बांग्लादेश से टकराया मोका तूफान: आईलैंड डूबने का खतरा, म्यांमार में भी तूफानी बारिश; हवाओं की रफ्तार 250 किमी/घंटा हो सकती है…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 14, 2023
नई दिल्ली// साइक्लोन मोका बांग्लादेश के तट पर पहुंच चुका है। इसके चलते म्यांमार के भी कई क्षेत्रों में तेज बारिश हो रही है। BBC के मुताबिक, यहां 195 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। वहीं ये रफ्तार 250 किमी/घंटे तक पहुंच सकती है। बांग्लादेश के मौसम विभाग ने कहा- मोका पिछले 2 दशकों में देश में आया सबसे ताकतवर तूफान हो सकता है।
बांग्लादेश-म्यांमार के तट पर मोका तूफान का असर दिखने लगा है। यहां तेज हवाएं और बारिश का दौर जारी है।
इसकी वजह से देश का कोरल आइलैंड सेंट मार्टिन के डूबने का खतरा है। फिलहाल, एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं और मछुआरों से समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है। मोका शनिवार रात मध्य और इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इसका असर दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप पर भी पड़ सकता है।
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, साइक्लोन के चलते अगर बाढ़ या लैंडस्लाइड होता है तो ये बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को तबाह कर सकता है। इस रिफ्यूजी कैंप में करीब 8 लाख 80 हजार रोहिंग्या रहते हैं। 5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
मोका तूफान की वजह से म्यांमार के रखाइन राज्य में तेज बारिश शुरू हो गई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवाती तूफान बीते 6 घंटों में 15 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा। 14 मई की शाम तक तूफान के बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के क्यौकप्यू को पार करने की आशंका है। इस दौरान हवा की स्पीड 150-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 175 किमी प्रति घंटा हो सकती है।
मोका के चलते खराब मौसम से कोलकाता- पोर्ट ब्लेयर फ्लाइट ने यू-टर्न लिया
मोका तूफान के चलते मौसम खराब होने से कोलकाता से पोर्ट ब्लेयर जाने वाली विस्तारा की फ्लाइट को यू-टर्न लेना पड़ा। इस फ्लाइट ने कोलकाता एयरपोर्ट से सुबह 9:05 बजे पोर्ट ब्लेयर के लिए उड़ान भरी। इसे 11:40 बजे पोर्ट ब्लेयर पर लैंड करना था, लेकिन मोका तूफान की वजह से यहां मौसम खराब हो गया। इसके चलते इसे वापस कोलकाता के लिए मोड़ दिया गया।
रिफ्यूजी कैंप के लिए राहत किट भेजेगा WHO
WHO ने कहा कि वो रिफ्यूजी कैंप के लिए 33 मोबाइल मेडिकल टीमों, 40 एंबुलेंस के साथ-साथ इमरजेंसी सर्जरी और हैजा किट भेजने की तैयारी कर रहा है। वहीं म्यांमार के रखाइन राज्य में निचले इलाकों के निवासी शुक्रवार को अपने घरों को छोड़कर राजधानी सितवे में आ गए। इसके अलावा करीब 1 हजार लोग एक मठ में शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं।
मोका तूफान से जूड़ी ये 4 तस्वीरें भी देखें…
बांग्लादेश के तट पर मोका तूफान की वजह से 195 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
तेज हवाओं और बारिश के बीच कई जगहों पर पेड़ गिर गए।
यह तस्वीर बांग्लादेश के कॉक्स बाजार मेन ड्राइव की है। मछुआरों ने अपनी नावों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचा दिया है।
तस्वीर बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर के पास बसे रोहिंग्या के रिफ्यूजी कैंप की है।
बंगाल में NDRF की 8 टीमें, 200 बचावकर्मी तैनात
IMD का कहना है कि तूफान अब उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ गया है। अंडमान-निकोबार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा सहित कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। खतरे को देखते हुए बंगाल के दीघा में NDRF की 8 टीमों और 200 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, 100 बचावकर्मियों को रिजर्व में रखा गया है। इसके अलावा बंगाल के परगना में बक्खाली समुद्र तट पर सिविल डिफेंस टीम को तैनात किया गया है।
IMD के सीनियर वैज्ञानिक संजीव द्विवेदी ने ताजा अपडेट शेयर करते हुए कहा कि चक्रवाती तूफान फिर हल्के से उठेगा। 13 मई को यह अपने चरम पर होगा।। हालांकि सिस्टम लगातार इसकी निगरानी कर रहा है।
गुरुवार रात को बंगाल की खाड़ी में मोका तूफान का सैटेलाइट व्यू। (इमेज- वाशिंगटन पोस्ट)
मछुआरों को रविवार तक बंगाल की खाड़ी में ना जाने की सलाह
मौसम विभाग ने मछुआरों और शिप्स को रविवार तक मध्य और उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर में ना जाने की सलाह दी है। वहां पहले से मौजूद जहाजों को तट पर लौटने के लिए कहा गया है। मोका की वजह से त्रिपुरा और मिजोरम में शनिवार को भारी बारिश होने की संभावना है। रविवार को नगालैंड, मणिपुर और साउथ असम में कई जगहों पर बारिश हो सकती है।
रविवार को 175 किमी/घंटा की स्पीड से चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान रविवार को उत्तर-उत्तरपूर्व में मुड़ जाएगा। तूफान के बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के सित्तवे शहर के बीच लैंडफॉल करने की उम्मीद है। इस दौरान 175 किमी/घंटा की स्पीड से हवाएं चलेंगी।
साइक्लोन को मोका नाम कैसे मिला?
इस तूफान का नाम यमन ने तय किया है। लाल सागर से लगे यमन के तटीय शहर मोका या मुखा ने 500 साल पहले दुनिया के सामने मोका कॉफी पेश की थी। इसी शहर के नाम पर तूफान को मोका नाम दिया गया है।