सरकारी मिडिल स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरों की तरह लिया जा रहा काम, पढ़ने-लिखने के बजाय फावड़ा लेकर साफ-सफाई करते नजर आए छात्र..

बिलासपुर// बिलासपुर के सरकारी मिडिल स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरों की तरह काम लिया जा रहा है। यहां बच्चे पढ़ने-लिखने के बजाय फावड़ा लेकर साफ-सफाई करते नजर आए। वो भी उस समय जब परीक्षा का समय नजदीक हो।
इतना ही नहीं, टीचर खड़े होकर बच्चों से नाली की सफाई कराते भी नजर आ रहे हैं। इसका वीडियो भी सामने आया है। मामला सिरगिट्टी स्थित सरकारी स्कूल का है। शहर से लगे बिल्हा ब्लॉक के शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल में हेडमास्टर और टीचर बच्चों को पढ़ाना छोड़कर उनसे नाली साफ करा रहे हैं।
स्वच्छता के नाम पर कराया गया काम
मामला बीते शनिवार का बताया जा रहा है। टीचर यहां छठवीं से लेकर आठवीं कक्षा के बच्चों के हाथ में फावड़ा देकर मजदूरों की तरह काम करा रहे थे। बचाव में यह कहा जा रहा है कि स्कूल में बच्चों से स्वच्छता के नाम पर काम कराया जा रहा है।
ऐसा भी नहीं है कि बच्चों से केवल एक ही दिन काम कराया गया है, बल्कि इससे पहले भी यहां स्टूडेंट्स से काम कराया जा रहा था। जिससे बच्चों की पढ़ाई पर असर होना स्वाभाविक है। इस मामले में स्कूल के हेडमास्टर और टीचर से भी पक्ष जानने का प्रयास किया गया। लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका है।

स्कूल में स्वच्छता के नाम पर छात्रों के हाथ में थमा दिया फावड़ा।
चुनाव के चलते पढ़ाई प्रभावित, अब एग्जाम के समय मजदूरी
स्थानीय लोगों का कहना है कि, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के चलते शिक्षक और स्कूल स्टाफ चुनाव कार्य में व्यस्त थे। इसके चलते स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था ठप थी। ऐसे में अब एग्जाम नजदीक है, तो स्कूली बच्चों के कोर्स कम्प्लीट कराने के साथ ही परीक्षा की तैयारी पर हेडमास्टर और टीचर का ध्यान फोकस होना चाहिए।

वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि, सामने टीचर खुद खड़े होकर काम करवा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा VIDEO स्कूल में बच्चों के हाथ में फावड़ा देकर मजदूरी कराने का VIDEO सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि टीचर खड़े होकर बच्चों से काम करा रहे थे, जिसे देखकर स्थानीय युवक ने वीडियो बना लिया।वीडियो देखने के बाद अब परिजनों में भी काफी नाराजगी है। हालांकि, अभी तक उन्होंने मामले की शिकायत नहीं की है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को किया नजरअंदाज हाईकोर्ट के एडवोकेट समीर सिंह का कहना है, कि सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी लगाई है। राज्य सरकारों को बच्चों से काम नहीं कराने का आदेश दिया गया है। वहीं, बालकों से श्रम कराना भी अपराध है। इसके बावजूद अगर स्कूल के टीचर इस तरह से आदेश को ताक पर रखकर स्टूडेंट्स से काम करा रहे हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।