झारखंड में कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस में फूट: 12 विधायक नाराज, 10 दिल्ली जा रहे, बसंत सोरेन के मनाने पर भी नहीं माने…
Last Updated on 9 months by City Hot News | Published: February 17, 2024
रांची// झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद चंपई सरकार मुश्किल में पड़ गई है। कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद नहीं मिलने से कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक नाराज हैं। नाराज विधायकों ने दो दिन में तीन बार बैठक की। 10 विधायक दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए हैं।
कांग्रेस के 17 विधायक में से 4 चंपई सरकार में मंत्री हैं। नाराज 12 विधायकों में से 2 दिल्ली नहीं जा रहे।
शनिवार शाम को नाराज 12 कांग्रेसी विधायकों में से 8 ने बिरसा चौक स्थित रासो होटल में साढ़े तीन घंटे तक बैठक की। हेमंत सोरेन के भाई और चंपई सरकार के मंत्री बसंत सोरेन इन विधायकों से मिलने पहुंचे। लेकिन, बात नहीं बनी। हालांकि, बसंत सोरेन ने कहा- परिवार में कुछ शंका थी, उसे दूर करने का प्रयास किया गया है। बता दें कि चंपई सरकार में कांग्रेस के 4 विधायक मंत्री हैं।
ये विधायक हैं नाराज
नाराज विधायकों में राजेश कच्छप, जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, डॉ. इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, सोना राम सिंकू, भूषण बारा, नमन विक्सल कोंगड़ी, रामचंद्र सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की, अंबा प्रसाद, दीपिका सिंह पांडेय, पूर्णिमा नीरज सिंह शामिल हैं। इनमें से दो विधायक दिल्ली नहीं जा रहे हैं।
विधायकों की नाराजगी क्यों है सरकार को खतरा
81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। इनमें सोरेन सरकार के पास 48 विधायक हैं। इनमें 17 विधायक कांग्रेस के हैं। कांग्रेस के 12 विधायक नाराज है। ऐसे में अगर ये सरकार से समर्थन वापस लेते हैं, तो सरकार गिर जाएगी। 2 तिहाई से ज्यादा संख्या होने की वजह से इन्हें दल-बदल कानून से भी परेशानी नहीं होगी।
दिल्ली में बात नहीं बनी तो जयपुर जाएंगे
चर्चा है कि कांग्रेस विधायक दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से मिलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं। अगर इनकी नाराजगी दूर हुई तो वे रांची लौटेंगे, लेकिन हल नहीं निकला तो जयपुर जाकर वहां सभी एक जगह रहेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। सिमडेगा से कांग्रेस विधायक भूषण बाड़ा ने खेला होने की बात कही है।
रासो होटल में मीटिंग खत्म होने के बाद बाहर निकलते हुए कांग्रेस के नाराज विधायक।
इस बात की भी चर्चा थी कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी आज दिल्ली जा सकते हैं। झारखंड में ये सियासी हलचल ऐसे समय पर हो रही है, जब अगले हफ्ते यानी 23 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है।
नाराज विधायक बोले- जनता के बीच कैसे जाएंगे
नाराज विधायकों ने एक स्वर में कैबिनेट में शामिल हो रहे मंत्रियों को रिपीट नहीं करने की बात कही है। कई विधायक अपने लिए मंत्री पद की भी मांग कर रहे हैं। विधायकों का कहना है कि ऐसे मंत्री जिन्होंने अब तक बेहतर प्रदर्शन नहीं किया, उन्हें मौका दे दिया गया। चंपई सरकार में नए चेहरों को मंत्रिमंडल में मौका मिलना चाहिए। ताकि वह अपनी योग्यता साबित कर सकें।
नाराज विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि चुनाव के दौरान उन्हें जनता के बीच जाना है। ऐसे में अगर काम बेहतर नहीं होगा तो वह कैसे जनता का सामना करेंगे।
प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष ने की समझाने की कोशिश नहीं निकला रास्ता
विधायकों की नाराजगी दूर करने की यहां भी खूब कोशिश हुई। प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी नाराज विधायकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है। अब नाराज विधायक खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस विधायकों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में नए चेहरों को मौका मिलना चाहिए था, जो नहीं मिला।
झामुमो से भी बगावत की आवाज
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक बैद्यनाथ राम ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने यह भी कहा कि अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर अगला विधानसभा चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे।
कल 8 विधायकों ने ली थी मंत्री पद की शपथ, 3 कांग्रेसी
शुक्रवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इनमें JMM के 5 और कांग्रेस के 3 विधायक शामिल हैं। आठ में से 6 मंत्री पहले भी हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के तीनों मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख इनमें शामिल हैं। अंतिम समय में कांग्रेस विधायक बैद्यनाथ राम का नाम कट गया।