11 घंटे बाद भूपेश बघेल के घर से रवाना हुई ईडी की टीम…भूपेश बघेल बोले-33 लाख रुपए कैश, पेनड्राइव, कुछ दस्तावेज भी ले गए…कल प्रदेशभर में प्रदर्शन करेगी कांग्रेस…

Last Updated on 3 hours by City Hot News | Published: March 10, 2025
दुर्ग// सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और AICC महासचिव भूपेश बघेल के घर ED ने छापेमारी की। यह जांच करीब 10 घंटे तक चली। टीम के जाने के बाद भूपेश बघेल ने कहा कि, 32-33 लाख रुपए और दस्तावेज टीम ले गई है। इसमें मंतूराम केस की पेनड्राइव भी है।
करीब सुबह 8 बजे भूपेश और उनके बेटे चैतन्य के भिलाई-3 पदुमनगर स्थित घर पर चार गाड़ियों में ED की टीम पहुंची थी। दोपहर में कार्रवाई के बीच नोट गिनने और सोना जांचने की मशीनें भी मंगाई गई। इस बीच ED की कार पर बाहर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। कार्यकर्ताओं और पुलिस की झड़प भी हुई। अब कल कांग्रेस प्रदेशभर में ED की कार्रवाई के विरोध में भाजपा और ईडी का पुतला दहन करेगी।
रकम ले जाने को लेकर भूपेश बघेल ने कहा-
जो रकम टीम ले गई है वह घर की महिलाओं, खेती और डेयरी से जुड़ी हुई है। 150 एकड़ खेत है, इतना कैश होना कोई बड़ी बात नहीं है।
कार्रवाई और बवाल की तस्वीरें देखिए-
कार्रवाई के बीच दोपहर में ED ने नोट गिनने की मशीन मंगाई गई।
ED की कार को समर्थकों ने रोका, कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पथराव भी किया।
कार को रोकने के दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई है।
14 जगहों पर छापे पड़े
चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापे पड़े हैं। 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को भी लाभ पहुंचाने का दावा किया गया है। चैतन्य के करीबी और सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल और पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी कार्रवाई हुई है।
इसके अलावा भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, कमल अग्रवाल किशोर राइस मिल दुर्ग, सुनील अग्रवाल सहेली ज्वेलर्स दुर्ग और बिल्डर अजय चौहान के यहां भी ED की कार्रवाई हुई।
भूपेश के घर के बाहर समर्थकों की भीड़, कार्रवाई का विरोध
जांच के दौरान भिलाई के पदुमनगर स्थित भूपेश बघेल के घर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक प्रदेश के गृहमंत्री सवालों से घिरे हुए हैं, विधानसभा में सवालों का कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए भूपेश बघेल के खिलाफ ED का दुरुपयोग कर रहे हैं।
भूपेश बघेल समर्थकों को लेकर कहा कि, यहां पहुंचे और मेरा समर्थन करने के लिए सभी का धन्यवाद। मलकीत गैदू से जब पूछताछ हो रही थी तब मैंने कहा था कि, अगला घर किसी का भी हो सकता है, देखिए अगला नंबर मेरा ही हो गया। ऐसे में सभी को एकजुट होकर ही ये लड़ाई लड़नी है।
ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा पढ़िए-
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने कहा-
ED का छापा केंद्र सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध को उजागर करता है। भाजपा ED, CBI जैसी एजेंसियों को विपक्ष के नेताओं को डराने और दबाने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा-
आज जब संसद का सत्र शुरू हो रहा है, चारों तरफ से घिरी हुई भाजपा ने हेडलाइन बदलने के लिए, देश का ध्यान टैरिफ, गिरती हुई अर्थव्यवस्था, वोटर्स लिस्ट फ्रॉड से भटकाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के घर पर ED की रेड करवा दी।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा-
सभी कांग्रेसजन भूपेश बघेल के साथ हैं और इससे डरने वाले नहीं हैं। बापू के मार्गदर्शन सत्य अहिंसा को मानने वाले लोग हैं, इस संघर्ष को परास्त करके रहेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा-
भाजपा की राजनीति अब जांच एजेंसियों के सहारे चल रही है। 7 साल पुराने झूठे केस को कोर्ट ने खारिज कर दिया, तो अब दुर्भावना से ईडी को मोहरा बना दिया गया।
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा-
ईडी की कार्रवाई लोकतंत्र की सीधी हत्या है और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश है। हम सब एकजुट होकर इस लोकतांत्रिक लड़ाई को लड़ेंगे।
पूर्व सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा-
भूपेश बघेल पंजाब के प्रभारी बनाए गए हैं। वहां उनका जिस तरह स्वागत हुआ है, उनकी धमक से भाजपा डरी हुई है।


भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी।
अब जानिए बीजेपी नेताओं ने इस पर क्या कहा-
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा-
सभी जानते हैं कि कांग्रेस की सरकार में कई घोटाले हुए थे। इसकी जांच केंद्रीय एजेंसी कर रही हैं। ED की जांच चल रही है और इसमें प्रदेश का कोई दखल नहीं है।
डिप्टी सीएम अरूण साव ने कहा-
इस बात से कोई कैसे इनकार कर सकता है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में बड़े घोटाले हुए हैं? ईडी की कार्रवाई लंबे समय से चल रही है। ऐसा नहीं है कि आज अचानक कोई कार्रवाई की गई है।

भिलाई स्थित निवास पर भूपेश बघेल की लग्जरी कार की जांच के लिए साइड किया गया।

चैतन्य बघेल के घर पर खड़ी उसकी लग्जरी कार की जांच की गई।
अब समझिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला
A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन
- 2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई।
B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना
- डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता से भी कॉन्टैक्ट किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई।
- खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।
- शराब बेचने के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया। शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। इसकी MRP सिंडिकेट के सदस्यों ने शुरुआत में प्रति पेटी 2880 रुपए रखी थी। इनकी खपत शुरू हुई, तो सिंडिकेट के सदस्यों ने इसकी कीमत 3840 रुपए कर दी।
- डिस्टलरी मालिकों को शराब सप्लाई करने पर शुरुआत में प्रति पेटी 560 रुपए दिया जाता था, जो बाद में 600 रुपए कर दिया गया था। ACB को जांच के दौरान साक्ष्य मिला है कि सिंडिकेट के सदस्यों ने दुकान कर्मचारियों और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 40 लाख पेटी से अधिक शराब बेची है।
C: डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को कम/ज्यादा कर अवैध धन उगाही करना
- देशी शराब को CSMCL के दुकानों से बिक्री करने के लिए डिस्टलरीज के सप्लाई एरिया को सिंडिकेट ने 8 जोन में बांटा। इन 8 जोन में हर डिस्टलरी का जोन निर्धारित होता था। 2019 में सिंडिकेट की ओर से टेंडर में नए सप्लाई जोन का निर्धारण प्रतिवर्ष कमीशन के आधार पर किया जाने लगा।
- एपी त्रिपाठी ने सिंडिकेट को शराब बिक्री का जोन अनुसार विश्लेषण मुहैया कराया था, ताकि क्षेत्र को कम-ज्यादा करके पैसा वसूल किया जा सके। इस प्रक्रिया को करके सिंडिकेट डिस्टलरी से कमीशन लेने लगा।
- EOW के अधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं कि तीन वित्तीय वर्ष में देशी शराब की सप्लाई के लिए डिस्टलरीज ने 52 करोड़ रुपए पार्ट C के तौर पर सिंडिकेट को दिया है।