जिला कांग्रेस कार्यालय में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती मनाया गया

Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: January 23, 2024

कोरबा:- जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा द्वारा आज जिला कांग्रेस कार्यालय में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम में महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्याम सुंदर सोनी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी, ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर, इंटक पदाधिकारी मनहरण राठौर, महासचिव नरायण अग्रवाल, प्रवक्ता सुरेश कुमार अग्रवाल, भुवन पाल एवं जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गई।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए महापौर राजकिशोर प्रसार ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने देश की स्वाधीनता के संग्राम में अपने जीवन को समग्र न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू के पिता भी राष्ट्रभक्त थे उन्होंने काफी आशाओं के साथ सुभाष बाबू को आई.सी.एस. परीक्षा के लिए भेजा सन् 1920 में आई.सी.एस. परीक्षा में चौथे स्थान पर आकर सुभाष बाबू ने सभी को अचंभित कर दिया था। लेकिन देशभक्ति से प्रेरित होकर सुभाष बाबू ने आई.सी.एस. की नौकरी छोड़ दी और उन्हे कांग्रेस स्वयंसेवक दल के कप्तान बनाए गए।
सभापति श्यामसुंदर सोनी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद करते हुए कहा कि आजाद हिन्द फौज की स्थापना कर नेताजी ने भारतीय रीति से साम्प्रदायिक एकता का जो आदर्श प्रस्तुत किया वह सर्वथा स्मरणीय एवं अनुकरणीय है।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में नेताजी का नारा ‘‘तुम मुझे खुन दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा’’ को याद करते हुए कहा कि नेताजी के इस नारा से देश का बच्चा-बच्चा सहित प्रत्येक नागरिकों के हृदयों में स्फूर्ति, आशा और नये प्राणों का संचार होने लगा था और प्रत्येक नागरिक आजाद भारत की परिकल्पना करने लगे थे।
ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर ने बताया कि सन् 1992 में महान देशभक्त नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई। भारतमाता के इस महान सपूत का सम्मान करना सर्वथा उचित है। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जी की जीवनी पर नरायण अग्रवाल, इंटक पदाधिकारी मनहरण राठौर, जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुरेश कुमार अग्रवाल ने भी प्रकाश डाला और उन्हे याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।