World Bank: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं- वैश्विक आर्थिक हालात पर भारत चिंतित, बेहतर बने विश्व बैंक…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 14, 2023
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, डब्ल्यूबीजी को गरीबी मुक्त विश्व बनाने पर जोर देना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले अत्यधिक गरीबी खत्म करने व साझा समृद्धि को बढ़ावा देने के दोहरे लक्ष्यों पर ध्यान देना होगा।
वाशिंगटन// वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) की विकास समिति में कहा कि तेज वृद्धि के अनुमानों के बाद भी भारत वैश्विक आर्थिक हालात पर चिंतित है। दुनिया जिन आर्थिक मुसीबतों से जूझ रही है, उनसे निपटने के लिए विश्व बैंक समूह (डब्ल्यूबीजी) को बड़ा और बेहतर बनने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, बाधित आपूर्ति शृंखलाओं की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है। खासतौर पर विकासशील दुनिया में गरीबों, वंचितों और हाशिए पर रहने वालों को सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
विकसित देशों में मुद्रास्फीति, मुद्रा के अवमूल्यन और लगातार बढ़ती ब्याज दरों ने हालात को और जटिल बना दिया है। विश्व बैंक समूह और विकसित देशों को आइना दिखाते हुए उन्होंने सलाह दी कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए जन केंद्रित, आम सहमति आधारित और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। ये हालात बहुपक्षवाद के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। लिहाजा, डब्ल्यूबीजी को बड़ा और बेहतर बनकर वैश्विक चुनौतियों का हल खोजने में मदद करना चाहिए।
दुनिया को गरीबी से उबारने पर सर्वाधिक जोर देना आवश्यक
वित्त मंत्री ने कहा, डब्ल्यूबीजी को गरीबी मुक्त विश्व बनाने पर जोर देना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले अत्यधिक गरीबी खत्म करने व साझा समृद्धि को बढ़ावा देने के दोहरे लक्ष्यों पर ध्यान देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा, इन दोहरे लक्ष्यों को समावेशी बनाते हुए प्राप्त किया जाए, ताकि सभी तक लाभ पहुंच सकें। यह बदलाव सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय नजरिये से टिकाऊ हो, ताकि भविष्य की पीढ़ियों को इसका लाभ मिले।
अल्प कार्बन वृद्धि पर जोर
वित्त मंत्री ने कहा, विकसित देशों ने वादा करने के बाद भी जलवायु परिर्वतन से उबरने के लिए जरूरी वित्तीय व तकनीकी मदद मुहैया नहीं कराई है। लेकिन, फिर भी भारत अल्प कार्बन वृद्धि पर जोर दे रहा है।
चुनौतियों के बावजूद बढ़ रही भारत की आर्थिक वृद्धि
सीतारमण ने विकास समिति को बताया कि चुनौतियों और विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भारत की विकास दर 6 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान है। नियंत्रित चालू खाता घाटे और तीव्र विकास दर के साथ ही आशावादी कारोबारी माहौल से भारत ने इस आर्थिक मजबूती को हासिल किया है।
वाशिंगटन में गोलमेज सम्मेलन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत को आजादी के अमृत काल में विश्व मंच पर नई भूमिका के लिए तैयार बताते हुए कहा, नए भारत की अब वैश्विक स्वीकृति है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में शामिल होने अमेरिका गईं सीतारमण ने ‘भारत के दशक में निवेश’ विषय पर गोलमेज सम्मेलन में कहा, कोविड-19 के बाद पूरी दुनिया रीसेट हो रही है। इस वास्तविक और वैश्विक बाधा के बाद भी भारत बिना रुके तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही वजह है कि भारत तरक्की का पर्याय बन गया है।
2023-24 के केंद्रीय बजट में किए सुधारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण उपायों को अपनाने की भारत रफ्तार दुनिया से दोगुनी है। इसका लोगों के जीवन पर स्थायी प्रभावी पड़ रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डिजिटलीकरण अभियान के तहत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) संविधान की अनुसूचित ज्यादातर भाषाओं में उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, सरकार सहयोग और निवेश के भरपूर अवसर देते हुए एक मजबूत और गतिशील भारत के निर्माण के लिए आर्थिक व शासन सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है। फिक्की के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा, भारत खास कारोबारी माहौल देने में सक्षम है। इस दौरान यूएसआईएसपी के सीओओ गौरव वर्मा ने भी संबोधित किया। एजेंसी