पैरासिटामॉल, शुगर और ब्लडप्रेशर की गोलियां क्वालिटी टेस्ट में फेल, CSDSO ने 53 दवाओं को लेकर जारी किया अलर्ट…
Last Updated on 2 months by City Hot News | Published: September 25, 2024
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 25 दवा उद्योगों में निर्मित 40 दवा (Medicines Sample) और इंजेक्शन सब-स्टैंडर्ड पाए गए हैं. जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर पाई हैं. उनमें अस्थमा, बुखार, डायबिटीज, हाई बीपी, एलर्जी, मिर्गी, खांसी, एंटीबायोटिक, ब्रोंकाइटिस और गैस्ट्रिक के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं और इंजेक्शन शामिल हैं. इसके अलावा, कैल्शियम सप्लीमेंट सहित मल्टी विटामिन भी जांच में फेल हो गए है.
बैन की गई दवाओं की लिस्ट में दौरे और एंग्जाइटी में इस्तेमाल की जाने वाली क्लोनाजेपाम टैबलेट भी शामिल हैं। (फाइल फोटो)
पैरासिटामॉल सहित 53 दवाएं क्वलिटी टेस्ट में फेल पाई गई हैं। इनमें विटामिन, शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाओं के अलावा एंटीबायोटिक्स भी शामिल हैं। देश की सबसे बड़ी ड्रग रेगुलेटरी बॉडी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसकी लिस्ट जारी की है।
CDSCO की लिस्ट में कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स, एंटी डायबिटीज की गोलियां और हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल हैं।
बैन की गई दवाओं की लिस्ट में दौरे और एंग्जाइटी में इस्तेमाल की जाने वाली क्लोनाजेपाम टैबलेट, दर्द निवारक डिक्लोफेनेक, सांस की बीमारी के लिए इस्तेमाल होने वाली एंब्रॉक्सोल, एंटी फंगल फ्लुकोनाजोल और कुछ मल्टी विटामिन और कैल्शियम की गोलियां भी हैं।
ये दवाएं हेटेरो ड्रग्स, अल्केम लेबोरेट्रीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं।
CDSCO ने 53 दवाओं की सूची जारी की पेट के इंफेक्शन के लिए दी जाने वाली दवा मेट्रोनिडाजोल भी इस जांच में फेल हो गई है, जिसे हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड बनाती है। इसी तरह टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स की शेलकाल टैबलेट्स भी जांच में असफल रहीं।
CDSCO ने 53 दवाओं की सूची जारी की है, जो जांच में फेल हो गईं। इनमें से 5 दवाइयां नकली थीं। यानी दवा बनाने वाली कंपनियों ने कहा कि ये उनकी मेडिसिन नहीं हैं , बल्कि मार्केट में उनके नाम से नकली दवाइयां बेची जा रही हैं।
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अगस्त में 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर रोक लगाई केंद्र सरकार ने इसी साल अगस्त में 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। ये आमतौर पर बुखार और सर्दी के अलावा पेन किलर, मल्टी-विटामिन और एंटीबायोटिक्स के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं।
सरकार ने कहा कि इनके इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका है। इसलिए देशभर में इन दवाओं के प्रोडक्शन, कंजम्पशन और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक रहेगी।
सरकार ने ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों पर यह आदेश जारी किया था। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन FDC दवाओं में मौजूद इन्ग्रेडिएंट्स का कोई मेडिकल जस्टिफिकेशन नहीं है।
एक ही गोली में एक से ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाई गई दवाएं फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन ड्रग्स (FDC) कहलाती हैं, इन दवाओं को कॉकटेल ड्रग्स के नाम से भी जाना जाता है।
केंद्र सरकार ने इसी साल अगस्त में इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था।
हेयर ट्रीटमेंट, स्किनकेयर और एंटी-एलर्जिक दवाएं भी शामिल
केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक एमाइलेज, प्रोटीएज, ग्लूकोएमाइलेज, पेक्टिनेज, अल्फा गैलेक्टोसिडेज, लैक्टेज, बीटा-ग्लूकोनेज, सेल्युलेस, लाइपेज, ब्रोमेलैन, जाइलेनस, हेमिकेल्यूलेस, माल्ट डायस्टेज, इनवर्टेज और पापेन के इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका है।
बैन की गई दवाओं की लिस्ट में हेयर ट्रीटमेंट, एंटीपैरासिटिक (परजीवियों के इन्फेक्शन में इस्तेमाल), स्किनकेयर, एंटी-एलर्जिक के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं। सरकार ने कहा इन दवाओं के बदले दूसरी दवाएं मार्केट में उपलब्ध हैं। उन पर कोई रोक नहीं रहेगी।
राजस्थान में मुख्यमंत्री फ्री दवा योजना की 10 दवाइयों के सैंपल फेल इसी साल मई में राजस्थान में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई होने वाली 10 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (आरएमएससी) ने 8 कंपनियों की 10 दवाइयों की सप्लाई पर रोक लगा दी है। इन दवाइयों में फंगल इन्फेक्शन में काम आने वाली गोलियां, मलेरिया के गंभीर मरीजों को लगाए जाने वाले इंजेक्शन, आई ड्रॉप और सांस में तकलीफ होने पर काम आने वाली दवाई अस्थलीन शामिल है।
कंपनियों को नोटिस जारी
डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संबंधित बैच का पूरा स्टाक वापस मंगवाने के निर्देश दिए है. इसके अलावा, जिन उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. कान्हा बायोजेनेटिक्स की दोनों इकाईयों को एक माह पहले विनिर्माण बंद करने के आदेश के बाद अब बंद कर दिया है.