बघेल-सिंहदेव को मिली नई जिम्मेदारियां: दोनों नेता कांग्रेस की नेशनल टीम का हिस्सा; लोकसभा चुनाव में होगा अनुभव का इस्तेमाल…

Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: December 23, 2023

रायपुर// छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार जाने के बाद दिग्गज नेताओं का क्या होगा, यह चर्चा हर जगह हो रही है। कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में कुछ ऐसे आदेश जारी किए, जिससे यह इशारा मिलता है कि इनके अनुभव का इस्तेमाल आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी करने जा रही है। हालिया जारी आदेशों में पार्टी ने सिंहदेव-बघेल को जिम्मेदारी सौंपी है।

शुक्रवार को जारी हुए ताजा आदेश में छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को कांग्रेस ने राष्ट्रीय घोषणा पत्र समिति का संयोजक नियुक्त किया है। सिंहदेव सीधे तौर पर उस प्लानिंग का हिस्सा होंगे, जिसमें कांग्रेस लोकसभा चुनाव को लेकर अपना घोषणा पत्र तैयार करेगी।

इससे पहले एक और आदेश जारी किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी पार्टी ने अपनी नेशनल टीम में शामिल किया है। उन्हें राष्ट्रीय गठबंधन समिति का सदस्य बनाया है। इस समिति में भूपेश के अलावा राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, सलमान खुर्शीद, मोहन प्रकाश, मुकुल वासनिक भी शामिल हैं।

बड़े नेताओं के बीच सिंहदेव को अहमियत
घोषणा पत्र की समिति में सिंहदेव को संयोजक बनाया गया है। इसमें प्रियंका गांधी वाड्रा, शशि थरूर, जयराम रमेश, आनंद शर्मा जैसे बड़े नेता शामिल हैं। ये समिति में सदस्य बनाए गए हैं।

पिछली सरकार लाने में घोषणापत्र अहम
दरअसल, 2018 तक 15 साल तक सत्ता में रही भाजपा को हटाने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत लगाई थी। ऐसे में घोषणा पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी सिंहदेव को ही दी गई। माना जाता है कि कांग्रेस के 2018 के चुनाव को जीतने के पीछे अहम रोल घोषणा पत्र का भी था। अब लोकसभा चुनाव में घोषणा पत्र तैयार करने में सिंहदेव के अनुभव का फायदा कांग्रेस उठाना चाहती है।

पिछले यूपी चुनाव में भूपेश बघेल प्रियंका के साथ सक्रिय थे।

पिछले यूपी चुनाव में भूपेश बघेल प्रियंका के साथ सक्रिय थे।

क्या होगा भूपेश बघेल का
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का एकमात्र ऐसा चेहरा हैं, जो एग्रेशन के लिए जाना जाता है। कहा जा रहा है कि, इस समय प्रदेश की राजनीति में उसी एग्रेशन की जरूरत होगी। 2018 में जब वे सत्ता में आए थे, तो परिवर्तन यात्रा के दौरान उनका तीखा तेवर लोगों ने पसंद किया था। अपने पांच साल के कार्यकाल में वे देश में कांग्रेस के OBC चेहरे के रूप में अपनी जगह बना चुके हैं।

ऐसे में कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद जिम्मेदारी से मुक्त रखना नहीं चाहेगी। वे कोशिश करेंगे कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिले, लेकिन OBC वर्ग से नेता प्रतिपक्ष बनाकर कांग्रेस ने इसका रास्ता कठिन कर दिया है। हो सकता है कि उन्हें लोकसभा लड़ाने पर भी विचार किया जाए।

उन्हें कांग्रेस लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है या उत्तर भारत के किसी राज्य का प्रभारी बना सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भूपेश पिछड़ा वर्ग से आते हैं और उत्तर भारत में पिछड़ों की खासी संख्या है। भूपेश प्रियंका गांधी की गुड लिस्ट में हैं और वे उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी हैं।