गवर्नर ने पंजाब में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी दी: CM को लिखा- आप जानकारियां नहीं दे रहे, मेरे पास कार्रवाई के अलावा विकल्प नहीं…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: August 25, 2023
चंडीगढ़// पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा- राजभवन द्वारा मांगी गईं जानकारियां सरकार की ओर से नहीं दी जा रही हैं। ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता।
राज्यपाल बीएल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान में विवाद की शुरुआत भाजपा पर कथित विधायकों की खरीद-फरोख्त के ऑपरेशन लोट्स के खिलाफ बहुमत साबित करने के लिए AAP सरकार द्वारा विधानसभा सेशन बुलाने को लेकर शुरू हुआ।
पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है जिसकी अगुवाई CM भगवंत मान कर रहे हैं। गवर्नर ने मुख्यमंत्री से कहा है कि यदि उन्होंने गवर्नर हाउस के पत्रों का जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गवर्नर ने 4 पेज का ये लेटर भगवंत मान को 15 अगस्त को लिखा था, जो अब सामने आया है।
राज्यपाल ने पत्र में नशे पर चिंता जताई थी, रिपोर्ट मांगी
गवर्नर बीएल पुरोहित ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब में नशा चरम पर है। एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दवा की दुकानों पर भी नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं। यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं।
हाल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, NCRB और चंडीगढ़ पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में लुधियाना से ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब ठेकों को सील किया गया।
गवर्नर ने पत्र में लिखा है कि संसद की स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदि है। यह तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इशारा करते हैं।
अब राज्य के अंदर ग्रामीणों ने भी बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां बनाने का फैसला किया है।
- गर्वनर ने मुख्यमंत्री को ड्रग मामले पर राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत उनके कार्यालय में भेजने के निर्देश भी दिए हैं।
राष्ट्रपति ने कार्रवाई के लिए चेताया
गवर्नर ने लिखा है कि वह संवैधानिक तंत्र की विफलता के बारे में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी जानी है। IPC की धारा 124 के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का फैसला लेने से पहले जानकारी मांग रहे हैं।
साथ ही राज्य में ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी भी गवर्नर दफ्तर को भेजी जाए। गवर्नर ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसा नहीं किए जाने की सूरत में उनके पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
राज्यपाल को जानकारी देना जरूरी
गवर्नर पुरोहित ने लिखा है कि वह एक अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री को भेजे गए लेटर के संबंध में यह नया पत्र लिखने को बाध्य हैं। उनके लैटर के बावजूद मुख्यमंत्री ने मांगी गई जानकारी नहीं दी। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जानबूझकर ये जानकारियां नहीं दे रहे।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 167 के प्रावधानों के मुताबिक, राज्यपाल अगर राज्य के प्रशासनिक मामलों के बारे में कोई जानकारी मांगे तो मुख्यमंत्री द्वारा उसे उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य होता है।
पंजाब गवर्नर बीएल पुरोहित की ओर से 15 अगस्त को CM भगवंत मान को भेजा गया लेटर।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला
गवर्नर ने CM भगवंत मान को उनके द्वारा दायर रिट पटीशन पर 28 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी का हवाला भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल, दोनों संवैधानिक पदाधिकारी हैं। दोनों की संविधान द्वारा निर्दिष्ट भूमिकाएं और दायित्व हैं।
राज्यपाल को प्रशासन संबंधी मामलों पर अनुच्छेद 167 के तहत मुख्यमंत्री से राज्य के प्रशासनिक मामलों और कानूनी प्रस्तावों के बारे में जानकारी मांगने का अधिकार है। साथ ही एक बार जानकारी मांगने पर मुख्यमंत्री उसे उपलब्ध कराने को बाध्य है।
मुख्यमंत्री की अनुचित टिप्पणी अशालीनता का प्रदर्शन
भगवंत मान आरोप लगाते रहे हैं कि राज्यपाल केंद्र के इशारे पर राजनीति कर रहे हैं, जबकि राज्यपाल मुख्यमंत्री पर संवैधानिक जिम्मेदारियों के उल्लंघन और अनुचित आचरण का आरोप लगाते रहे हैं।
गवर्नर ने लिखा है कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराना तो दूर, मुख्यमंत्री ने अनावश्यक अनुचित टिप्पणियां कर अशालीनता का प्रदर्शन किया है। इसे न केवल उनके व्यक्तिगत बल्कि गवर्नर दफ्तर के प्रति अत्यधिक शत्रुता के रूप में वर्णित किया जा सकता है। यह सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के भी विपरीत है।
गवर्नर ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का घोर उल्लंघन करते हुए 20 जून 2023 को कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं।
AAP प्रवक्ता बोले- गवर्नर इंटरफेयर कर रहे
इस बारे में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता अहबाब ग्रेवाल ने कहा-”पंजाब में कोई कॉन्स्टिट्यूशनल क्राइसिस नहीं है कि राष्ट्रपति राज लगे। सरकार को जानकारी देने में कोई एतराज नहीं। मगर, कोई भी डेमोक्रैटिकली इलेक्टेड गवर्नमेंट ये बर्दाश्त नहीं करेगी कि उनकी डे टू डे की एक्टिविटीज में हस्तक्षेप किया जाए। संविधान को ताक पर रखकर 9 साल में 9 स्टेट गवर्नमेंट खत्म कर दी गई। जानकारी मांगना उनका अधिकार है, हम दे भी देंगे लेकिन प्लीज डेली कामकाज में इंटरफेयर न करें। इसे बढ़ा-चढ़ाकर बताना ठीक नहीं है। गवर्नर को चाहिए कि एक चिट्ठी केंद्र को भी लिखें कि पंजाब में त्रासदी आई है। बिना मतलब की कंट्रोवर्सी खड़ी न करें।
CM-गवर्नर में पहले से ठनी
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित में पहले दिन से ठनी है। दोनों के बीच कई मुद्दों पर गंभीर टकराव हो चुका है। वैधानिक मुद्दों पर भी CM मान और गवर्नर पुरोहित के बीच जितना पत्राचार हुआ, उतना इससे पहले पंजाब में कभी देखने को नहीं मिला।
भगवंत मान आरोप लगाते रहे हैं कि राज्यपाल केंद्र के इशारे पर राजनीति कर रहे हैं, जबकि राज्यपाल मुख्यमंत्री पर संविधानिक जिम्मेदारियों के उल्लंघन और अनुचित आचरण का आरोप लगाते रहे हैं।
अब जानिए किन मुद्दों पर CM-राज्यपाल में हुआ विवाद
- 19-20 जून को बुलाए गए विधानसभा के स्पेशल सेशन में 4 बिल पास कर मंजूरी के लिए गवर्नर को भेजे गए थे। इनमें द सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल, पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, पंजाब यूनिवर्सिटी लॉ अमेंडमेंट बिल और पंजाब एफिलिएटेड कॉलेज (सेवाओं की सुरक्षा) संशोधन बिल शामिल थे। इनके जरिये सरकार ने गोल्डन टैंपल में होने वाली गुरबाणी का प्रसारण सभी चैनल्स को फ्री देने, पंजाब पुलिस का DGP अपने स्तर पर लगाने और पंजाब की यूनिवर्सिटीज में वाइस चासंलर लगाने का अधिकार राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को देने का फैसला लिया था। गवर्नर ने एक्सपर्ट की राय पर इन चारों बिलों को गैरकानूनी ठहरा दिया। इस पर सीएम सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दे चुके हैं।
- राज्यपाल ने पंजाब के सीमांत जिलों का दौरे करते हुए वहां लोगों से बातचीत में ड्रग को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। गवर्नर ने यहां तक कह दिया कि बॉर्डर बेल्ट में किराना दुकानों पर भी सरेआम ड्रग बिक रही है।
- सीएम भगवंत मान ने सरकारी हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल को लेकर गवर्नर पर सवाल उठाए। इस पर गवर्नर पुरोहित ने यहां तक कह दिया कि वह जब तक पंजाब में हैं, कभी सरकारी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
- राज्यपाल ने सरकारी अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने के मामले में सरकार से जवाब-तलबी की तो मुख्यमंत्री ने कह दिया कि वह 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, न की किसी सेलेक्टेड शख्स के प्रति।
- 3 मार्च 2022 को पंजाब विधानसभा के बजट सत्र की मंजूरी देने से इनकार करते हुए राज्यपाल ने सरकार से पहले एजेंडा भेजने को कहा। इस पर मान सरकार अदालत तक चली गई। उसके बाद राज्यपाल ने सेशन बुलाने की मंजूरी दी।
- राज्यपाल के आदेश पर ही चंडीगढ़ के SSP कुलदीप चहल को कार्यकाल खत्म होने से 10 महीने पहले उनके मूल कैडर में पंजाब वापस भेजा गया। गवर्नर के इस फैसले पर भगवंत मान ने सार्वजनिक आपत्ति जताई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने चहल को जालंधर का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया।
- 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल पुरोहित ने जालंधर में राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सलामी लेनी थी, लेकिन पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल ने उनसे दूरी बनाए रखी। इस पर राज्यपाल ने सार्वजनिक एतराज जताते हुए इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया।