माता-पिता के सामने नदी में डूबकर बच्चे की मौत: हसदेव नदी में ट्यूब पर बैठकर नहा रहा था 7वीं का छात्र,अचानक पलटा और डूब गया…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: June 10, 2023
12 साल के बच्चे की कुदरी बैराज में डूबकर मौत।
जांजगीर-चांपा// जांजगीर-चांपा जिले में 12 साल के बच्चे की मौत हसदेव नदी में बने बैराज में डूबकर हो गई है। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाला ऋतुराज देवांगन माता-पिता के सामने ही नदी में डूब गया। हादसा चांपा थाना क्षेत्र के कुदरी गांव में हुआ।
जानकारी के मुताबिक, संजय नगर चांपा का रहने वाला अनिल देवांगन अपनी पत्नी, बेटी और बेटे ऋतुराज देवांगन के साथ बाइक पर सवार होकर शुक्रवार सुबह नहाने के लिए कुदरी गांव के हसदेव नदी में बने बैराज के पास गए थे। उनका 12 साल का बेटा ऋतुराज देवांगन एक ट्यूब में बैठकर नहा रहा था। वहीं पास में ही माता-पिता और छोटी बहन भी नहा रही थी।
इसी दौरान ऋतुराज का ट्यूब नहाने के दौरान पलट गया और वो हसदेव नदी के पानी में डूब गया। बेटे को डूबता देख पिता अनिल देवांगन उसे बचाने के लिए गया। लेकिन तब तक बच्चा गहराई में चला गया था। पिता अनिल देवांगन ने उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं मिला।
12 साल का ऋतुराज देवांगन इस साल सातवीं कक्षा में गया था।
पिता अनिल ने पास में ही नहा रहे युवक को बुलाकर बच्चे को खोजने की कोशिश की। आधे घंटे के बाद बच्चा मिला, जिसे तुरंत इलाज के लिए लेकर परिजन बीडीएम अस्पताल चांपा पहुंचे। यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चांपा थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल प्रकाश राठौर ने बताया कि सूचना मिलने पर वे अस्पताल पहुंचे। मृत बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया है।
गर्मी के मौसम में कुदरी बैराज में नहाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है।
मृतक के पिता अनिल देवांगन ने बताया कि वे कोसे से कपड़ा बनाने का काम करते हैं। ऋतुराज उनका बड़ा बेटा था। बेटी छोटी है, जिसकी उम्र 6 साल है। इस साल बेटा सातवीं कक्षा में गया था।
बैराज के पास नहीं है चेतावनी लिखा कोई बोर्ड
मृतक के पिता ने कहा कि बैराज के पास कहीं पर भी चेतावनी वाला बोर्ड नहीं लगाया गया है, जिसके कारण वे सचेत नहीं रह सके। अगर यहां सांकेतिक चिन्ह या बोर्ड लगा होता, तो उनके बच्चे की जान बच जाती। गर्मी के मौसम में बैराज में नहाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है, लोग यहां पिकनिक मनाने के लिए सैकड़ों की संख्या में पहुंचते हैं, लेकिन सुरक्षा के यहां कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।