रायपुर : चुनौतीपूर्ण रहा है मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का राजनैतिक सफर

Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: December 27, 2023

रायपुर(CITY HOT NEWS)//

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का अब तक का राजनैतिक सफर चुनौती और संघर्षों से भरा रहा है। ग्राम पंचायत के पंच से लेकर राज्य का मुख्यमंत्री बनने तक उनकी जिंदगी में कई बार उतार-चढ़ाव आए हैं। छत्तीसगढ़ में एक सर्वमान्य नेता के रूप में राज्य का मुख्यमंत्री बनना उनके सहज-सरल व्यवहार निर्विवाद व्यक्तित्व और संघर्षों का प्रतिफल है।
श्री साय को छत्तीसगढ़ राज्य की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी मिलने से बेहद प्रसन्न हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री विष्णु देव साय 28 दिसम्बर को पहली बार अपने गृह जिला जशपुर एवं गृह ग्राम बगिया के प्रवास पर जा रहे हैं। उनके स्वागत-सत्कार को लेकर जशपुरवासी बेहद उत्साहित हैं। मुख्यमंत्री के पैतृक गांव बगिया में तो उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही उत्सव का माहौल है।
श्री विष्णु देव साय का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर आसान नहीं रहा। संघर्षाें से भरी डगर में चलकर उन्होंने पंच से मुख्यमंत्री तक का मुकाम हासिल किया है। आदिवासी परिवार में जन्में श्री साय जब चौथी कक्षा में थे, तब उनके पिताश्री का निधन हो गया। सारे परिवार की जिम्मेदारी उनके कांधों पर आ गई थी। परिवार और पैतृक खेती को संभालने के साथ ही बड़ी मुश्किल से 11 वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसी बीच पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रभावित श्री साय ने सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी सन् 1964 को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के फरसाबहार विकासखण्ड के ग्राम बगिया में हुआ। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री साय ने लंबा राजनीतिक सफर तय कर यह ऊंचा मुकाम हासिल किया। उन्होंने तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1989 में बगिया ग्राम पंचायत के पंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन शुरुआत की। श्री साय सन् 1990 में ग्राम पंचायत बगिया के निर्विरोध सरपंच चुने गए। श्री साय सन् 1990 में पहली बार तपकरा विधानसभा से विधायक बने। श्री विष्णुदेव साय 1990 से 98 तक तत्कालिन मध्यप्रदेश के विधानसभा तपकरा से दो बार विधायक रहे। श्री विष्णुदेव साय सन् 1999 से लगातार रायगढ़ से 4 बार सांसद चुने गए। श्री विष्णुदेव साय ने 27 मई 2014 से 2019 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में इस्पात, खान, श्रम व रोजगार मंत्रालय का प्रभार संभाला।

श्री विष्णुदेव साय को अपने परिवार के राजनीतिक अनुभव का भी लाभ मिला। उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय श्री नरहरि प्रसाद साय, स्वर्गीय श्री केदारनाथ साय लंबे समय से राजनीति में रहे। स्वर्गीय श्री नरहरि प्रसाद लैलूंगा और बगीचा से विधायक और बाद में सांसद चुने गए। स्वर्गीय श्री नरहरि प्रसाद केंद्र में संचार राज्यमंत्री भी रहे। स्वर्गीय श्री केदारनाथ साय तपकरा से विधायक रहे। श्री विष्णुदेव साय के दादा स्वर्गीय श्री बुधनाथ साय भी सन् 1947-1952 तक विधायक रहे।