धमतरी : विशेष लेख : समूह की महिलाओं के हुनर को अंजाम देने वरदान साबित हो रहा अछोटा का रीपा केन्द्र..
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 24, 2023
- इलेक्ट्रिक मशीन से कपड़ा सिलाई, हाथकरघा इकाई सहित विभिन्न गतिविधियां हो रहीं संचालित
- ताराशंकर सिन्हा
धमतरी(CITY HOT NEWS)//
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदी व अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। गौठानों व समूहों को और अधिक सशक्त व समर्थ बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) संचालित किए जा रहे हैं जहां पर समूह की महिलाएं खुद के हुनर को तराशकर आर्थिक स्वावलम्बन की ओर तेजी से अग्रसर हो रही हैं।
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत 17 मई को धमतरी विकासखण्ड के ग्राम अछोटा पहुंचे, जहां पर उन्होंने गौठान के समीप स्थापित रीपा केन्द्र का अवलोकन किया और महिला समूहों के द्वारा की जा रही गतिविधियों की प्रशंसा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हाथकरघा प्रशिक्षण इकाई, कपड़ा सिलाई युनिट की प्रशिक्षु महिलाओं से मुलाकात की तथा उनकी कार्यशैली की जानकारी ली। हाथकरघा प्रशिक्षण के प्रभारी श्री दिलीप देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार बुनकरों की प्राचीन हथकरघा पद्धति को प्रोत्साहित करने महिलाओं को हथकरघा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सामूहिक रूप से प्रशिक्षण देने के लिए रीपा केन्द्र सबसे उपयुक्त जगह साबित हुआ है, जहां पर महिलाएं बेहतर ढंग से प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यहां तैयार किए गए सूती वस्त्र की बाजार में अच्छी मांग है तथा इससे अब तक ढाई लाख रूपए तक की आय समूह को प्राप्त हो चुकी है। मां अंगारमोती बुनकर सहकारी समिति अछोटा की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी देवांगन ने बताया कि रीपा केन्द्र में प्रशिक्षण दिया जाना बेहतर विकल्प साबित हुआ है, क्योंकि आवश्यक सामानों की उपलब्धता, ताना-बाना और धागों के बंडल का रखरखाव काफी आसान हो गया है।
रीपा केन्द्र अछोटा में समूह की महिलाएं सिलाई का भी प्रशिक्षण तन्मयता से ले रही हैं और अपना कौशल विकसित करने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। वहां उज्ज्वल ग्राम संगठन अछोटा समूह की महिला श्रीमती जयंती नगारची व भुनेश्वरी ने बताया कि इससे पहले मैनुअल मशीन से दिनभर में 10-15 कपड़ों की सिलाई हो पाती थी, लेकिन इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन से एक ही दिन में 30-40 नग ट्यूनिक, शर्ट आदि कपड़ों की सिलाई आसानी से हो जाती है। यह भी बताया गया कि समूह ने अब तक लगभग 09 हजार नग कपड़े तैयार किया जा चुका है जिससे लगभग 50 हजार रूपए की आमदनी हुई है। इसके अलावा रीपा केन्द्र को अत्याधुनिक तकनीकीयुक्त बनाते हुए फ्री वाईफाई सेवा प्रदाय की जा रही है। साथ ही गढ़कलेवा का भी संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है, जहां पर विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है। इस प्रकार अछोटा का रीपा सेंटर ग्राम्य अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत, स्वावलम्बी और आर्थिक रूप से संबल बनाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है।