CG NEWS: इंजीनियर से सवा 2 लाख की ठगी: KYC अपडेट करने भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही खाते से रकम पार…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 4, 2023

भिलाई// दुर्ग जिले में साइबर ठगी के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। एक मई को एक अनपढ़ ठग ने एमटेक इंजीनियर से केवायसी अपडेट करने के नाम पर सवा दो लाख रुपए की ठगी की। जब यह मामला दुर्ग एसपी के संज्ञान में आया तो उन्होंने पीड़ित को पुलिस कंट्रोल रूम बुलाया और ठगी का लाइव डेमो किया। एमटेक इंजीनियर ने बताया की किस तरह तीन छोटी-छोटी गलती की वजह से उसके अकाउंट से 7-8 मिनट के अंदर लाखों रुपए निकल गए।

तालपुरी ए-ब्लाक रुआबान्धा निवासी गौरव रॉय एमटेक इंजीनियर है। वो मारुती सुजुकी भाटागांव रायपुर में एडवाइजर के पोस्ट पर काम करता है। उसने बताया कि वो काफी दिनों से अपने पैन कार्ड का केवायसी अपडेट करना चाह रहा था। 1 मई की दोपहर 2.30 उसके मोबाइल पर एक फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताते हुए कहा कि अगर उसका केवायसी अपडेट नहीं हुता तो उसका अकाउंट बंद हो जाएगा।

इसके बाद उसने उसके नंबर पर एक लिंक भेजा और केवायसी अपडेट करने के लिए कहा। गौरव घबरा गया और जल्दबाजी में केवायसी अपडेट करने के लिए उस लिंक को खोला। लिंक खोलने के बाद पहले उसका पैन कार्ड नंबर मांगा और फिर ओटीपी। इसके बाद आधार कार्ड नंबर और उसका ओटीपी। गौरव ने जैसे ही दोनों ओटीपी बताए, सामने वाले ने फोन काट दिया। थोड़ी देर बाद गौरव के मोबाइल पर मैसेज आया कि उसके खाते से 2.25 लाख निकाल ली गई है। इसके बाद उसने तुरंत मामले की शिकायत भिलाई नगर थाने में दर्ज कराई।

साइबर ठग का शिकार हुआ गौरव रॉय को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था।

साइबर ठग का शिकार हुआ गौरव रॉय को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था।

इन तीन छोटी गलतियों से गौरव हुआ ठगी का शिकार
गौरव ने बताया कि उसने तीन छोटी-छोटी गलती की, जिससे वो साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ। उसने बताया कि जब उसने लिंक को खोला तो उसने लिंक को पूरी तरह पढ़ा नहीं कि वो एसबीआई का है या उससे मिलता जुलता किसी और का लिंक है। दूसरी गलती उसने बिना बैंक से संपर्क कॉल करने वाले को अपने फोन नंबर पर भेजे गए ओटीपी को बता दिया। तीसरी गलती जब वो वेबसाइट में जानकारी भर रहा था तो उसने वेबसाइट के हेडर को नहीं देखा। यदि देखता तो पता चल जाता कि वो वेबसाइट एसबीआई की न होकर उससे मिलती जुलती किसी फ्रॉड की है।

एसपी ने फेसबुक लाइव में बताया किस तरह होती है साइबर ठगी

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महज 8 मिनट में चली गई दो साल की जमापूंजी
गौरव रॉय ने बताया कि वो जॉब करता है। एक साइबर ठग ने उसके मन के डर और जल्दबाजी का फायदा उठाकर उसके साथ साइबर ठगी की। उसने उसके दो साल की जमापूंजी को महज 7-8 मिनट के अंदर निकाल लिया। उसने पुलिस से मामले में कार्रवाई की मांग की है।
गूगल सर्च से ठग को पता चलती है आपकी कमजोरी
दुर्ग एसपी ने बताया कि आप जिस भी चीज के बारे में गूगल में सर्च करते हैं उसका एक बैकअप फाइल गूगल के पास स्टोर होता है। उस डेटा को साइबर ठग खरीदते हैं और फिर सर्च हिस्ट्री के आधार पर पता करते हैं कि किस व्यक्ति को किस तरह की सर्विस की जरूरत है। उसके बाद वो लोग उसे उसी काम के लिए फोन करके दबाव बनाते हैं और मदद की बात करके ऑनलाइन फ्रॉड करते हैं।