छत्तीसगढ़ में टीचर पोस्टिंग ऑर्डर निरस्ती पर हाईकोर्ट का स्टे: शिक्षकों की याचिकाओं पर कल सुनवाई; ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले में राज्य सरकार ने दिया था आदेश..

Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: September 12, 2023

बिलासपुर।। छत्तीसगढ़ में असिस्टेंट टीचर के प्रमोशन के बाद संशोधित पोस्टिंग निरस्त करने पर हाईकोर्ट ने शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। सिंगल बेंच ने शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर स्थगन आदेश दिया है। प्रमोशन के बाद संशोधित पदस्थापना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आने के बाद शासन ने शिक्षकों के पदस्थापना आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसके खिलाफ प्रभावित शिक्षकों ने याचिका दायर की है।

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद ऐसे शिक्षक जो रिलीव नही हुए है वो अपने संशोधित पोस्टिंग वाली जगह पर बने रहेंगे। हाईकोर्ट ने याचिका पर शासन को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इस तरह की 500 से अधिक याचिकाएं दायर की गई है, जिनकी सुनवाई अब एक साथ 13 सितंबर को होगी।

मामले में शिक्षकों की प्रमोशन, ट्रांसफर और पोस्टिंग में घोटाले का खुलासा हुआ था। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मामले में शिक्षकों की प्रमोशन, ट्रांसफर और पोस्टिंग में घोटाले का खुलासा हुआ था। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

याचिकाकर्ता बोले- सरकार को ट्रांसफर का अधिकार, ये प्रमोशन के बाद पोस्टिंग

सोमवार को याचिकाकर्ता शिक्षकों की तरफ से एडवोकेट मनोज परांजपे, विपिन तिवारी, प्रतीक शर्मा, अजय श्रीवास्तव ने बहस की। वहीं राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिक्षकों के वकीलों ने बताया कि राज्य सरकार को ट्रांसफर करने का अधिकार है पर यह ट्रांसफर नहीं है, यह प्रमोशन के बाद नई पोस्टिंग है।

राज्य ने कहा- संयुक्त संचालक पोस्टिंग में संशोधन नहीं कर सकते

साथ ही राज्य शासन का कहना है की पोस्टिंग में संशोधन संयुक्त संचालक नहीं कर सकते इसलिए इसे नियम विपरीत बता कर संशोधन आदेश निरस्त किया गया है। जबकि विधानसभा में विधायक रजनीश सिंह के उठाए गए सवाल के जवाब में स्वयं स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने लिखित दिया था जिसमें कहा था कि नियुक्तिकर्ता अधिकारी यानी कि संयुक्त संचालक ट्रांसफर व पोस्टिंग कर सकते हैं।

पोस्टिंग आर्डर निरस्त करने के बाद स्कूल में नहीं है शिक्षक
याचिकाकर्ताओं की तरफ से यह भी तर्क दिया गया कि जिन स्कूलों में पूर्व में पदस्थापना की गई थी उनमें पहले से ही अतिशेष शिक्षक हैं। जबकि जिन स्कूलों में पोस्टिंग में संशोधन कर पदस्थापना दी गई है वहां शिक्षकों की कमी है। यदि यह पोस्टिंग आदेश निरस्त किया जाता है तो स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या बनी रहेगी।

सभी तथ्यों को सुनने के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए कहा कि जो भी पिटीशनर अभी रिलीव नहीं हुए हैं उन्हें सरकार रिलीव न करें। लेकिन, जो रिलीव होकर अपनी पुरानी जगह ( संशोधन से पहले वाली) में जा चुके है वो वही रहेंगे। केस की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। इस दौरान शासन को जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

बिलासपुर में 150 शिक्षक हुए रिलीव, छह ने नहीं ली पदोन्नति
स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों की संशोधन पदस्थापना निरस्त होने के बाद 150 शिक्षकों ने मूल स्थान पर ज्वाइन कर लिया है। छह शिक्षकों ने पदोन्नति अस्वीकार कर दी और अपने पूर्व के स्कूल में पढ़ाने चले गए। शेष शिक्षक भी मूल स्थान पर जाने की तैयारी में जुटे हैं। संभाग में 700 से ज्यादा शिक्षकों की संशोधन पदस्थापना हुई थी। इस दौरान प्रभारी जेडी पर लेनदेन का आरोप लगा था। सोमवार को 150 शिक्षकों ने रिलीव ले लिए। उसमें 24 शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण किय