Russia-Ukraine war: अमेरिकी चेतावनी के बाद झुका चीन! युद्ध में किसी पक्ष को हथियार नहीं बेचने का लिया संकल्प…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 15, 2023
चीन के विदेश मंत्री किन गैंग ने कहा कि चीन, रूस-यूक्रेन संघर्ष के संबंधित पक्षों को हथियार मुहैया नहीं कराएगा और कानूनों और विनियमों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात का प्रबंधन और नियंत्रण करेगा।
चीन के विदेश मंत्री किन गैंग। – फोटो : सोशल मीडिया
बीजिंग// चीन रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी भी पक्ष को हथियार नहीं बेचेगा। दरअसल, पश्चिमी देशों ने चिंता जताई थी कि बीजिंग रूस को सैन्य सहायता प्रदान कर सकता है, जिसका जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्री किन गैंग ने शुक्रवार को यह बात कही। चीन ने राजनीतिक, बयानबाजी और आर्थिक रूप से रूस का समर्थन करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि वह संघर्ष में तटस्थ है। चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिमी देशों ने रूस पर दंडात्मक प्रतिबंध लगाए हैं और मॉस्को को अपने पड़ोसी पर आक्रमण के लिए अलग-थलग करने की मांग की है।
सैन्य सामग्री के निर्यात को लेकर चीन विवेकपूर्ण और जिम्मेदार रवैया अपनाता है: किन गैंग
किन गैंग रूस को हथियारों की बिक्री के बारे में इस तरह का स्पष्ट बयान देने वाले उच्चतम स्तर के चीनी अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि चीन दोहरे नागरिक और सैन्य उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात को भी विनियमित करेगा। किन ने जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक (Annalena Baerbock) के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सैन्य सामग्री के निर्यात को लेकर चीन विवेकपूर्ण और जिम्मेदार रवैया अपनाता है। उन्होंने कहा, चीन संघर्ष के संबंधित पक्षों को हथियार मुहैया नहीं कारएगा और कानूनों और नियमों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात का प्रबंधन और नियंत्रण करेगा।
विदेश मंत्री ने संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने की चीन की इच्छा को भी दोहराया। संवाददाता सम्मेलन में किन ने बीजिंग द्वारा बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किए जाने के बाद बढ़े हुए क्षेत्रीय तनाव के लिए ताइवान की सरकार को दोषी ठहराया।
अमेरिका ने दी थी चेतावनी
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फरवरी में कहा था कि अमेरिका के पास ऐसी खुफिया जानकारी है कि चीन रूस को हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि क्रेमलिन के युद्ध के प्रयास में इस तरह की साझेदारी एक “गंभीर समस्या” होगी। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को किन के संकल्प का स्वागत किया कि चीन रूस को हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा, लेकिन कुछ घबराहट भी व्यक्त की।
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा, जैसा कि हमने हमेशा कहा है, हमें नहीं लगता कि उस दिशा में आगे बढ़ना चीन के हित में है। हम बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे।
यूरोपीय नेताओं ने भी दी थी चेतावनी
यूरोपीय नेताओं ने भी इसी तरह की चेतावनी जारी की थी, जब उन्होंने चीन का दौरा किया था। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने बीजिंग पर हमला करते हुए कहा था कि आक्रमण के दौरान रूस का समर्थन संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धताओं का “एक घोर उल्लंघन” है।
जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने अपनी टिप्पणी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में चीन की भूमिका का उल्लेख किया और कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने के लिए यह एक विशेष जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे इस बात पर आश्चर्य है कि चीन ने अब तक युद्ध को रोकने के लिए आक्रामक रूस से बात क्यों नहीं की। हम सभी जानते हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब चाहे इस युद्ध को रोक सकते हैं और यूक्रेन के लोग इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहेंगे कि अंतत: फिर से वे शांति से रह सकें।
चीनी नेता शी जिनपिंग की पिछले महीने मॉस्को की यात्रा ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे बीजिंग तेजी से संबंधों में वरिष्ठ साझेदार बनता जा रहा है क्योंकि यह रूस को एक आर्थिक जीवन रेखा और राजनीतिक आवरण प्रदान करता है। चीन ने शुक्रवार को घोषणा की कि रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू अपने समकक्ष सर्गेई शोइगू और अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक के लिए अगले सप्ताह रूस का दौरा करेंगे।