नाले में डूबकर ठेका कर्मचारी की मौत: रात में ड्यूटी से घर लौट रहा था वापस, आक्रोशित कर्मचारियों ने किया काम ठप…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: July 19, 2023
कोरबा।। कोरबा जिले के कुसमुंडा खदान में कोल डिस्पैच का काम करने वाली ठेका कंपनी PIRL में कार्यरत सोनू यादव (32 वर्ष) की नाले में डूबकर मौत हो गई। सोनू बरमपुर का रहने वाला था और कंपनी में ट्रक ड्राइवर था। मामला कुसमुंडा थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, सोनू यादव अपनी ड्यूटी खत्म कर रात लगभग 10 बजे कुसमुंडा खदान से घर लौट रहा था, इसी दौरान नए ई एंड एम ऑफिस के पास पानी निकासी के लिए बनाए गए नाले में वो बाइक सहित जा गिरा। रात का वक्त था, इसलिए वहां ज्यादा लोग नहीं थे। ऐसे में वो काफी देर तक नाले में ही डूबा रहा।
पंचनामा कार्रवाई कर कर्मचारी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया।
राहगीरों की नजर पड़ने पर उसे तत्काल बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बेहोश समझकर लोग उसे कुसमुंडा के एसईसीएल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराया।
साढ़े 3 लाख रुपए मुआवजा और मृतक की पत्नी को नौकरी देने की बात पर सहमति बनी।
घटना के बाद साथी कर्मचारियों में काफी आक्रोश था। उन्होंने परिजनों के साथ मिलकर मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि घटना को कई घंटे बीत चुके हैं, लेकिन ठेका कंपनी से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अभी तक मृतक की सुध लेने नहीं आया है।
बताया जा रहा है कि मृतक सोनू यादव की पिछले महीने ही शादी हुई थी। पूरे घर में मातम का माहौल है। मंगलवार को पुलिस पंचनामा कार्रवाई करने SECL के विभागीय अस्पताल पहुंची, जहां परिजनों ने उचित मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया।
भारी संख्या में कुसमुंडा खदान पहुंचकर कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया।
ठेका कर्मचारी और मृतक के परिजन कुसमुंडा खदान पहुंच गए और मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में खदान पर काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी। घटना की सूचना कुसमुंडा थाना पुलिस को दी गई। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी आंदोलन चलता रहा। बाद में एसईसीएल के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लिखित आश्वासन दिया गया कि मृतक के परिवार को 3 लाख 50,000 और उसकी पत्नी को कंपनी में नौकरी दी जाएगा। इस लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त किया गया।