सभी विभागों में ई-आफिस का पूर्ण क्रियान्वयन 31 मार्च 2025 तक करें सुनिश्चित – मुख्यमंत्री श्री साय
Last Updated on 2 hours by City Hot News | Published: February 7, 2025
- सरकार का लक्ष्य भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन को मजबूत करना : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
- ई-ऑफिस: छत्तीसगढ़ सरकार का सुशासन और पारदर्शिता की ओर एक और बड़ा कदम
- मंत्रालय के सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रारंभः 16 विभागाध्यक्ष कार्यालय भी ई-ऑफिस से जुड़े
- सक्ती जिले में ई-ऑफिस की शुरूआत
रायपुर /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार सुशासन को सशक्त बनाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी, प्रभावी और त्वरित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में, 1 जनवरी 2025 को विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों और कार्यालयों में ई-ऑफिस को लागू करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की अधिकांश फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही निपटाई जा रही हैं और सभी विभागों में इसका पूर्ण क्रियान्वयन 31 मार्च 2025 तक सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस के प्रशिक्षण की सुविधा देने की बात कही, ताकि सभी विभागों में इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया है। पहले इसे सामान्य प्रशासन विभाग में शुरू किया गया था और अब इसे मंत्रालय के सभी विभागों में विस्तारित कर दिया गया है। अब तक 16 विभागाध्यक्ष कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है और जिला स्तर पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सक्ती पहला ऐसा जिला है, जहां ई-ऑफिस पूरी तरह से लागू हो चुका है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से सरकारी कार्यों की गति, दक्षता और पारदर्शिता में अभूतपूर्व सुधार होगा। इस पहल से सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन (automation) आएगा, जिससे फाइलों की ट्रैकिंग आसान होगी, निर्णय लेने की गति तेज होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी विभागों में फाइलों की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए, ताकि सरकारी कार्यों में अनावश्यक देरी समाप्त हो और प्रशासनिक निर्णयों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके।
राज्य सरकार डिजिटल गवर्नेंस को हर स्तर पर सशक्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” अभियान को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिससे राज्य की सभी सरकारी सेवाएं अधिक पारदर्शी, सुगम और त्वरित बनेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ई-गवर्नेंस को सुशासन के प्रभावी उपकरण के रूप में अपनाया गया है, जिससे सरकारी सेवाएं तेजी से और आसानी से जनता तक पहुंचेंगी।
ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन से फाइलों के अनुमोदन में लगने वाला समय कम होगा, जिससे प्रशासनिक निर्णयों को शीघ्र लागू किया जा सकेगा। इसमें फाइलों की रियल-टाइम ट्रैकिंग, डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा और डुप्लिकेशन रोकने के लिए केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन की सुविधा शामिल है। कागजी कार्यवाहियों में कमी आने से सरकारी कार्यालयों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और शासन अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनेगा। ई-ऑफिस प्रणाली से कागज, मानव संसाधन और परिवहन लागत में भी बचत होगी, जिससे सरकारी खर्चों में भी कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को ई-ऑफिस प्रणाली को प्राथमिकता के साथ लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सरकार की कार्य प्रणाली को अधिक समयबद्ध, प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस का सफल क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक ठोस कदम होगा।