिंचवाने के बाद से सांसद ज्योत्सना के चरण उधर न घूमे। आलम यह है कि गांव में रहने वाले कई ग्रामीण खुद ही नहीं जानते कि वह सांसद कौन हैं, जिन्होंने खुद को उनका पालक घोषित कर बेसहारा छोड़ दिया है। गांव में जहां बारिश के मौसम में गलियां कीचड़ से सराबोर रहती हैं, वर्तमान गर्मी के सीजन में लोग पानी की कमी के चलते प्यास से बेहाल देखे जा सकते हैं। गांव कूड़ा करकट और गंदगी में पड़ा सिसक रहा है। खस्ताहाल सड़कों में ग्रामीणों के पैर छालों से लबरेज हैं। अब आप ही सोचिए कि पांच साल से इंतजार कर रही जनता भला अपनी बेपरवाह सांसद से आगे और क्या उम्मीद कर सकती है, जो दोबारा उन्हें अपना कीमती मत देकर अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारने की गलती दोहराए।

आपको बता दें कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र की मौजूदा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत ने पांच साल के अपने कार्यकाल में वैसे तो दो-दो गांव गोद लिए, पर किसी एक की भी दशा न सुधार सकीं। यहां आज भी खासकर गर्मी के मौसम में नीचे गिर जाने वाले जल स्तर में पानी का भारी संकट महसूस किया जा सकता है। सांसद ज्योत्सना ने जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कटघोरा ब्लाक के अंतर्गत ग्राम ढुरैना को गोद ले रखा है। इस गांव में पेयजल एक बड़ी समस्या है। गांव के पास कोयला का खदान क्षेत्र है, जिस वजह से जल स्तर में भारी गिरावट आई है। गर्मी में यह समस्या और भी विकट हो जाती है, लेकिन जनता को इसका समाधान अब तक नहीं मिला है। इसके अलावा सांसद की ओर से स्वीकृत किए गए कई विकास कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाए है


सांसद निधि से मांगा सीसी रोड, लाखों खर्च कर मुरुम डाल गए

सांसद निधि लोगों की मदद और जन कल्याण के लिए होती है, पर सांसद ज्योत्सना महंत इसका भी उपयोग न तो ठीक से तरह से कर पाईं और जहां हुआ, वहां भी आधी-अधूरी व्यवस्था आज भी देखी जा सकती है। सांसद मैडम ने पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के जल्के गांव को भी गोद लिया था, लेकिन यहां भी अब तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। गांव के सरपंच मंगल सिंह कहते हैं, कि बस्ती से मुख्य रोड तक मार्ग के लिए सांसद निधि से कंक्रीटीकरण की मांग की गई थी पर मनरेगा से केवल मुरूम डाल दिया गया। तालाब को गहरा करने के लिए सांसद निधि से 14.80 लाख रुपए आवंटित हुए हैं। पहले चरण में 6 लाख की राशि मिली है, जिससे काम जारी है। वहीं गांव के मिडिल स्कूल की भी हालत जर्जर हो चुकी है।

बाक्स
छग में काबिज रही कांग्रेस की अपनी ही सरकार की बेसहारा सांसद

इसके अलावा कोरबा ब्लाक के ग्राम भैसमा भी आदर्श ग्राम में चुना गया था, लेकिन यहां के लोगों को भी इसका अधिक लाभ नहीं मिला। यहां सांसद निधि से महज 10 मीटर सीसी रोड का निर्माण हो सका। इसके अलावा अनेक कार्य प्रस्तावित तो किए गए, पर आज भी उनका अता पता नहीं है। सांसद ज्योत्सना महंत की पांच साल की सांसदी के बीच चार साल तक कांग्रेस की भूपेश सरकार प्रदेश में काबिज रही, खुद पूर्व राजस्व मंत्री उनके अपने संसदीय क्षेत्र कोरबा से ही थे, बावजूद इसके इस बीच वे अपनी ही सरकार के होते असहाय नजर आईं और यही वजह है जो उन्हें क्षेत्र में एक सबसे निष्कृय सांसद की संज्ञा देने लोग मजबूर हुए।