दिल्ली में कांग्रेस नेताओं ने बताया क्यों हारे छत्तीसगढ़: समीक्षा बैठक में सैलजा, भूपेश, सिंहदेव और बैज रहे मौजूद; संगठन में बदलाव की संभावना नहीं…

Last Updated on 12 months by City Hot News | Published: December 8, 2023

  • दिल्ली में आज कांग्रेस करेगी छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों में मिली हार की समीक्षा।

रायपुर// छत्तीसगढ़ में मिली बड़ी हार के बाद शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपाल हार की समीक्षा की। नेताओं ने बताया क्यों छत्तीसगढ़ हारे। इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और चरणदास महंत भी मौजूद रहे।

बैठक में प्रदेश के हालात को लेकर विधानसभावार विधायकों के हारने की क्या वजह रही? डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत मंत्रियों के हारने का क्या कारण रहा है, इन विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी चर्चा की गई। वहीं, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी में संगठन स्तर पर बदलाव लोकसभा चुनाव के बाद होंगे।

लोकसभा चुनाव पर कांग्रेस का फोकस

आपको बता दें कि देश में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होंगे। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं। 11 में से 9 सीटें बीजेपी के पास हैं, तो वहीं बस्तर और कोरबा लोकसभा सीट कांग्रेस के पास है। फिलहाल कांग्रेस की कोशिश छत्तीसगढ़ में इन सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर ही है।

दो तिहाई सीटों पर हारी कांग्रेस

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दो तिहाई सीटों पर हारी है। बीजेपी को 54 और कांग्रेस को 35 सीटें मिली हैं। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की है। सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को सरगुजा और रायपुर संभाग में लगा है। यहां सभी सीटें कांग्रेस के हाथ से निकल गईं।

सरकार से नाराज थे अधिकारी-कर्मचारी !

छत्तीसगढ़ में पोस्टल बैलेट के नतीजों ने ये साफ कर दिया कि अधिकारी-कमर्चारियों ने भी सरकार का साथ नहीं दिया। वेतन विसंगति, डीए सहित अलग-अलग मांगों को लेकर अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने आंदोलन किया था। तब सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने का भरोसा देकर आंदोलन खत्म करा दिया था, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया।

सरकार के खिलाफ वोट किया

अधिकारी-कर्मचारी केंद्र सरकार की तरह डीए की मांग कर रहे थे, जिसे सरकार ने पूरा नहीं किया। इसके साथ ही लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के साथ ही संविदा कर्मचारियों ने भी अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्हें निराशा हाथ लगी, जिसका बदला कर्मचारियों के साथ ही परिवारों ने भी सरकार के खिलाफ वोट किया।

नहीं बदलेंगे प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि फिलहाल जो हालात हैं, उसे देखते हुए संगठन में बदलाव की संभावना बेहद कम है। अब इसी नेतृत्व के साथ लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कांग्रेस पार्टी कर रही है। न तो प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज बदले जाएंगे और न ही प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के बदले जाने की कोई संभावना है।

कांग्रेस का 0.86% वोट ही घटा, 37 विधायक हारे

कांग्रेस पार्टी के वैसे तो 37 विधायक चुनाव हार चुके हैं, लेकिन अगर बात की जाए वोट प्रतिशत की, तो वो केवल 0.86% ही घटा है। ऐसे में पार्टी के नेता नई रणनीति के साथ जनता के बीच जाना चाहते हैं, ताकि लोकसभा के लिहाज से वोट प्रतिशत बढ़ाया जा सके।