रायपुर : धमतरी के गंगरेल और मुरूमसिल्ली बांध की खूबसूरती लुभा रही पर्यटकों को

Last Updated on 5 days by City Hot News | Published: January 4, 2025

रायपुर(CITY HOT NEWS)//

 धमतरी के गंगरेल और मुरूमसिल्ली बांध की खूबसूरती लुभा रही पर्यटकों को

 धमतरी के गंगरेल और मुरूमसिल्ली बांध की खूबसूरती लुभा रही पर्यटकों कोछत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी और उसके सहायक नदी सिलयारी नदी पर धमतरी जिले में बने रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) और मुरूमसिल्ली बांध की खूबसूरती सभी को लुभाती है। इसी वजह से लाखों लोग यहां आते हैं। महानदी अत्यंत विशाल नदी है, जिसका उद्गम धमतरी जिले के सिहावा पर्वत से होता है और यह नदी अपने उद्गम के बाद उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है। इस नदी पर बड़े-बड़े बांधों का निर्माण किया गया है, जिनमें से प्रमुख हैं रुद्री बांध, गंगरेल या रविशंकर बांध और उड़ीसा में निर्मित हीराकुंड (बांध) छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा बांध गंगरेल या रविशंकर बांध इसी नदी पर निर्मित है।

यहां दर्शनीय स्थल मां अंगारमोती मंदिर के अलावा बोटिंग, मिनी गोवा, रंग-बिरंगे फूलों से सुसज्जित गार्डन पर्यटकों का मन अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर लेती है। गंगरेल डैम पर खूबसूरत हट बने हुए हैं, जहां से बांध के पास रहने और 24 घंटे उसे निहारने का आनंद भी उठाया जा सकता है।

वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक मुरूमसिल्ली बांध को एशिया का पहला सायफन सिस्टम वाला बांध माना गया है। 1914 से 1923 के बीच निर्मित  इस बांध  में  बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने आते हैं। चारों तरफ घने पेड़ों से आच्छादित यह बांध अपनी खूबसूरती से आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।100 साल की उम्र बीत जाने के बाद भी इस बांध की मजबूती में कोई फर्क नहीं आया है, और आज भी इनके सभी गेट चालू हालत में हैं। बारिश के मौसम में बांध लबालब होते ही ऑटोमेटिक सायफन गेट से पानी निकलना शुरू हो जाता है। मुरुमसिल्ली बांध राजधानी रायपुर से सिर्फ 95 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।

धमतरी जिले के ग्राम छाती की श्रीमती डिगेश्वरी साहू बताती हैं कि वे अपने परिवार के साथ गंगरेल और मुरूमसिल्ली घूमने आती रहतीं हैं। यहां का शांत वातावरण, अंगारमोती का दर्शन कर उन्हें काफी अच्छा लगता है और मन को सुकून मिलता है। इसके साथ ही बोटिंग, आकर्षक गार्डन और नदी को देख मन प्रफुल्लित होने लगता है। वहीं महासमुंद जिले से गंगरेल और मुरूमसिल्ली पहुंची कुमारी मोना साहू और उनके साथियों ने गंगरेल और मुरूमसिल्ली के मनोरम वातावरण, बोटिंग, विशाल नदी और अंगारमोती मां के मंदिर की काफी प्रशंसा करते नहीं थकती।