बालको प्रबंधन द्वारा की जा रही मनमानी नियमों को चुनौती दे रही: पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल

कोरबा (CITY HOT NEWS)/// पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा कलेक्टर को पुनः पत्र प्रेषित कर बालको नगर क्षेत्र में बालको प्रबंधन द्वारा कराया जा रहा अनियमित निर्माण, अवैध वृक्ष कटाई, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण एवं मार्ग अवरोध के मामलों को लेकर पूर्व प्रेषित पत्र पर अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोेई ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने की स्थिति को गंभीर बताया है ।
श्री अग्रवाल ने पत्र के माध्यम से कहा है कि बालको प्रबंधन द्वारा की जा रही मनमानी अब न केवल नियमों को चुनौती दे रही है वरन आमजनांें में शासन, प्रशासन के प्रति विश्वास को भी गहरा आघात पहुंचा रही है ।
श्री अग्रवाल ने पत्राचार के माध्यम से संज्ञान में लाते हुए बताया कि डाॅ.अंबेडकर स्टेडियम में निर्माण कार्य नगर निगम या अन्य किसी भी सक्षम प्राधिकरण से वैध अनुमति के अभाव में कार्य कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है । सेक्टर – 6 बी एवं सी टाईप में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण हेतु हजारों पेड़ की कटाई कर पर्यावरणीय संतुलन को गंभीर क्षति पहुंचा रहे हैं । संबंधित विभाग की भूमिका संदेह के घेरे मंे है । वही बाउंड्रीवाल निर्माण के माध्यम से आम जनता के आवागमन मार्ग को अवरूद्ध करने की योजना से आवागमन बाधित होना निश्चित है । सीमांकन प्रक्रिया मंे पारदर्शिता का अभाव है । तथा शासकीय भूमि एवं जल निकासी व्यवस्था पर संभावित अतिक्रमण से बरसात के मौसम में जलभराव एवं जनजीवन प्रभावित होने की पूर्ण संभावना है ।
श्री अग्रवाल ने कहा है कि बालको प्रबंधन की गतिविधियां लगातार नियमों को ठेंगा दिखाते हुए जनसुविधा, पर्यावरण और सार्वजनिक परिसंपत्तियों को नुकसान पहंुचा रही है । अब तक की प्रशासनिक निष्क्रियता यह संकेत देती है कि कहीं न कहीं मिलीभगत या उदासीनता की स्थिति है, जो अत्यंत दुर्भाग्यजनक है ।
श्री अग्रवाल ने मांग रखते हुए कहा है कि बालकोनगर क्षेत्र मंे हो रहे समस्त निर्माण, सीमांकन, वृक्ष कटाई और सार्वजनिक मार्गांे पर अवरोध की जांच हेतु एक स्वतंत्र और वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित की जाए और जांच पूरी होने तक सभी निर्माण कार्य रोके जाएं तथा दोषी अधिकरियों और संस्थानों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए इसके साथ ही जांच पर की गई कार्यवाही को सार्वजनिक किया जावे । अगर ऐसा ना किया गया तो जनाक्रोश का स्वरूप व्यापक होगा और इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी ।

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