भावना समूह की महिलाओं को मत्स्य पालन से मिला आर्थिक लाभ..मत्स्य पालन बना आजीविका का माध्यम..
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 17, 2023
- 1.50 क्विंटल मछली बेचकर कमाए 25 हजार रूपए
कोरबा (CITY HOT NEWS)/// पाली जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बसीबार में भावना स्वसहायता समूह की महिलाएं गांव में ही मछली पालन करके आर्थिक लाभ कमा रहीं हैं। मछली पालन समूह की महिलाओं को आजीविका संवर्धन का माध्यम बन गया है। विगत सप्ताह समूह की महिलाओं ने डेढ़ क्विंटल मछली बेचकर 25 हजार रूपए कमाए हैं।
कलेक्टर संजीव कुमार झा के द्वारा जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण महिलाओं के आजीविका संवर्धन एवं आर्थिक विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम जिले में देखने को मिल रहे हैं। जिला पंचायत सीईओ श्री नूतन कंवर ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 11 हजार महिला स्वसहायता समूह का गठन किया गया है। जिसमें से 58 हजार महिलाएं कृषि, गैर कृषि, वनोपज, कृषि आधारित गतिविधियों से जुड़कर सतत् आजीविका से लाभान्वित हो रही हैं।
ग्राम पंचायत बसीबार की 12 महिला सदस्यों ने भावना स्वसहायता समूह का गठन किया है, जिसकी अध्यक्ष श्रीमती कलेश्वरी बाई हैं। समूह की महिला सदस्यों द्वारा आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए विभिन्न गतिविधियां अपनाई जा रही है। इस समूह की महिलाएं गौठान से भी जुड़ी हैं। समूह की सदस्य श्रीमती रीमा कंवर ने बताया कि समूह के सदस्य विगत वर्ष से टारबांध के तालाब में मछली पालन कर रहे हैं। मछली पालन करने के लिए मत्स्य विभाग से उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि गांव के ही बांध में उन्होंने माह जुलाई में मछली बीज डाला था, जिसकी पर्याप्त देखरेख की गई तथा उन्हें पर्याप्त दाना दिया गया। तालाब में रोहू, कतला, मृगल, पेटली आदि का मत्स्य पालन किया जा रहा है। अब मछलियां विकसित होकर एक से डेढ़ किलो तक वजन की हो गई हैं। समूह के द्वारा विगत सप्ताह डेढ़ क्विंटल मछली जाल से पकड़ी, जिसे गांव में ही बेचकर 25 हजार रूपए कमाए हैं। बसीबार गांव में ही तथा आसपास के गांव नूनेरा, बांधाखार, जमनीमुड़ा, रैनपुर, केराकछार आदि के ग्रामीणों के द्वारा खरीदी गई। रमला कंवर कृषि मित्र ने बताया कि समूह की महिलाएं गौठान से जुड़कर गोबर बेचकर, खाद बनाकर आर्थिक लाभ तो प्राप्त कर रही रहीं हैं, इसके साथ ही गांव के ही तालाब में मत्स्य पालन करके लाभ प्राप्त कर रहीं हैं।