रायपुर : उल्लास- मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता टेस्ट में 17 मार्च को दो लाख शिक्षार्थी शामिल होंगे

Last Updated on 8 months by City Hot News | Published: March 13, 2024

  • बस्तर के शिक्षार्थियों व स्वयंसेवी शिक्षकों से संचालक साक्षरता मिशन ने किया संवाद
  • उल्लास कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी का लिया संकल्प
  • संचालक ने उल्लास मोबाइल ऐप में स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में रजिस्टर्ड कर 10 शिक्षार्थियों को पढ़ाने का लिया संकल्प

रायपुर(CITY HOT NEWS)//

Raipur: Two lakh learners will appear in ULAS- Basic Literacy and Numeracy Test on March 17.

उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत 17 मार्च को आयोजित राष्ट्रीय व्यापी मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता मिशन (एफएलएन) टेस्ट परीक्षा में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से लगभग दो लाख शिक्षार्थी शामिल होंगे। इस परीक्षा की तैयारी के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित की गई। एससीईआरटी एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के डायरेक्टर श्री राजेंद्र कुमार कटारा ने प्रदेश व्यापी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बस्तर जिले के विभिन्न ग्रामों से आए शिक्षार्थियों और स्वयं सेवी शिक्षकों से सीधा संवाद किया। श्री कटारा ने बताया कि उन्होंने उल्लास ऐप में स्वयंसेवी शिक्षक बनकर 10 शिक्षार्थियों का चयन किया है, अब उन्हें पढ़ाउंगा। परीक्षा की तैयारी के लिए आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट प्रिंसिपल, जिला परियोजना अधिकारी और नोडल अधिकारियों ने भाग लिया।

श्री कटारा ने बस्तर जिला मुख्यालय में एकत्रित समूह को संबोधित करते हुए कहा कि जो पढ़ नहीं पाए उन्हें झिझक महसूस होती है एक एप्लीकेशन लिखने के लिए भी दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है। सरकारी योजनाओं में अंगूठा लगाना होता है, इसलिए जरूरी है कि सभी लोग पढ़-लिखकर अपना वह अपने परिवार का नाम लिख सकें। उन्होंने उपस्थित स्वयंसेवी शिक्षकों से कहा कि वे शिक्षार्थियों को अध्यापन कराकर उनके जीवन में उजाला लाने वाले हैं। एक दूसरे के बीच संवाद के लिए भाषा बनाई गई है, उसे ही समझना और समझाना एक माध्यम है।

श्री कटारा ने कहा कि वे बस्तर के लोगों को पहले से जानते हैं, आज आपके जज्बे ने यह बता दिया कि आप लोग अपनी जिंदगी बदलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन ऐसे ही आएगा हमें पीछे नहीं देखना है आगे बढ़ाना है, सभी चैलेंज को स्वीकार कर हमें पढ़ना है और मुख्य धारा में शामिल होना है। उन्होंने यह भी कहा की पढ़ने के बाद एक पालक के रूप में हम नाती-पोते और बच्चों की मॉनीटरिंग भी कर सकते हैं कि वह क्या पढ़ रहा है। यदि हम पढ़ लिखकर प्रमाण-पत्र अपने घर में लगाएंगे तो इससे बच्चों के लिए भी मोटिवेशन का काम करेगा।
 श्री कटारा ने जिले के अधिकारियों से कहा कि उल्लास कार्यक्रम के लिए हमें अपने गांव और ब्लॉक से ही छोटी-छोटी शुरुआत करनी है। हम सकारात्मक दृष्टिकोण अपना कर इस अभियान में मिशन मोड में काम करेंगे तो लोग हमसे जुड़ते जाएंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि सबसे पहले हम स्वयंसेवी शिक्षक बने।   

उल्लास कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री प्रशांत पांडेय ने राष्ट्रव्यापी बुनियादी परीक्षा अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एससीएल के प्रभारी श्री डेकेश्वर प्रसाद वर्मा ने डाइट प्रिंसिपल की भूमिका को बताया कि वह किस प्रकार मॉनिटरिंग करेंगे।