रायपुर : सरगुजा की भाजियों का स्वाद मैं आज तक नहीं भूला : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: May 29, 2023
- सरगुजा के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री ने आत्मीयता से कराया भोजन
- भेंट-मुलाकात के दौरान जिन ग्रामीणों के घर मुख्यमंत्री ने किया भोजन उन्हें सपरिवार मुख्यमंत्री निवास में कराया भोज
- सरगुजा की छात्रा मधुलिका की स्केचिंग से प्रभावित हुए मुख्यमंत्री, खैरागढ़ विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु सहायता के दिए निर्देश
रायपुर(CITY HOT NEWS)//
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सरगुजा संभाग में जिन ग्रामीण परिवारों के घर भोजन किया था, मुख्यमंत्री ने आज उन्हें अपने निवास पर दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि मैंने आप सब के घर भोजन किया था, जिस स्नेह और अपनत्व से आप लोगों ने मेरा स्वागत किया उससे मैं अभिभूत हूं। सरगुजा और जशपुर में आप सभी ने अनेक तरह के फल और भाजियां परोसी थी, उनका स्वाद आज तक मैं नहीं भूला हूं। आज मुझे आप सभी को अपने निवास पर आमंत्रित कर स्वागत करने का अवसर मिला है। भोजन के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के पास जाकर बड़ी आत्मीयता से मुलाकात की और उनके घर-परिवार का हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने सरगुजा से आए मेहमानों का पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन मूंग दाल का देहाती बड़ा, मूंग भाटा आलू की सब्जी, टमाटर चटनी और आम के पना के जायके के साथ स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने मधुलिका की चित्र कला को सराहा, पढ़ाई के लिए दिया सहायता का आश्वासन
सरगुजा के ग्राम- करजी से आयी कुमारी मधुलिका प्रजापति ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि जब आप मेरे घर भोजन के लिए आये थे तो मैंने आपको अपने द्वारा बनाया आपका स्केच भेंट किया था। आपको स्केच भेंट करती फ़ोटो जनमन पत्रिका के कवर पर प्रकाशित हुई है। इसे देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। इसीलिये मैं आज फिर आपका स्केच बनाकर आपको भेंट करने लाई हूँ। मधुलिका ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है और आगे खैरागढ़ विश्वविद्यालय से चित्रकला की पढ़ाई करना चाहती हूं। मुख्यमंत्री ने मधुलिका की कला की खूब सराहना की और खैरागढ़ विश्वविद्यालय में उसका दाखिला कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के आमंत्रण पर उनके निवास पहुंचे पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र के बागबहार निवासी श्री गौरीशंकर यादव ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि मुख्यमंत्री जी कभी हमारे यहां भोजन के लिए आएंगे। हमने उन्हें देशी खाना खिलाया था, जिसे मुख्यमंत्री जी ने बड़े प्रेम से ग्रहण किया। आज मुख्यमंत्री जी ने हमें अपने निवास पर भोजन के लिए आमंत्रित कर हमें सम्मान दिया है।
सीतापुर विधानसभा के मैनपाट विकासखण्ड के ग्राम राजापुर से आए श्री राजनाथ एक्का ने बताया हमने कभी सोचा भी नहीं था कि मुख्यमंत्री जी आदिवासी किसान के घर आएंगे, उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि हम लोगों ने मुख्यमंत्री जी को लकड़ा की चटनी और कोइलरी भाजी खिलाई थी। आज मुख्यमंत्री निवास आकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को घर से लाया गुड़ और अपने बाग की लीची भेंट की।
सामरी विधानसभा के शंकरगढ़ से आए, जहां से मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पिछले वर्ष 4 मई को भेंट-मुलाकात की शुरुआत की थी, शंकरगढ़ के श्री सत्यनारायण अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री उनके घर भोजन के लिए आए थे, उसे याद कर आज मुख्यमंत्री जी ने हमें भोजन के लिए बुलाकर छत्तीसगढ़ की परम्परा का निर्वाह किया और हमे सम्मान दिया।
कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव श्रीमती अम्बिका सिंहदेव और श्री पारसनाथ राजवाड़े, विधायक श्री रामपुकार सिंह, श्री खेलसाय सिंह, डॉ. विनय जायसवाल, श्री गुलाब कमरो, श्री विनय भगत भी इस अवसर पर उपस्थित थे।