श्री स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल पम्पहाउस कोरबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन…
Last Updated on 2 weeks by City Hot News | Published: November 11, 2024
कोरबा// राष्ट्रीय शिक्षा सेवा दिवस के अवसर पर माननीय श्री सत्येन्द्र कुमार साहू, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के मागदर्शन एवं निर्देश में जिला शिक्षा विभाग से समन्वयन स्थापित कर स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल पम्पहाउस कोरबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर माननीय श्री जयदीप गर्ग, विशेष न्यायाधीश, एस्ट्रोसिटीज एक्ट कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि कोई भी चीज वेस्ट नहीं होती है, वेस्ट में भी बेस्ट निकलता है। पदार्थ एनर्जी में बदलता है एनर्जी पदार्थ में बदलता है। डाॅ. अबुल कलाम आजाद की जयंती के कारण आज शिक्षा दिवस मनाया जाता है। भारत की शिक्षा को आधुनिक करने, यूजीसी बनाने एवं संस्थागत करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। अबुल कलाम आजाद जी हमारे देश के प्रथम शिक्षा मंत्री थे। एक समय वे किसी काॅलेज के प्राचार्य थे, तब हाॅस्टल के विद्यार्थियों के द्वारा सामान्य सब्जी जो हमेशा बनती थे, जिसका सभी विद्यार्थियों ने बहिष्कार करने उक्त सब्जी को डस्टबीन में डाल दिये थे। तब वे डस्टबीन से उक्त सब्जी को निकालकर रसोईये से बोलकर अच्छा स्वाद है कहकर रोटी खायी। इसका मतलब यह है कि विवेक आप काॅलेज में आये हो शिक्षा ग्रहण करने के लिये खाना खाने के लिये नहीं आये हैं। आपका प्रथम उद्देश्य शिक्षा ग्रहण करना है। हाॅस्टल में रहने के लिये खाना जरूरी है लेकिन खाने से बढ़कर शिक्षा है। जो सीमित साधनों में खाना मिलता है उसे खाईये और शिक्षा प्राप्त किजिये । शिक्षा हमें क्या सीखाती है। शिक्षा का अर्थ है विद्या, विद्या से विवेक आती है। विद्या हमें नम्र बनाती है, विन्रमता से पात्रता उत्पन्न होती है, पात्रता से धन एवं समृद्धि उत्पन्न होती है, समृद्धि से सही आचरण प्राप्त होती है सही आचरण से संतोष होती है। अर्थात् हमें विवेकी, सही आचरण करने वाला, संतोषी बनता है। धैर्यवान तभी हम होंगे तब हम विवेक होंगे। जो अच्छा व्यक्ति है उसके पास भी विवेक है अपराधी के पास भी विवेक है। अच्छा व्यक्ति अपने विवेक का उपयोग करके अपराधी नहीं बनेगा। जिन्हें कानून की जानकारी वे कभी अपराध नहीं करेगा। आप विवेकवान बने। हमें स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, लेकिन दूसरे के अधिकार का हनन नहीं करना है अधिकार के साथ-साथ अपने कर्तव्य का भी पालन करना होता है। विद्यार्थियों को समझाईश देते हुये कहा गया कि अनुशासित रहें समय पर विद्यालय आयें व अपने कर्तव्य का पालन करते हुये विवेकवान बनें।
माननीय डाॅ0 ममता भोजवानी, विशेष न्यायाधीश के द्वारा पाॅक्सो एक्ट के संबंध में जानकारी देते हुये गया कि अपने ज्ञान का सही प्रयोग करें। बच्चों को सही दिशा में गाईड करें, बालकों एवं बच्चों को लैंगिंग अपराधों से बचाने के लिये पाॅक्सों एक्ट बनाया गया है। उसके पूरी प्रक्रिया, क्या सजा का प्रावधान है कि जानकारी बालको के लैंगिक अपराध से संरक्षण अधिनियम में है। स्कूल आते-जाते कोई आपका पीछा करता है, कोई अभ्रद व्यवहार या छेड़छाड़ करता है तो यह सभी अपराध की श्रेणी में आता है। इस अधिनियम में बालक शब्द का उपयोग किया गया है बालक लकड़ा या लकड़ी दोनों हो सकता है जो 18 वर्ष से कम है। आपको अपने अधिकारों को जानना चाहिये आपके साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित होता है तो आपको क्या करना चाहिये इसकी जानकारी देते हुये कहा गया कि कोई गलत टिप्पणी कर रहा है तो हमकांे चुप नहीं रहना है। उसका विरोध करना चाहिये अपने पालक या विद्यालय को शिक्षक को बताना चाहिये। यदि आप चुप रहेंगे तो हो सकता है उस व्यक्ति का हौंसला बढ़ेगा। इसलिये एैसी घटना होती है तो आज तत्काल उसका विरोध करें। अपने घरवाले को बताये आवश्यकता होने पर इसकी रिपोर्ट दर्ज करावें। रिपोर्ट दर्ज कराने में कोई भी हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिये। इसमें विशेष प्रावधान है कि हम बच्चें की पहचान को गोपनीय रखते हैं। तत्काल उस प्रकरण में सुनवाई होती है। इसमें 30 दिन में पीड़िता/पीड़ित का गवाही होना रहता है, इसमें कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। पाॅक्सांे केश में मृत्युदण्ड एवं आजीवन कारावास का प्रावधान है। शिक्षकों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को सही तरीके से गाईड करें। मोबाईल का सद्पयोग करंें।
कु. डिम्पल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा शिक्षा दिवस के हार्दिक दिवस की शुभकामना देते हुये कहा गया कि डाॅ. अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री थे। मौलाना आजाद ने स्वतंत्रता के बाद भारत की शिक्षा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। उनका विचार था कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिये शिक्षा आवश्यक हैै। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य ही समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को विधिक सहायता एवं विधिक सलाह देना है, इसके महिला बच्चे, बुर्जुग, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति, आपदा ग्रस्त व्यक्ति आते है। व्यवहार न्यायालय में अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एवं उच्च न्यायालय के प्रकरणों के लिये उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति तथा माननीय उच्चतम न्यायालय के प्रकरण के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण है।
श्रीमती सीमा भारद्वाज के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षण मिशन के अंतर्गत शिक्षा विभाग के चल रहे योजनाओं की जानकारी दिया गया। अपने आसपास के निरक्षर व्यक्ति को साक्षर बनाना हमारे जिम्मेदारी है।
उक्त अवसर पर श्रीमती किरण दुबे, प्राचार्य आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल पम्प हाउस कोरबा, मंच का संचालन श्रीमती चन्द्रा मेडम एवं श्रीमती देवांगन प्राचार्य, मिडियल स्कूल पम्प हाउस कोरबा के द्वारा उक्त कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि का आभार प्रदर्शन किया गया। उक्त अवसर पैरालीगल वाॅलीण्टियर्स श्री भीमराव श्यामकुंवर, उपेन्द्र कुमार राठौर, श्री पी.एल. सोनी, एवं रमाकांत दुबे के द्वारा पाम्पलेट का वितरण तथा अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा सरल कानूनी शिक्षा का पुस्तक विद्यालय को भेंट किया गया।