छत्तीसगढ़ में बारिश का कहर, 3 लोगों की मौत: नाला पार करते मां-बेटा डूबे, बीजापुर के गांव में भरा पानी; बुजुर्ग ने तोड़ा दम…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: July 30, 2023
जगदलपुर// छत्तीसगढ़ के बस्तर में लगातार हो रही बारिश के चलते कई नदी-नाले उफान पर हैं। कुछ गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। बारिश और बाढ़ के चलते 2 दिन में 3 मौतें भी हो गईं हैं। बस्तर जिले में बरसाती नाला को पार करते समय मां-बेटा पानी में डूब गए हैं। जिनके शव को बाहर निकाल लिया गया है।
उधर, बीजापुर जिले का धर्माराम गांव में करीब 3 से 4 फीट तक बारिश का पानी भर गया है। जहां बीमार महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई है। वहीं सड़कें जलमग्न हो गईं हैं। लोग जान जोखिम में डालकर सड़कें पार कर रहे हैं।
दरअसल, बस्तर जिले के दरभा में मुनगा नाला उफान पर है। वहीं शनिवार को उसी इलाके की रहने वाली फूलों माड़वी (38) अपने बच्चे को लेकर नाला पार करने की कोशिश की। इसी बीच पानी के तेज बहाव के साथ मां-बेटा दोनों बह गए।
बताया जा रहा है कि, उस समय वहां उनकी सास भी मौजूद थी। बहू और पोते को डूबते देखकर वह जोर-जोर से चीखने लगी। मौके पर इलाके के कुछ और ग्रामीण भी पहुंचे। जिन्होंने दोनों को बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई। लेकिन जब तक उनको बाहर निकाले, तब तक उनकी मौत हो गई थी।
घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पखनार चौकी के जवान पहुंचे। जिन्होंने शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया है। बताया जा रहा है कि, आज दोनों के शवों का गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
धर्माराम गांव की ओर जाने वीली सड़कों पर पानी भरा हुआ है। जिसके चलते वाहनों आने जाने में परेशानी हो रही है।
इलाज के अभाव में बुजुर्ग की मौत
बीजापुर जिले में भी भारी बारिश के चलते उसूर ब्लॉक का धर्माराम गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है। गांव पूरी तरह से टापू बन गया है। इलाके में करीब 4 से 5 फीट तक पानी भर गया है। वहीं इसी गांव की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला गुंडी मल्ली की इलाज के अभाव में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, महिला पिछले कई दिनों से बीमार थी। घर और गांव पूरी तरह से डूब गया था। महिला को अस्पताल ले जाने तक की भी कोई सुविधा नहीं थी। राहत बचाव दल का इंतजार करते-करते महिला ने दम तोड़ दिया।
सभी ग्रामीण अपने घरों से निकल कर गांव से बाहर किसी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गए हैं।
गांव खाली करने को मजबूर लोग
बताया जा रहा है कि, सभी ग्रामीण अपने घरों से निकल कर गांव से बाहर किसी सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गए हैं। हालांकि, अभी बारिश रुकी हुई है। धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जरूरत का सामान लेकर गांव वाले घरों से बाहर निकल रहे हैं। कुछ ग्रामीण घरों की छत पर चढ़कर एक-दूसरे को जरूरत का सामान पकड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। जिसका वीडियो भी सामने आया है।
इसके अलावा गांव तक पहुंचने वाली सड़क में पानी भरा हुआ है। लोग जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं। भारी बारिश के चलते बीजापुर जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। उधर, सुकमा जिले के भी कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं।