पहाड़ी कोरवा का घर पर हुआ प्रसव, नवजात की मौत: कोरबा में 24 घंटे तड़पती रही महिला, कांवर में बैठाकर डायल 112 गाड़ी तक पहुंचाया..

Last Updated on 7 months by City Hot News | Published: April 21, 2024

कोरबा// कोरबा में एक पहाड़ी कोरवा महिला का घर में ही प्रसव कराया गया। सड़क विहीन होने के कारण महिला को कांवर से 2 किलोमीटर तक पैदल लेकर मुख्य मार्ग पर डायल 112 के वाहन तक लाया गया। वहीं समय से पहले प्रसव होने के कारण नवजात की घर पर ही मौत हो गई।

दरअसल, रायपुर स्थित कंट्रोल रूम से डॉयल 112 बालको कोबरा वन को इवेंट मिला था। शुक्रवार की दोपहर करीब 3.44 बजे इवेंट मिलते ही डॉयल 112 में तैनात आरक्षक बसंत कुमार, चालक साहिल रात्रे के साथ लेमरू के चिरईझुंझ (डोकरमना) के लिए रवाना हो गए। वे किसी तरह गांव के करीब तो पहुंच गए, लेकिन वाहन लेकर पीड़िता के घर तक जाना संभव नही था।

डायल 112 के पहुंचने से 24 पहले हुआ था प्रसव

ऐसे में डॉयल 112 कर्मी पैदल ही चिरईझुंझ में रहने वाले राजेश पहाड़ी कोरवा के घर जा पहुंचे। उसकी पत्नी धनपतिया बाई का 24 घंटे पहले यानी बुधवार को प्रसव हुआ था। वह प्रसव के बाद से दर्द से तड़प रही थी। लिहाजा डॉयल 112 कर्मी परिजनों की मदद से जच्चा-बच्चा को कांवर में उठाकर करीब डेढ़ किलोमीटर पहाड़ी रास्ते में चलकर वाहन तक पहुंचे।

समय से पहले जन्मे नवजात की हुई मौत

इसके बाद शुक्रवार देर रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाकर दाखिल कराया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद समय से पहले जन्मे नवजात को मृत घोषित कर दिया। प्रसूता को अस्पताल में दाखिल कर उपचार शुरू कर दिया गया, जबकि मृत नवजात को परिजनों के सुपुर्द किया गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सह अधीक्षक रविकांत जाटवर ने इस मामले की स्वास्थ्य कर्मियों से जानकारी ली।

नवजात के शव को पॉलिथिन में रख अस्पताल में ही रखा

बताया जा रहा है कि नवजात के शव को प्रसूता की सास के सुपुर्द किया गया था। उन्होंने कपड़े में लिपटे नवजात के शव को पॉलिथिन में रख कर अस्पताल बेड के नीचे रख दिया। इसकी भनक न तो आसपास बेड में भर्ती प्रसूताओं को थी और न ही स्वास्थ्य कर्मियों को। मामला संज्ञान में आते ही प्रबंधन ने पीड़ित परिवार को समझाइश देते हुए मृत नवजात के शव को दफन कराया।

एम्बुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन नहीं मिली मदद

महिला के पति राजेश ने बताया कि उसकी पत्नी धनपतिया बाई को बुधवार को प्रसव पीड़ा शुरू हो गया। इसकी जानकारी उसने मितानीन गीता को दी। उसकी देखरेख में समय से पहले प्रसव भी हो गया। मितानीन ने बच्चे के कमजोर होने के कारण अस्पताल ले जाने की सलाह दी और एम्बुलेंस के लिए कॉल भी की, लेकिन मोबाइल में नेटवर्क नहीं होने से कोई मदद नहीं मिल सकी।