अतिक्रमण हटाने गई वन विभाग की टीम पर हमला: डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड घायल; कब्जाधारियों ने लाठी-डंडे और गुलेल से किया वार…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: May 26, 2023
गरियाबंद// गरियाबंद जिले के इचरादी में अवैध अतिक्रमण हटाने गए वन विभाग के अमले पर ग्रामीणों ने लाठी-डंडे और गुलेल से हमला कर दिया। हमले में डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड घायल हो गए हैं। घायलों का इलाज कराया गया है। मामला इंदागांव थाना क्षेत्र का है।
वनकर्मियों पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया।
उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र में अवैध कब्जा कर रहे लोगों को जगह छोड़ने के लिए प्रशासन ने नोटिस दिया था। इसके बाद भी लोगों ने घर खाली नहीं किए, जिसके बाद शुक्रवार को करीब 300 वन विभाग के कर्मचारी अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचे। इधर ग्रामीणों ने महिलाओं को आगे कर दिया। जब महिलाओं को हटाने की कोशिश की जा रही थी, तब कर्मचारियों और अतिक्रमणकारियों के बीच विवाद बढ़ा।
अतिक्रमणकारियों की भीड़ मौके पर लगी हुई।
इसके बाद अतिक्रमणकारियों ने वन विभाग की टीम पर लाठी-डंडे और गुलेल से हमला कर दिया। हमले में डिप्टी रेंजर, फॉरेस्ट गार्ड समेत वन विभाग के कर्मचारियों को चोट आई है। इस हमले में डिप्टी रेंजर के पैर में और फॉरेस्ट गार्ड के सिर पर गंभीर चोट आई है।
उदंती सीतानदी के उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में विभाग 5 पोकलेन मशीन लेकर अवैध कब्जा हटाने इचरादी पहुंची थी। टीम में 250 पुरुष और 20 महिला वनकर्मी शामिल हैं। कब्जा करने वाले ज्यादातर लोग ओडिशा और बस्तर के हैं। कार्रवाई के विरोध में ग्रामीण, वन मंत्री मोहम्मद अकबर के बंगले भी पहुंचे थे, हालांकि उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
कब्जाधारियों ने किया वन विभाग के अमले पर हमला, वनकर्मी काबू करते हुए।
2008 के बाद पिछले 10 वर्षों में इचरादी में 65 लोगों ने 40 हजार से ज्यादा पेड़ों की कटाई करके 202 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा जमा लिया। पिछले एक सप्ताह से अवैध कटाई और कब्जे वाले इलाके का ड्रोन सर्वे भी किया गया है। ठूंठ की गिनती भी हो रही है। अवैध कटाई को छिपाने आरोपियों ने ठूंठ को जलाकर मिट्टी से ढंककर निशान मिटाने की भी कोशिश की है। सभी को नोटिस जारी किया गया था।
अतिक्रमणकारियों के हमले में डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड घायल।
उप निदेशक वरुण जैन ने ग्रामीणों से अपील की थी कि वन अधिकार पट्टे का लालच देकर वन भूमि पर कब्जा कराने वालों के झांसे में लोग न आएं। वन अधिकार 13 दिसंबर 2005 के पहले काबिज लोगों को दिए जाने का प्रावधान है।
भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे।
इचरादी की अवैध जमीन लीज पर
इचरादी में बसे 65 में से 40 लोग कांकेर, विश्रामपुरी व ओडिशा के विभिन्न क्षेत्र के रहने वाले हैं। कार्रवाई के लिए जब वन विभाग ने आरोपियों का नाम-पता मांगा, तो प्राप्त आधार कार्ड से इसका खुलासा हुआ है। तौरेंगा रेंजर बी एल सोरी ने बताया, कुछ साल पहले जुताई करने वाले कुछ लोगों पर जब कार्रवाई की जा रही थी, तो उन्होंने जमीन दूसरे से लेना बताया था, बदले में सालाना रुपए देने की बात भी वन स्टाफ से कही थी। इसके अलावा पिछले 5 साल में कई बार कार्रवाई की गई, लेकिन हर बार आरोपी का नाम बदला हुआ मिला।
वन विभाग के अमले के साथ विवाद करते हुए अतिक्रमणकारी।
वर्तमान में जारी कार्रवाई में 7 लोग नदारद हैं। वे अपनी झोपड़ियों में ताला मारकर भाग गए हैं। इन्हीं तथ्यों के आधार पर वन विभाग को आशंका है कि कुछ स्थानीय लोग जो कब्जे वाले इलाके के कथित मुखिया हैं, उनके द्वारा अतिक्रमण की जमीन बाहरी लोगों को लीज पर दी गई है। अब तक यही माना जा रहा था कि अवैध कटाई वनभूमि के लालच में करते थे, पर हाल ही में मिले लीज पर देने के प्रमाण ने वन विभाग ही नहीं, बल्कि प्रशासन को भी चौंका दिया।
कब्जा हटाने की कार्रवाई 26 मई को की गई।
उपजाऊ जमीन, बेहतर उत्पादन इसलिए बढ़ी मांग
इचरादी ओडिशा के नवरंगपुर इलाके से लगा हुआ है। ओडिशा में मक्के की खेती का प्रचलन 2010 के बाद बढ़ गया। अन्य जमीन की तुलना में ये वनभूमि बेहद उपजाऊ साबित हुई। दलहन व मक्के का उत्पादन अन्य भूमि की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा हुआ। बेहतर उत्पादन के कारण बाहरी लोग वन भूमि को हथियाने के लिए टूट पड़े। जिन्हें जमीन नहीं मिली, उन्हें कुछ स्थानीय तथाकथित मुखियाओं के गिरोह ने लीज पर जमीन उपलब्ध करानी शुरू की। एक खरीफ फसल में प्रति हेक्टेयर 8 लाख से ज्यादा की आमदनी होती है। प्रति हेक्टेयर 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए का किराया वसूला जाता है।
कृषि उपकरणों से लैस हैं कब्जाधारी
अवैध वन भूमि से आय बढ़ी, तो इचरादी से कमाई करने वाले लोगों ने सुविधा भी बढ़ा ली। ट्रैक्टर, थ्रेसर, पंप के अलावा पोकलेन, पिकअप जैसी कई मशीनें कब्जाधारकों के पास हैं। अवैध रासायनिक खाद की बड़ी खेप भी हर साल इसी इलाके में खप जाती है। अवैध बस्ती में सोलर लाइट, बोर, राशन कार्ड के अलावा बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल भी है।
कब्जाधारकों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल भी खोला है।
पौधरोपण व कंटूर ट्रेंच बनाया जाएगा
वन विभाग ने खाली पड़े भूमि के लिए कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है। वरुण जैन ने बताया कि पौधरोपण करने के अलावा सभी जगहों पर महाराष्ट्र की तर्ज पर कंटूर ट्रेंच बनाया जाएगा। इससे मिट्टी का कटाव कम होगा, साथ ही उस इलाके का वॉटर लेबल रिचार्ज होगा। योजना का प्रपोजल उच्च अधिकारियों के माध्यम से शासन तक जा चुका है।