कोरबा में धान खरीदी केंद्र में किसानों ने दिया धरना:प्रभारी पर दुर्व्यवहार का लगाया आरोप, पुलिस ने शांत कराया मामला
Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: January 9, 2024
कोरबा// कोरबा के ग्राम तिलकेजा स्थित धान खरीदी केंद्र में किसान धरने पर बैठ गए। किसानों ने खरीदी केंद्र प्रभारी पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि प्रभारी ने पांच किसानों के धान को यह कहकर लेने से मना कर दिया कि उनका धान अमानक है। इस संबंध में प्रभारी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार दिया।
जानकारी के मुताबिक धान में नमी होने के साथ ही उसमें जड़ निकल आया है। लिहाजा प्रभारी ने धान लेने से मना कर दिया। इसके बाद किसान आक्रोशित हो गए और धान खरीदी केंद्र के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। किसानों ने प्रभारी पर दुर्व्यवहार करने के साथ ही पैसे मांगने का भी आरोप लगाया है।
विरोध में धरना पर बैठी महिला किसान
खरीदी केंद्र पर धक्का-मुक्की करने का किसान ने लगाया आरोप
धान खरीदी केंद्र में एक किसान ने फड़ प्रभारी पर केंद्र में घुसने नहीं देने का आरोप भी लगाया। किसान ने बताया कि जब वह अपना धान लेकर अंदर घुसा तब गेट बंद कर दिया गया और उसके साथ धक्का-मुक्की की गई। धक्का-मुक्की में वह जमीन पर गिर गया, जिससे उसके हाथ के अंगूठे में चोट भी लगा है।
किसानों को समझाइश देने पहुंची पुलिस
पुलिस ने मामले में किया हस्तक्षेप
तिलकेजा निवासी अनीता बाई ने बताया कि समय पर बोरा नहीं मिलना, टोकन में हेरा-फेरी के अलावा फड़ प्रभारी के अभद्र व्यवहार की कारण उन्हें गेट पर प्रदर्शन करना पड़ा। वहीं मामले की जानकारी के बाद उरगा थाना पुलिस को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों के समझाइश दी। जिसके बाद किसानों ने प्रदर्शन को खत्म किया।
प्रभारी ने धान को अमानक होना बताया।
दुर्व्यवहार का किया विरोध तो धान लेने से किया मना
किसान शंकर दयाल शर्मा ने बताया कि धान का टोकन काटने के बाद बेचने के लिए आया हुआ था। इसके बाद गेट खुलने के बाद जैसी ही अंदर गया उसके साथ प्रभारी ने दुर्व्यवहार किया। जब इसका विरोध किया गया तब उसने धान लेने से मना कर दिया।
किसान ने प्रभारी पर अभद्र व्यवहार का लगाया आरोप।
फड़ प्रभारी ने आरोपों को नकारा
किसानों के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के संबंध में जब हमने फड़ प्रभारी दिलचन्द धीवर से बात की तब उन्होंने सभी आरोपों से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि धान अमानक था, इसलिए उन्होंने किसानों को धान वापस ले जाने को कहा।