खूंटाघाट जलाशय से निकलकर गांव में पहुंचा मगरमच्छ: पोते को बचाने दादा ने मगरमच्छ का किया सामना, गंभीर रूप से घायल; सिम्स रेफर…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: October 18, 2023
कोरबा// कोरबा जिले के सरहदी गांव शिवपुरी में खूंटाघाट जलाशय से निकलकर विशालकाय मगरमच्छ बाड़ी के रास्ते से एक ग्रामीण के घर तक जा पहुंचा। मगरमच्छ ने बुजुर्ग के दाहिने हाथ को अपने जबड़े में कस लिया और वहां का पूरा मांस नोच लिया। बुजुर्ग को इलाज के लिए सिम्स रेफर किया गया है। मामला कटघोरा वनमंडल के पाली वन परिक्षेत्र का है।
मगरमच्छ को रेस्क्यू कर खूंटाघाट जलाशय में छोड़ दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम शिवपुर में हरिराम टोप्पो परिवार सहित रहता है। रोजाना की तरह मंगलवार की रात खाना खाने के बाद सभी सदस्य गहरी नींद में सोए हुए थे। इसी दौरान एक मगरमच्छ बाड़ी के रास्ते घर तक जा पहुंचा। वो बरामदे में सो रहे पोते पर हमला करता, इससे पहले दादा हरिराम की नींद खुल गई। हरिराम पोते को बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गया।
घायल बुजुर्ग हरिराम को बिलासपुर रेफर किया गया
इस दौरान मगरमच्छ ने ग्रामीण के दाहिने हाथ को जबड़े में कस लिया। किसी तरह उसके चंगुल से निकले दादा ने शोर मचाया। चीख-पुकार सुनकर परिवार के लोगों की नींद खुल गई। वे तुरंत बरामदे में आए, जहां उन्होंने मगरमच्छ और बुजुर्ग को देखा। इधर शोर सुनकर गांव के लोग भी मौके पर जुट गए।
उन्होंने घटना की सूचना वन विभाग को दी। इसके साथ ही परिवार के लोगों ने घायल बुजुर्ग हरिराम को पाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, लेकिन वहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे सिम्स बिलासपुर रेफर कर दिया गया।
घायल बुजुर्ग हरिराम को पाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे सिम्स बिलासपुर रेफर कर दिया गया।
वन विभाग ने मगरमच्छ का किया रेस्क्यू
इधर सूचना मिलने पर वनकर्मी भी मौके पर पहुंचे। वन विभाग के एसडीओ चंद्रकांत टिकरिहा ने बताया कि खूंटाघाट जलाशय से निकलकर मगरमच्छ बाड़ी के भीतर घुस गया था। उसके हमले से एक ग्रामीण घायल हुआ है, जिसे बिलासपुर जिले के सिम्स अस्पताल भेजा गया है। वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को रेस्क्यू कर लिया है। उसे दोबारा खूंटाघाट जलाशय में छोड़ दिया गया है।
बताया जा रहा है कि गांव की सरहद से खूंटाघाट जलाशय का डुबान क्षेत्र लगा हुआ है, जहां से निकलकर मगरमच्छ गांव तक पहुंचते हैं। इससे गांववालों में दहशत बनी रहती है।