रायपुर : प्राचीन संस्कृति और पर्यटन का संगम है 7वीं-8वीं शताब्दी का सिद्धेश्वर शिव मंदिर

Last Updated on 17 hours by City Hot News | Published: January 8, 2025

  • पलारी के बालसमुंद जलाशय के पास स्थित है मंदिर
  • जलाशय में बोटिंग संचालन से समूह की महिलाओं को मिल रहा है रोजगार

रायपुर (CITY HOT NEWS)//

पलारी के बालसमुंद जलाशय के पास स्थित है मंदिर

राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा के देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित एवं संवर्धित करने निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के नगर पंचायत पलारी स्थित सिद्धेश्वर शिव मंदिर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। जनपद पंचायत मुख्यालय पलारी  स्थित यह प्राचीन मंदिर जिले का सबसे बड़ा बालसमुंद जलाशय के पास स्थित है। यह 7वीं-8वीं शताब्दी ईस्वी में निर्मित है।

इतिहास और वास्तुशिल्प का है अद्वितीय संगम

मंदिर की संरचना लाल ईंटों से की गई है और यह पश्चिमाभिमुखी है। इसके द्वार पर नदी देवियां गंगा और यमुना त्रिभंग मुद्रा में अंकित हैं, जबकि सिरदल पर त्रिदेवों और शिव विवाह का उत्कृष्ट शिल्पकला का प्रतीक है। गर्भगृह में सिद्धेश्वर शिवलिंग प्रतिस्थापित है। वहीं शिखर भाग कीर्तिमुख, गजमुख, और व्याघ्र की अलंकृत आकृतियों से सजा हुआ है। राज्य शासन की मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस मंदिर को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित की जा रही है।

बिहान समूह द्वारा नौका विहार का संचालन

सिद्धेश्वर शिव मंदिर के समीप स्थित बालसमुंद जलाशय में बिहान समूह की महिलाओं द्वारा नौका विहार सेवाएं संचालित की जा रही हैं। यह पहल न केवल स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर रही है। नौका विहार का संचालन पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है साथ ही स्थानीय लोगों की आय के स्रोतों को भी बढ़ावा देता है। यह प्रयास ग्रामीण पर्यटन और महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

प्रयास कलस्टर संगठन की दीदियों के द्वारा सप्ताह के सातों दिन नौका विहार संचालित की जाती है। इन दीदियों ने साल भर में 8 से 10 लाख रुपए की आय इस नौका विहार से प्राप्त कर चुकी है। बालसमुन्द नौका विहार में मोटर बोट, पैडल बोट, बेबी बोट, वॉटर रोलर, कवास व ट्रैपोलिन के माध्यम से यहां आने वाले पर्यटक बोटिंग का आनन्द लेते हैं। प्रयास कलस्टर संगठन की अध्यक्ष श्रीमती अनीता गोयल कहती है कि शासन ने इस बालसमुन्द नौका विहार को संचालित करने की जिम्मेदारी उनके समूह की महिलाओं को दी है इसके लिए मैं शासन का धन्यवाद करती हूं। इसके जरिए हम महिलाएं बिहान समुह से जुड़कर अपनी आजीविका चला रहे हैं और आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनती जा रही है। यह हम महिलाओं के लिए बहुत ही सहयोगी सिद्ध हुआ है, इसके लिए मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी का बहुत बहुत धन्यवाद करती हूं।