राजस्थान में 22 मंत्री बने, इनमें 17 पहली बार: एक सीट पर वोटिंग बाकी, उसका प्रत्याशी भी मंत्री बना, राजस्थान में ऐसा पहला मामला…
Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: December 30, 2023
जयपुर// भाजपा ने श्रीकरणुपर सीट से प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया है। यह राजस्थान में पहला मामला है, जब चलते चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाया गया हाे। श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव कैंसिल हो गए थे, वहां 5 जनवरी को वोटिंग है। नियमानुसार कोई भी वयस्क भारतीय नागरिक बिना विधायक बने छह महीने तक मंत्री बना रह सकता है।
राजस्थान में भजनलाल सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने 22 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें 12 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार), 5 राज्य मंत्री हैं।
सांसद पद छोड़कर विधायक बने किरोड़ीलाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दो डिप्टी सीएम को मिलाकर अब सरकार के मंत्रियों की संख्या 25 हो गई है। राजस्थान में कोटे के हिसाब से 30 मंत्री बन सकते हैं, अब 5 मंत्रियों की जगह खाली है। जिन 22 विधायकों ने शपथ ली है, उनमें 17 पहली बार मंत्री बने हैं। इसके साथ ही डिप्टी सीएम दीया कुमारी सहित भजनलाल सरकार में 2 विधायकों को ही जगह मिली है।
इन्होंने ली कैबिनेट मंत्री की शपथ :
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा सवाईमाधोपुर, गजेंद्र सिंह खींवसर लोहावट (जोधपुर), राज्यवर्धन सिंह राठौड़ झोटवाड़ा (जयपुर), बाबूलाल खराड़ी झाड़ोल (उदयपुर)
किसे क्यों मंत्री बनाया :
1. किरोड़ीलाल मीणा : विपक्ष में रहते सबसे मुखर रहे, एसटी का मुखर चेहरा
राज्यसभा सांसद रहते हुए राजस्थान में कांग्रेस राज के दौरान सबसे मुखर रहे। पेपर लीक से लेकर हर मुद्दे पर सड़क पर आंदोलन किए, संसद से लेकर हर मोर्चे पर घेरा। एसटी समुदाय के मुखर चेहरे के तौर पर उनकी पहचान है। बेबाकी से बोलने और मुद्दे उठाने के लिए जाने जाते हैं। संघ से जुड़े रहे हैं, इमरजेंसी के दौरान जेल गए। पूर्वी राजस्थान के सियासी समीकरण साधे गए हैं। सबसे पहले शपथ दिलाकर किरोड़ीलाल मीणा को सबसे सीनियर मंत्री के तौर पर जगह दी गई है।
2. गजेंद्र सिंह खींवसर : वसुंधरा राजे खेमे के गजेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाकर एकजुटता का मैसेज
गजेंद्र सिंह खींवसर वसुंधरा राजे की दोनों सरकारों में मंत्री रहे। पिछली वसुंधरा सरकार में वे कैबिनेट मंत्री थे, उन्हें दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाया है। गजेंद्र खींवसर को वसुंधरा राजे का नजदीकी माना जाता है। मारवाड़ के सियासी समीकरणों को साधने के अलावा उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को भी साधा गया है। इससे एकजुटता का मैसेज दिया गया है। खींवसर की छवि पार्टी के सौम्य राजपूत चेहरे के तौर पर रही है। दो बार मंत्री रहने के कारण प्रशासनिक अनुभव है।
3. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ : राजधानी जयपुर से चौथे नेता, जो कैबिनेट में
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ केंद्र में मंत्री रहे हैं। दो बार सांसद रहे। पहली बार विधायक बने और कैबिनेट मंत्री बनाकर दो मैसेज दिए गए हैं। पूर्व फौजी अफसर और ओलंपिक चैंपियन को कैबिनेट मंत्री बनाकर और जातीय समीकरणों के हिसाब से भी राजपूत वर्ग से एक उभरते चेहरे को महत्व देने का मैसेज दिया है। उन्हें हाईकमान का नजदीकी माना जाता है। राजधानी से वे चौथे नेता हैं जो कैबिनेट में हैं। सीएम भजनलाल, डिप्टी सीएम दिया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा के बाद वे चौथे चेहरे हैं जो जयपुर से हैं।
4. बाबूलाल खराड़ी : कच्चे घर में रहने वाले बाबूलाल खराड़ी को मंत्री बनाकर नया मैसेज
झाड़ोल से विधायक बाबूलाल खराड़ी को मंत्री बनाकर आदिवासी इलाके के लोगों को एक मैसेज दिया गया है कि उनके जैसे ही आम आदमी को मंत्री बनाया है। खराड़ी अब भी कच्चे घर में रहते हैं। पिछली बार उन्हें राजस्थान विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया था। उनकी गिनती आदिवासी इलाके के जागरूक और ग्रासरूट से जुड़े नेता के तौर पर होती है।
मदन दिलावर रामगंजमंडी (कोटा), जोगाराम पटेल लूणी (जोधपुर), सुरेश सिंह रावत पुष्कर (अजमेर), अविनाश गहलोत जैतारण (पाली)
5. मदन दिलावर :मुखर दलित हिंदुवादी चेहरा, आरएसएस की पसंद
मदन दिलावर की गिनती बीजेपी में मुखर हिंदुवादी चेहरे की रही है। बेबाक और उग्र रूप से बोलने के लिए जाने जाते हैं। पार्टी का प्रमुख दलित चेहरा है। भैरासिंह शेखावत सरकार और वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रह चुके हैं। विधानसभा में विपक्ष में रहते हुए काफी मुखर रहते आए हैं। आरएसएस से जुड़े रहे हैं और दूसरे हिंदुवादी संगठनों में भी लगातार सक्रिय रहे हैं। दिलावर पार्टी के प्रमुख दलित चेहरे हैं, हाड़ौती के सियासी समीकरण साधे गए हैं।
6. जोगाराम पटेल : पटेल वोट बैंक को साधने का प्रयास
मारवाड़ में पटेल समाज के मुखर और पढ़े लिखे चेहरे के तौर पर मौका दिया गया है। आंजना, पटेल बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है। हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील रहे हैं। मारवाड़ में पार्टी के वोट बैंक और ओबीसी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का मैसेज है। पटेल वसुंधरा राजे सरकार के समय संसदीय सचिव रहे हैं। उन्हें संसदीय मामलों का अच्छा जानकार माना जाता है।
7. सुरेश सिंह रावत : कोर वोट बैंक को मैसेज
अजमेर, राजसमंद के मगरा क्षेत्र में रावत समाज बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है। इस समाज से मंत्री बनाकर कोर वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है। सुरेश सिंह रावत वसुंधरा सरकार में ससंदीय सचिव रह चुके हैं, पहली बार मंत्री बने हैं।
8. अविनाश गहलोत : बीजेपी के गढ़ में मूल वोटर्स को साधा
अविनाश गहलोत सैनी समाज से पार्टी का प्रमुख चेहरा है। पाली जिला बीजेपी का गढ़ माना जाता है। सैनी समाज बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता है। क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधे गए हैं। पहली बार मंत्री बनाकर मैसेज दिया है।
जोराराम कुमावत सुमेरपुर (पाली), हेमंत मीणा प्रतापगढ़, कन्हैयालाल चौधरी मालपुरा (टोंक), सुमित गोदारा लूणकरणसर (बीकानेर)
9. जोराराम कुमावत : कुमावत समाज को मैसेज
कुमावत समाज परंपरागत रूप से बीजेपी का वोटर रहा है। वसुंधरा राजे सरकार में कुमावत समाज से एक मंत्री रहा है। इस बार भी कुमावत समाज से जोराराम कुमावत को कैबिनेअ मंत्री बनाकर मैसेज दिया है। पाली के सुमेरपुर से दूसरी बार के विधायक कुमावत संघ से जुड़े रहे है।
10. हेमंत मीणा : आदिवासी बेल्ट को साधने का प्रयास, पहले पिता अब बेटा मंत्री
आदिवासी बेल्ट में बीजेपी का प्रदर्शन इस बार बीएपी के प्रभाव की वजह से उतना अच्छा नहीं रहा। प्रतापगढ़ से बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हेमंत मीणा के जरिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधे गए हैं।
इन्होंने ली राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) की शपथ : संजय शर्मा अलवर शहर, गौतम कुमार दक बड़ीसादड़ी (चित्तौड़गढ़), झाबर सिंह खर्रा श्रीमाधोपुर (सीकर), सुरेंद्रपाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर (श्रीगंगानगर), हीरालाल नागर सांगोद (कोटा)
इन्होंने ली राज्य मंत्री पद की शपथ : ओटाराम देवासी सिरोही, डॉ. मंजू बाघमार जायल (नागौर), विजय सिंह चौधरी नावां (नागौर), केके विश्नोई गुढ़ामलानी (बाड़मेर), जवाहर सिंह बेढम नगर (भरतपुर)
सुरेंद्र पाल टीटी को मंत्री बनाने चुनाव आयोग से राय ली गई थी
चलते चुनाव में किसी उम्मीदवार को मंत्री बनाकर देश में नया उदाहरण पेश कर दिया है। श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत कुन्नर के निधन के बाद वहां चुनाव रद्द हो गया था, सीट पर 5 जनवरी को वोटिंग है। सुरेंद्र पाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर से बीजेपी के उम्मीदवार है और अब राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बन गए हैं। जानकारों के मुताबिक देश में चलते चुनाव के दौरान किसी को मंत्री बनाए जाने का पहला मामला है। इस मामले में कानून मौन है, नैतिकता के हिसाब से चलते चुनाव में मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठ सकते हैं, लेकिन कानून मौन होने से यह वैधानिक रूप से गलत नहीं है। बीजेपी ने इसे लेकर चुनाव आयोग और वरिष्ठ कानूनी जानकारों से भी राय ली थी।
कांग्रेस ने कहा- आचार संहिता का उल्लंघन किया
22 में से 17 मंत्री पहली बार के, 12 में से 9 पहली बार कैबिनेट मंत्री बने
भजनलाल मंत्रिपरिषद के आज पहले विस्तार में बनाए गए 22 मंत्रियों में से 17 पहली बार मंत्री बने हैं। 12 कैबिनेट मंत्रियों से 9, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में से चार और 5 राज्य मंत्रियों में से चार पहली बार मंत्री बने हैं। अगर सीएम और दो डिप्टी सीएम को भी मिला लिया जाए तो 25 में से 20 पहली बार के मंत्री हैं।
12 में से 9 कैबिनेट मंत्री पहली बार : राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जोगाराम पटेल, बाबूलाल खराड़ी, सुरेश सिंह रावत,अविनाश गहलोत,जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा,कन्हैयालाल चौधरी, सुमित गोदारा।
स्वतंत्र प्रभार वाले 5 में से 4 पहली बार मंत्री : संजय शर्मा, गौतम कुमार दक, झाबर सिंह खर्रा, हीरालाल नागर
भजनलाल सरकार में सबसे ज्यादा 4 जाट मंत्री
2 ब्राह्मण : सीएम भजनलाल, राज्य मंत्री संजय शर्मा
3 राजपूत : डिप्टी सीएम दिया कुमारी, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़
4 जाट : कन्हैयालाल चौधरी, सुमित गोदारा, झाबर सिंह खर्रा, विजय सिंह चौधरी
1 जट्ट सिख : सुरेंद्र पाल सिंह टीटी
3 एसटी : किरोड़ीलाल मीणा, बाबूलाल खराड़ी, हेमंत मीणा
3 एससी : डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा, मंत्री मदन दिलावर, मंजू बाघमार
1 वैश्य : गौतम कुमार दक
1 पटेल : जोगाराम पटेल
1 विश्नोई : केके विश्नोई
अन्य : धाकड़ समाज से हीरालाल नागर, देवासी समाज से ओटाराम देवासी, गुर्जर समाज से जवाहर सिंह बेढम, रावत समाज से सुरेश सिंह रावत, सैनी समाज से अविनाश गहलोत, कुमावत समाज से जोराराम कुमावत।
मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़ी तस्वीरें देखिए…
राज्यवर्धन राठौड़ साफा पहनकर राजभवन पहुंचे।
शनिवार सुबह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर मंत्रियों की सूची सौंपी थी।
नागौर के जायल से विधायक डॉ. मंजू बाघमार ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
झाबर सिंह ने मंत्री बनाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया है।
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राजभवन के आसपास चौराहों को भी सजाया गया है।