रायपुर : श्री विष्णु देव की सरकार में मिला 2 लाख रुपए का ऋण, समूह की प्रगति और सदस्यों की इच्छाशक्ति को मिली मजबूती

Last Updated on 23 hours by City Hot News | Published: March 8, 2025

  • शादी, गोद भराई, जन्मोत्सव जैसे समारोहों में मिलता है ऑर्डर
  • आर्थिक रूप से सशक्त हो रहीं जागृति महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएँ

रायपुर(CITY HOT NEWS)//

 श्री विष्णु देव की सरकार में मिला 2 लाख रुपए का ऋण
 श्री विष्णु देव की सरकार में मिला 2 लाख रुपए का ऋण
 श्री विष्णु देव की सरकार में मिला 2 लाख रुपए का ऋण

श्रीमती निरंजना चंद्राकर जागृति महिला स्व-सहायता समूह, महासमुंद की अध्यक्ष हैं। सन 2000 से उनका समूह गठित हुआ है। उनके समूह में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों की गृहणी महिलाएं हैं। उन्हें जोड़कर यह समूह बनाया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की सहायता एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की महिला सशक्तिकरण की नीतियों से जागृति महिला स्व-सहायता समूह समूह आगे बढ़ रहा है। इस समूह की सभी 10 सदस्य को महतारी वंदन योजना में हर माह एक हजार रुपए समय पर मिलता है। 

समूह की अध्यक्ष श्रीमती निरंजना ने बताया कि उनके समूह को लगभग 20 साल हो गए। समूह की शुरुआत में छत्तीसगढ़ महिला कोष से उन्हें प्रारंभिक 5 हजार का ऋण प्राप्त हुआ। इसके बाद 10 हजार रुपए फिर एक लाख रुपए का लोन मिला। श्रीमती चंद्राकर ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार की ओर से उनके समूह को 2 लाख रुपए का ऋण मिला है, जिससे समूह की प्रगति और सदस्यों की इच्छाशक्ति को और अधिक मजबूती मिली है।

जागृति महिला स्व-सहायता समूह छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन बनाता है, जिनमें बड़ी, पापड़, आचार, चिप्स, लड्डू, ठेठरी, खुरमी, पपची, अइरसा आदि शामिल हैं। समूह को स्थानीय ऑर्डर के अलावा बहुतायत मात्रा में शादी के जोरन, गोद भराई, जन्मोत्सव जैसे समारोहों में भी ऑर्डर मिलता है। जिससे समूह की अच्छी-खासी आमदनी हो जाती है। 

समूह की सदस्य श्रीमती गायत्री बाई यादव ने बताया कि महतारी वंदन योजना में अब तक 12 किश्त मिल चुकी है। यह पैसा जरूरत के समय बहुत काम आता है। घर के खर्चे में बड़ा आसरा बन गया है। श्रीमती यादव ने बताया कि कुछ समय पहले जब उनकी तबियत बिगड़ी तब महतारी वंदन योजना का पैसा बहुत काम आया,  हमारा परिवार इस योजना में मिले पैसे से डॉक्टर की फीस दे पाया और दवाइयां खरीद पाया।