लंदन में होगी गहनों की सबसे बड़ी नीलामी: इसमें कोहिनूर से पुराना भारतीय हीरा शामिल, यहूदियों से जबरन खरीदे व्यापार पर बनाई थी संपत्ति…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 30, 2023
लंदन के किंग स्ट्रीट पर सोमवार को एक बहुत बड़ा ऑक्शन यानी नीलामी होने वाली है। इनमें दुनिया के पुराने गहने बिकने के लिए रखे जाएंगे। ये नीलामी ब्रिटेन का ऑक्शन हाउस क्रिस्टीज करवाने वाला है।
तस्वीर उन गहनों की हैं जिनकी लंदन में सोमवार को नीलामी होगी।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस नीलामी में दुनिया का सबसे पुराना हीरा ‘ब्रोलिटी ऑफ इंडिया’ भी शामिल होगा। इसकी कीमत 63 करोड़ रुपए है। नीलामी से आए पैसों को सामाजिक कल्याण के कामों में लगाए जाने की बात कही जा रही है।
तस्वीर हीडी हॉर्टन की है। जिनके गहनों को सेल पर रखा गया है।
ऑस्ट्रिया की महिला के थे नीलाम होने वाले 700 गहने
लंदन में होने वाले इस ऑक्शन को दुनिया की सबसे बड़ी गहनों की बिक्री बताया जा रहा है। इसमें 700 गहने शामिल होंगे। ये गहने हीडी हॉर्टन नाम की एक ऑस्ट्रियन महिला के हैं। जिसकी मौत पिछले साल हो गई थी। हीडी के पति हेलमट हॉर्टन जर्मनी के एक अरबपति थे। सारे गहने हीडी को उन्हीं से विरासत में मिले थे। हेलमट हॉर्टन पर आरोप हैं कि उन्होंने अपना बिजनेस सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान यहूदियों से जबरन खरीदे गए सामानों पर खड़ा किया था।
डेविड डे जोंग नाम के लेखन ने नाजी बिलेनियर्स पर लिखी अपनी किताब में बताया है कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान यूरोप में यहूदियों से जबरन उनके बिजनेस खरीदे गए थे। ये काम दो फेज में हुआ था। 1938 से पहले और उसके बाद में। दोनों में हेलमट हॉर्टन काफी एक्टिव थे। 1938 से पहले यहूदियों में डर पैदा कर उनके बिजनेस को खरीदा गया और बाद में उन्हें अपने बिजनेस बेचने के लिए मजबूर कर दिया गया था। यहूदी अपनी जान बचाने के लिए बेहद कम दामों में अपने व्यापार, दुकानें और सामान बेचकर जर्मनी छोड़कर चले गए थे।
तस्वीर हेलमेट हॉर्टन की है, इन पर आरोप हैं कि इन्होंने यहूदियों की स्थिति का फायदा उठाकर कम दाम में उनका बिजनेस खरीदा।
कोहिनूर से भी पुराना है ‘ब्रोलिटी ऑफ इंडिया’ हीरा
ब्रिटिश वॉग के मुताबिक 90.8 कैरेट का ‘ब्रोलिटी ऑफ इंडिया’ हीरा कोहिनूर से भी पुराना माना जाता है। इसका पहला जिक्र 12वीं सदी में हुआ। इतिहासकारों के मुताबिक इसकी पहली मालिक 12वीं शताब्दी में फ्रांस की महारानी एलेनॉर ऑफ एक्वेनटेन को बताया जाता है। माना जाता है कि इस रंगहीन हीरे की उत्पत्ति आंध्र प्रदेश में हुई थी।
कई सालों तक गुमनाम रहने के बाद यह हीरा 1950 में उस वक्त सामने आया जब न्यूयॉर्क के हेनरी विन्सटन ने इसे भारत के किसी राजा से खरीदा। इसके बाद 1971 में इस हीरे को हेलमट हॉर्टन ने खरीद लिया था।