BIG BREAKING:: छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला, 10 पुलिसकर्मी शहीद: गाड़ी को ब्लास्ट से उड़ाया, ड्राइवर की भी मौत; सुरक्षाबलों को रेस्क्यू करने जा रहे थे…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 26, 2023
दंतेवाड़ा ।। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सली हमले में 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। ये जवान डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) यूनिट के थे। इनके अलावा इनकी गाड़ी के ड्राइवर की भी हमले में मौत हुई है। इनकी टीम बारिश में फंसे सुरक्षा बलों को रेस्क्यू करने जा रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने IED ब्लास्ट में पुलिसकर्मियों का वाहन उड़ा दिया।
हमला दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में अरनपुर-समेली के बीच हुआ। सूत्रों के मुताबिक यहां पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुई है। इसी मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने वाहन पर बम फेंका था।
नक्सलियों का हमले कैंपेन चल रहा
बस्तर में नक्सलियों का TCOC (टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन) चल रहा है। नक्सली इस दौरान अक्सर कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। माओवादियों के इस TCOC को देखते हुए। फोर्स भी अलर्ट मोड पर है। बस्तर के सभी जिलों में जवानों को सर्चिंग के लिए भी निकाला जा रहा है।
बघेल ने कहा- नक्सलियों को बख्शेंगे नहीं
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमले पर दुख जताया है। कहा- शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हर संभव सहायता देने की बात कही है।
एक हफ्ते पहले विधायक के काफिले पर हमला हुआ था
बीजापुर से कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर एक हफ्ते पहले नक्सलियों ने हमला किया था। जिस वाहन में जिला पंचायत सदस्य पार्वती कश्यप बैठीं थीं, उस वाहन पर गोलियां लगी थीं। सभी सुरक्षित हैं। विधायक विक्रम मंडावी, जिला पंचायत सदस्य समेत कांग्रेसी नेता गंगालूर गए हुए थे। यहां मंगलवार को साप्ताहिक हाट बाजार में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया था। लौटते वक्त पदेड़ा गांव के नजदीक नक्सलियों ने चलते वाहनों पर फायरिंग की थी।
2 साल पहले जवानों पर BGL दागा था, 22 जवान शहीद हुए थे
3 अप्रैल 2021 को बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुड़ा में हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद और 35 से ज्यादा घायल हुए थे। इन पर 350 से 400 नक्सलियों ने हमला किया था। इनमें माओवादियों के बड़े कैडर्स के लीडर भी मौजूद थे। जवानों पर भारी मात्रा में BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागा गया था। साथ ही DRG, CRPF, कोबरा बटालियन के जवानों से हथियार भी लूट कर ले गए थे।
कोबरा के एक जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण किया था। जवान के पास से भी हथियार लूट लिए थे। इस मुठभेड़ में नक्सलियों ने अपने TCOC के दौरान वारदात को अंजाम दिया था। बाद में जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने रिहा कर दिया था।