बालको मेडिकल सेंटर ने विश्व स्तरीय कैंसर उपचार से क्षेत्र को बनाया सशक्त
Last Updated on 2 months by City Hot News | Published: September 21, 2024
- ईकैंसर, टाटा मेमोरियल सेंटर और नेशनल कैंसर ग्रिड के साथ साझेदारी कर बीएमसी ने कैंसर उपचार को किफायती तथा सभी तक इसकी पहुंच को बनाया आसान।
रायपुर,। वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन के अतंर्गत संचालित बालको मेडिकल सेंटर द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव का दूसरा संस्करण समापन की ओर। 20 से 22 सितम्बर तक आयोजित कॉन्क्लेव में कैंसर उपचार के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए कैंसर क्षेत्र के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हुए जिसमें लंदन, कनाडा, न्यूजीलैंड, इजरायल, अमेरिका और स्पेन के ख्याति प्राप्त संकाय सदस्य के साथ भारत के शीर्ष कैंसर संस्थानों के प्रमुख विशेषज्ञ मौजूद थे। कॉन्क्लेव ने ज्ञान साझा करने, विचार-मंथन और नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान किया।
कॉन्क्लेव का थीम “कॉमन सेंस ऑन्कोलॉजी (सीएसओ) फॉर आउटकम्स दैट मैटर” विषय पर केंद्रित था। यह वैश्विक ऑन्कोलॉजी समुदाय में एक बढ़ता हुआ अभियान है जो कैंसर की देखभाल के लिए व्यावहारिक और रोगी-केंद्रित है। इसका उद्देश्य निम्न-मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में सस्ती और बेहतर कैंसर देखभाल तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना है। कॉन्क्लेव में ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) के साथ एक लाइव सर्जरी किया गया। इसके साथ कैंसर उपचार में महत्वपूर्ण कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने वाली 10 कार्यशालाएँ भी शामिल थीं।
कॉन्क्लेव पर वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने बालको मेडिकल सेंटर के लिए अपना विचार साझा किया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य कैंसर की देखभाल के लिए पूर्णरूप से रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाते हुए इसके उपचार मानक को बढ़ाना है। यह कॉन्क्लेव रोगियों के लिए बेहतर उपचार प्राप्त करने के लिए सामूहिकता की शक्ति में हमारे विश्वास को दर्शाता है।
ईकैंसर के मुख्य संपादक और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो कैंसर सेंटर में ग्लोबल ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. एनरिके सोटो ने रोगी के दृष्टिकोण से ऑन्कोलॉजी पर पुनर्विचार करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक हितों पर ध्यान केंद्रित करना है इसके साथ ही स्पष्ट संचार की कमी रोगी और चिकित्सक दोनों के लिए उपचार संबंधी निर्णय लेने में बाधा बन रही है। हमारी प्राथमिकताओं को पुनः संतुलित करने के लिए शिक्षा, संचार, नीति, अनुसंधान डिजाइन और निवेश में बदलाव की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें ऐसे समाधान अपनाने की आवश्यकता जो लागत-प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण हों। इससे निम्न-मध्यम आय वाले देशों में कैंसर उपचार पर वास्तविक प्रभाव डाला जा सकता है तथा इस पहल से सुनिश्चित हो पाएगा कि वित्तीय क्षमता की परवाह किए बिना कैंसर का इलाज आसान हो।
बालको मेडिकल सेंटर की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारी चर्चाएँ अकादमिक शोधपत्रों तक सीमित नहीं है बल्कि दुनिया भर में कैंसर उपचार में सकारात्मक बदलाव लाएँ। इस वर्ष के सम्मेलन में चिकित्सक और नर्स के साथ-साथ शोधकर्ताओं, रोगी, कैंसर पीड़ित और विशेषज्ञ ने भी भाग लिया जिससे यह कैंसर चर्चाओं के लिए एक बहुआयामी मंच बना।
टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के उप निदेशक और कैंसर सर्जरी प्रमुख डॉ. शैलेश वी. श्रीखंडे ने बीएमसी की बेहतरीन सर्जरी विशेषज्ञता पर बात करते हुए कहा कि बीएमसी की सुविधाएं देश के प्रमुख कैंसर केंद्रों के बराबर है। यह इस क्षेत्र का अनूठा संस्था जिसके आठ कैंसर विशेषज्ञों में से पांच क्वालिफाइड एमसीएचस हैं। केंद्र के ऑपरेटिंग थिएटर (ओटी) और ओवरऑल इन्फ्रास्ट्रक्चर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं जो बीएमसी को विश्व स्तरीय उपचार देने में सक्षम बनाता है।
विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिनिधियों कॉन्क्लेव को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और रणनीतियों के लिए अपने विचार व्यक्त किया। इससे कैंसर संबंधित संस्थानों में कैंसर उपचार में सुधार लाने के लिए एक अभियान की शुरुआत हुई। इस कॉन्क्लेव में पहली बार एक समर्पित नर्सिंग कॉन्क्लेव भी शामिल था जिसमें कैंसर देखभाल में नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया।
बीएमसी छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव का यह दूसरा संस्करण एक ऐतिहासिक आयोजन बन गया है। कॉन्क्लेव में 1000 से अधिक चिकित्सक, नर्स, शोधकर्ता, रोगी, कैंसर सर्वाइवर और विशेषज्ञ एक साथ आए हैं जिससे पूरे भारत में कैंसर उपचार तक सभी की पहुंच के लिए ऑन्कोलॉजी क्षेत्र को बढ़ावा देने का एक मंच मिला।