फंड का फंडा: सही समय पर निवेश न भुनाने से भी हो सकता है नुकसान, इन 4 कारणों से निकाल सकते हैं पैसा…

निवेश के लिए मुफीद म्यूचुअल फंड चुनना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी ऐसे निवेश को भुनाने का सही समय मालूम होना भी है। सिर्फ टैक्स चुकाने से बचने के लिए निवेश को सही समय पर भुनाने में कोताही न बरतें। ध्यान रखें कि कई बार समय पर निवेश न भुनाने से नुकसान भी उठाना पड़ता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आपके पास हर निवेश के लिए एक एक्जिट स्ट्रैटजी हो। हम आपको ऐसे कारणों के बारे में बता रहे हैं जब निवेश निकाल लेना सही साबित हो सकता है।

1. कमजोर प्रदर्शन के चलते
फंड का प्रदर्शन कमजोर है या सामान्य, ये आंकना आसान नहीं है। कुछ महीने या तिमाही किसी फंड का कमजोर प्रदर्शन सामान्य है। लेकिन यदि कोई फंड बेंचमार्क (जैसे सेंसेक्स) या अन्य फंडों के मुकाबले लगातार 1-2 साल कमजोर रहे तो निवेश निकाल लेना चाहिए।

2. लक्ष्य हासिल होने पर
मान लीजिए कि आपने बेटी की पढ़ाई के लिए 2025 तक 40 लाख रुपए जुटाने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया था, लेकिन ये 2023 में ही 43 लाख हो गया। ये निवेश भुनाने का सही मौका है। इक्विटी में ज्यादा निवेश के चलते संभव है कि आगामी महीनों में रिटर्न घट जाए।

3. री-बैलेंस करने के लिए
मान लीजिए कि आपने 60% इक्विटी और 40% डेट फंड वाला पोर्टफोलियो बनाया है। कुछ साल बाद ये 25 लाख रुपए का हो गया। इसमें 4 इक्विटी फंड के 18 लाख हैं। मतलब इक्विटी में आवंटन 72% हो गया। इसे 60% पर लाने के लिए कुछ फंड बेचने होंगे।

4. इंडेक्स फंड में जाने के लिए
हाल के वर्षों में ज्यादातर एक्टिव लार्ज-कैप फंड्स का प्रदर्शन बेंचमार्क से कमजोर रहा है। रिटर्न में इंडेक्स फंड जैसे पैसिव फंड्स को मात देना इनके लिए मुश्किल हो गया है। यदि आपके लार्ज-कैप फंड के साथ भी ऐसा हो रहा हो इसे भुनाकर इंडेक्स फंड में निवेश कर दें।

इन वजहों से भी निकाल सकते हैं म्यूचुअल फंड से पैसे

  • आपने किसी फंड में काफी कम निवेश किया है और उसे बढ़ाने का इरादा नहीं रखते तो बेहतर है उससे निकल जाएं।
  • एसेट मैनेजमेंट कंपनी का विलय हो रहा हो और जिसकी स्कीम में आपका निवेश है, वो इसका हिस्सा हो।
  • फंड मैनेजर बदल जाए और नए व्यक्ति की क्षमता को लेकर संदेह हो तो रिस्क बढ़ने से बचने के लिए।
  • स्कीम की निवेश रणनीति या ढांचा बदलने से जब कोई फंड वैसा न रह जाए, जैसा निवेश के समय था