रायपुर : कभी बारिश के पानी पर ही थे निर्भर, मनरेगा के तहत कूप निर्माण से मिली सिंचाई की सुविधा, किसान शेषराम के खेतों में अब बारहों महीने रहती है हरियाली

Last Updated on 7 hours by City Hot News | Published: January 17, 2025

रायपुर(CITY HOT NEWS)//

 ग्राम पंचायत मुटकी के निवासी कृषक शेषराम

सरगुजा जिले के जनपद पंचायत लखनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत मुटकी के निवासी कृषक शेषराम के खेत पहले पानी की कमी से सूखे रहते थे, सिंचाई की कोई आसान सुविधा नहीं थी, तो बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था। ऐसे में वे बस बरसात के समय में फसल ले पाते थे। वे बताते हैं कि मनरेगा तकनीकी सहायक से उन्हें योजना के तहत कूप निर्माण में सहयोग की जानकारी मिली। तो उन्होंने तुरंत आवेदन कर दिया। खेतों में कुआं निर्माण हुआ और जो खेत बरसात के अलावा बाकी समय सूखे पड़े रहते है. उनमें आज फसल लहलहा रही है।
शेषराम उन मुश्किल दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि हमारे पास खेती के लिए जमीन तो थी, लेकिन पानी नहीं था। दूर-दूर तक सिंचाई का कोई साधन नहीं था, नहर और कोई बड़ा तालाब नहीं होने के कारण खेती के लिए पानी की समस्या हमेशा बनी रहती थी। बरसाल के दिनों में ही हम फसल ले पाते थे, लेकिन अब मैं बारहों महीने खेती कर रहा हूं। यह सब शासन की महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत सम्भव हो पाया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत कुआं निर्माण हेतु उन्होंने ग्राम पंचायत को आवेदन दिया था जिस पर ग्राम के तकनीकी सहायक द्वारा तकनीकी प्राक्कलन तैयार कर जनपद से जिले को भेजा गया और फिर वहां से कुएं के निर्माण के लिए उन्हें 2.99 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई। कूप निर्माण हो जाने से अब उनके खेल हरे-भरे हो गए हैं। शेषराम के पास 3 एकड़ भूमि है, जो अब सिंचित हो गई है, शेषराम का कूप निर्माण रोजमर्रा की जल निस्तारी में भी काम आता है। वर्तमान में उन्होंने अपने खेतों में मटर एवं गेहू की फसल लगाई है। इस कूप निर्माण से 279 मानव दिवस का सृजन हुआ। उन्होंने इस योजना के लिए शासन एवं सहयोग के लिए जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
बता दें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। योजना से एक वित्तीय वर्ष में अकुशल परिवारों को 100 दिवस कार्य की गांरटी मिलती है, इसके साथ ही यह योजना ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की व्यक्तिगत आजीविका मूलक परिसम्पत्तियों को निर्मित करने में सहयोग प्रदान कर रही  है।