रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ऐतिहासिक पहल : छत्तीसगढ़ की जनता बनी महाकुंभ 2025 की साक्षी

Last Updated on 3 hours by City Hot News | Published: February 27, 2025

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ऐतिहासिक पहल
  • मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थक
  • मनोज कुमार सिंह, सहायक संचालक ( महाकुम्भ से लौटकर)   

रायपुर।।

मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थक
मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थक
मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थक
मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थक
मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थक

“आप सभी को एक बात कहना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 का आयोजन हो रहा है। मैं चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु वहां जाएं। आप को वहां जाकर रूकने और खाने की चिंता नहीं करनी है। आपके लिए हमारी सरकार ने प्रयागराज के सेक्टर 6 में साढ़े चार एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन बनाया है। वहां पर आपके रूकने और खाने की निःशुल्क व्यवस्था की है।“

और छत्तीसगढ़ को साढ़े चार एकड़ जगह उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी पहल और समर्पित प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ के लगभग 50 हजार श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ 2025 का हिस्सा बने। इन श्रद्धालुओं की भागीदारी ने राज्य की तीन करोड़ जनता को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इस महान आध्यात्मिक आयोजन से जोड़ा।

छत्तीसगढ़ के संत, विद्वान और श्रद्धालु महाकुंभ के पवित्र संगम में स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में शामिल हुए, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का भव्य प्रदर्शन हुआ। इसके माध्यम से राज्य ने अखिल भारतीय आध्यात्मिक चेतना में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने छत्तीसगढ़ को महाकुंभ के वैश्विक मंच पर एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया, जिससे राज्य की तीन करोड़ जनता को सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव की अनुभूति हुई। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र यात्रा बना, बल्कि राज्य की आध्यात्मिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक सशक्त माध्यम भी साबित हुआ है।