आईएएस-आईपीएस और नेताओं समेत 104 को बनाया गया आरोपी: कोल-शराब स्कैम के बाद एसीबी में महादेव सट्टा और डीएमएफ घोटाले में दो नई एफआईआर दर्ज..

Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: January 29, 2024

रायपुर// केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी)व ईओडब्लू ने महादेव सट्टा एप और डीएमएफ घोटाले में दो नई एफआईआर दर्ज की है। ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी-ईओडब्लू ने आईएएस रानू साहू, कई आईएएस-आईपीएस के अलावा कुछ पुलिस अधिकारियों व वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया है। एफआईआर में कुछ खनिज अधिकारियों, ठेकेदारों और कंपनी के मालिक समेत 104 से ज्यादा लोगों के नाम हैं। महादेव सट्टा में 60 से ज्यादा और डीएमएफ में 54 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है।

इससे पहले ईडी के प्रतिवेदन में एसीबी ने दो हजार करोड़ के आबकारी व 554 करोड़ के अवैध कोल परिवहन घोटाले में भी केस दर्ज किया है। ईडी ने पिछले साल एसीबी-ईओडब्लू डायरेक्टर को प्रतिवेदन भेजा था। उन्होंने 1200 करोड़ के ज्यादा के डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाले में कार्रवाई के लिए कहा था। उसके बाद सट्टेबाजी में 500 करोड़ के मनी लॉड्रिंग और हवाला केस की कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखी है। उसी के बाद से एसीबी-ईओडब्लू में जांच चल रही थी। उसमें दो दिन के भीतर केस दर्ज कर लिया गया है।

सट्टेबाजी के घेरे में पुलिस के अधिकारी-जवान भी

महादेव सट्टा में मनी लॉड्रिंग और हवाला केस में एसीबी-ईओडब्लू ने कारोबारी सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी, अनिल अग्रवाल उर्फ अतुल, एएसआई सतीश चंद्राकर, सिपाही भीम सिंह यादव, हवाला कारोबारी अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, अमित अग्रवाल, नितिन तीबड़ेवाल, असीम दास, रोहित गुलाटी, पवन नत्थानी, विकास छापरिया, विशाल कुमार, धीरज समेत पुलिस के बड़े अधिकारी-कर्मचारी, विधायक, नेता, कारोबारी समेत अन्य पर आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 और 12 पीआरई के तहत केस दर्ज किया है। इसका अपराध क्रमांक 04/24 है। हालांकि इस मामले में ईडी ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि 13 और लोगों को आरोपी बनाया है।

डीएमएफ घोटाला में जेल में पूछताछ

ईडी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाले में जेल में बंद आईएएस रानू साहू से लंबी पूछताछ कर चुकी है। आरोप है कि कोरबा कलेक्टर रहते हुए डीएमएफ फंड में हेराफेरी की है। उनके पहले और बाद जो भी कोरबा, रायगढ़ कलेक्टर बना सभी जांच के घेरे में है। इसमें खनिज विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ हो चुकी है। इसमें कुछ वर्तमान और पूर्व विधायक, रिटायर आईएएस समेत 54 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। एसीबी-ईओडब्लू ने ईडी की चिट्ठी के बाद अपराध क्रमांक 03/24 में आईपीसी की धारा 120बी, 420, 12पीआरई, 7ए-पीआरई के तहत केस दर्ज किया है।

आबकारी और कोल में इन पर एफआईआर

एसीबी-ईओडब्लू ने आबकारी व कोल परिवहन में कई ​चर्चित लोगों पर केस दर्ज किया है। इसमें विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, देवेंद्र यादव, पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव प्रसाद राय, यूडी मिंज, निलंबित आईएएस समीर विश्नोई व रानू साहू, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, सहायक खनिज अधिकारी संदीप कुमार नायक, खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग, कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय, रौशन कुमार सिंह, निखिल चंद्राकर, राहुल सिंह, पारिख कुर्रे, मोइनुद्दीन कुरैशी, वीरेंद्र जायसवाल, रजनीकांत तिवारी, हेमंत जायसवाल, जोगिंदर सिंह,नवनीत तिवारी, दीपेश टांक, राहुल मिश्रा, रामगोपाल अग्रवाल, अनवर ढेबर, अख्तर ढेबर समेत अन्य शामिल है।

​पिछली सरकार ने नहीं दर्ज किया था केस

ईडी ने पिछले साल कांग्रेस सरकार के दौरान एसीबी-ईओडब्लू को पहले कोल परिवहन केस, फिर आबकारी में घोटाले का प्रतिवेदन भेजा था। उसमें भ्रष्टाचार और उससे अर्जित संपत्ति की जानकारी दी गई थी। फिर ईडी ने महादेव सट्टा व डीएमएफ घोटाला का जांच के बाद प्रतिवेदन भेजा। उस समय चारों मामले में तत्कालीन सरकार और एसीबी-ईओडब्लू ने कोई कार्रवाई नहीं ​की थी। तब हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में यह मामला अभी विचाराधीन है।

दुबई से प्रमोटर को लाने की तैयारी

महादेव सट्टा में दुबई पुलिस ने मुख्य प्रमोटर रवि उप्पल को नजरबंद किया है। ईडी इंटरपोल की मदद से उसे रायपुर लाने की तैयारी कर रही है। ईडी ने कोर्ट में इसके लिए अर्जी लगाई है। ईडी ने अरब पुलिस की कार्रवाई का दस्तावेज जमा किया है, जो अरबी भाषा में है। उसे अभी हिंदी व अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया जा रहा है। उसे पढ़ने के बाद कोर्ट प्रमोटर को लाने का आदेश दे सकती है। इधर ईडी खुद डीएमएफ फंड की जांच कर रही है। इसमें दो दर्जन से ज्यादा पूछताछ और उनके ठिकानों में छापेमारी हो चुकी है। इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसमें भी ईडी गिरफ्तारी कर सकती है।