सफलता की कहानी:: -10 लाख से अधिक के लागत से करडेगा में खेल मैदान का हुआ निर्माण

- 10 लाख से अधिक के लागत से करडेगा में खेल मैदान का हुआ निर्माण
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप खेल प्रतिभाओं के विकास की दिशा में किया जा रहा कार्य
- खेल प्रतिभा तभी उभर कर सामने आएगी, जब खिलाड़ियों के खेलने के लिए सुविधाएं होगी
- बच्चे खेल मैदान का ले रहे भरपूर लाभ, बैंडमिंटन, वॉलिवाल एवं फुटवाल सहित अन्य खेलों का हो रहा आयोजन
जशपुरनगर / खेल प्रतिभा तभी उभर कर सामने आएगी, जब खिलाड़ी खेलने के लिए सुविधाएं होगी, खेल के लिए मैदान होगी। खेल एक ऐसा माध्यम है जिसके साथ युवा जहां एक ओर अपने आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी तंदुरूस्त रह सकते हैं। किसी भी शहर, गांव, प्रदेश देश की उन्नति युवा वर्ग की अहम भूमिका होती है उसके लिए युवा वर्ग तंदुरूस्त रहे, नशों से दूर रहे तभी युवा इसमें अपनी भागीदारी दर्ज करवा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय मंशानुरूप जिले में खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए सार्थक पहल किए जा रहे हैं। खेल के क्षेत्रों में युवाओं की भागीदारी दर्ज कराने हेतु जिले के कई स्थानों में खेल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस हेतु मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा भी जिले को कई मिनी स्टेडियम की सौगात देते आ रहे हैं।
इसी तारतम्य में दुलदुला विकासखंड के मुख्यालय से 17 कि.मी. दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत करडेगा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 10 लाख रुपए स्वीकृत कर खेल मैदान निर्माण किया गया है।
करडेगा में लोगों को खेलों के प्रति बहुत ज्यादा रुचि देखी जा सकती है परंतु क्षेत्र में कोई खेल मैदान न होने के कारण युवा या तो कंप्यूटर मोबाइल के खेल तक ही सिमट कर रह गए हैं। गांवों में खेल के मैदान न होने से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वॉलीबाल खेल प्रेमियों ने सड़क को ही खेल का मैदान बना लिया। यहीं पर खेल कर युवा अपना शौक पूरा कर रहे हैं। भागमभाग भरी जिंदगी में इंसान के पास खेलने के लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो गया है। इन व्यस्तताओं के बीच थोड़ा बहुत समय निकाल भी लिया जाए तो खेल के लिए जगह नहीं मिल पाती है। मैदान न होने से बच्चे मोबाइल में ही गेम खेलने लगते हैं। खेल का मैदान होना चाहिए, जिससे ग्रामीण स्तर पर खेलों का
बढ़ावा मिल सके, नशों जैसी बुरी आदतों में जाने न लगे। ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन संसाधनों के अभाव में ग्रामीण प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं, जबकि कई खिलाड़ी इसी परिवेश में खेलकर राष्ट्रीय स्तर पहुंचे हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत करडेगा में वित्तीय वर्ष 2024-25 राशि 10.010 लाख का स्वीकृत कराया गया खेल मैदान से 1459 मानव दिवस अर्जित किया गया। सर्वप्रथम उक्त कार्य को ग्राम सभा में शामिल किया गया था। शामिल उपरांत प्राथमिकता के आधार पर कार्य का निरीक्षण तकनीकी अमला द्वारा किया गया, निरीक्षण उपरांत कार्य का प्राक्कलन तकनीकी सहायक द्वारा ग्राम पंचायत प्रस्ताव के आधार पर तैयार किया गया। प्राप्त प्राक्कलन का अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति प्रदाय की गई, जनपद स्तर पर प्राक्कलन को स्वीकृति हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी दुलदुला द्वारा जिला पंचायत प्रेषित किया गया तत् उपरांत तकनीकी स्वीकृति के आधार पर कलेक्टर के अनुमोदन अनुसार जिला पंचायत जशपुर के द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई। प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर जनपद पंचायत दुलदुला के द्वारा ग्राम पंचायत को कार्यादेश जारी किया गया है। रोजगार सहायक के माध्यम से स्टेज -01 में जियो टैंग निर्माण कार्य का किया गया। तत्पश्चात मांग पत्र के आधार पर कार्य प्रारंभ किया गया।
ग्राम पंचायत करडेगा में खेल मैदान के बन जाने से जो बच्चे पूर्व में घर पे खाली बैठा करते थे, मोबाइल एवं खेल की तैयारी के लिए जगह न मिलने कारण बाहर जाया करते थे। वे अब खेल मैदान का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। करडेगा खेल मैदान में बैडमिंटन, वॉलीबॉल एवं फुटबॉल जैसे खेलो को खेला जा सकता है। हाई स्कूल विद्यालय के नजदीक होने के कारण विद्यार्थी अब अपना समय खेलो पर दे सकते है। भविष्य में होने वाले कई खेल प्रतियोगिताएं यहां कराई जाएगी जिससे जशपुर जिले के खिलाड़ियों प्रतिभा और निखरेगी।