सूडान में फिर तख्तापलट की कोशिश: सेना-पैरामिलिट्री की लड़ाई में 56 की मौत, 600 घायल; 2021 में भी ऐसे ही बदली थी सत्ता…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 16, 2023

खार्तूम// सूडान की राजधानी खार्तूम सहित कई इलाकों में गोलीबारी और विस्फोट जारी हैं। यहां की मिलिट्री और पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) में लड़ाई चल रही है। BBC के मुताबिक, हिंसा में अब तक 56 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जिसमें UN के 3 कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा अब तक 600 लोग घायल हुए हैं। RSF ने दावा किया है कि उसकी सेना ने राजधानी में ज्यादातर सरकारी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया है।

सूडान में सेना और RSF के बीच लगातार हमले जारी हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो (हेमेदती) सूडान में फिर से तख्तापलट करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी सेनी सभी आर्मी बेस पर कब्जा नहीं कर लेगी, हम पीछे नहीं हटेंगे। इस बयान के बाद देश की मिलिट्री फोर्स ने RSF को भंग करने का फैसला किया है। साथ ही डागालो का पोस्टर जारी कर उसे भगौड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया है।

सूडान में सड़कों पर तोप और बख्तरबंद गाड़ियों से लगातार हमले किए जा रहे हैं।

सूडान में सड़कों पर तोप और बख्तरबंद गाड़ियों से लगातार हमले किए जा रहे हैं।

हिंसा में 3 UN कर्मचारियों की मौत
हिंसा के बीच सूडान की आर्मी ने बयान जारी कर कहा- हम जेट्स के जरिए RSF के ठिकानों पर हमला कर रहे हैं। लोगों से अपील है कि वो अपने घरों में ही रहें। इससे पहले शनिवार को डार्फर प्रांत के कबकाबिया शहर में एक मिलिट्री बेस पर RSF के हमले में 3 UN कर्मचारियों की मौत हो गई। तीनों UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) के कर्मचारी थे। WFP आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर समुदायों तक खाना पहुंचाने का काम करती है।

राजधानी खार्तूम के ऊपर मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स उड़ते नजर आए। ये RSF के ठिकानों पर नजर बनाए हुए हैं।

राजधानी खार्तूम के ऊपर मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स उड़ते नजर आए। ये RSF के ठिकानों पर नजर बनाए हुए हैं।

RSF ने सरकारी कार्यालयों पर कब्जे का दावा किया
इससे पहले शनिवार को पैरामिलिट्री फोर्स ने खार्तूम के एयरपोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने का दावा किया था। इसके अलावा उन्होंने स्टेट TV और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर भी अपने कंट्रोल की बात कही थी। हालांकि सेना ने उनके दावों को खारिज कर दिया। अलजजीरा को दिए एक इंटरव्यू में RSF चीफ डागालो देश के राष्ट्रपति और मिलिट्री चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान को क्रिमिनल बताते हुए उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।

सूडानी एयरफोर्स ने शनिवार देर रात लोगों को घर के अंदर रहने की अपील की। साथ ही खार्तूम में स्कूलों, बैंकों और सरकारी कार्यालयों को बंद कर दिया गया। राजधानी में गोलियों और विस्फोटों की आवाजें गंजू रही हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक राजधानी की सड़कों पर तोप और बख्तरबंद गाड़ियां घूम रही हैं। सेना और RSF मुख्यालय के पास भारी हथियारों के साथ फोर्सेस तैनात हैं।

हिंसा के बीच डार्फर प्रांत में कई बिल्डिंग्स के ऊपर धुआं उठता नजर आया।

हिंसा के बीच डार्फर प्रांत में कई बिल्डिंग्स के ऊपर धुआं उठता नजर आया।

खार्तूम एयरपोर्ट पर हमले के दौरान सहमे लोग जमीन पर लेट गए।

खार्तूम एयरपोर्ट पर हमले के दौरान सहमे लोग जमीन पर लेट गए।

वीडियो में लड़ाई के बीच लोगों को भागते हुए देखा जा सकता है।

वीडियो में लड़ाई के बीच लोगों को भागते हुए देखा जा सकता है।

US, UK, EU ने की शांति की अपील
वहीं सूडान में बढ़ती हिंसा को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और EU ने तुरंत लड़ाई खत्म करने की अपील की है। UN के सेक्रेटरी जनरल ने सेना प्रमुख बुरहान और RSF चीफ डागालो को फोन कर देश में शांति स्थापित करने के लिए बात की। सूडान में मौजूद रूसी एम्बेसी ने भी फौरन सीजफायर की अपील की है।

वहीं शनिवार को हमले के दौरान सऊदी अरब की फ्लाइट में आग लगने के बाद सऊदी सहित मिस्र ने सूडान जाने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। चाड देश ने भी सूडान से लगे बॉर्डर को बंद कर दिया है।

5 पॉइंट्स में समझें सूडान में हिंसा की वजह…

1. सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तब के राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे।

2. अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया। लेकिन फिर लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।

3. इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार को गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।

4. आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है।

5. सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने है। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।