महिला टीचर पर दुर्व्यवहार और परीक्षा में फेल करने की धमकी देने का आरोप… परेशान छात्र-छात्राएं शिकायत करने पहुंचे.. अधिकारियों को बताई पीड़ा…
Last Updated on 3 months by City Hot News | Published: August 27, 2024
खैरागढ़// खैरागढ़ में छात्र-छात्राओं ने महिला टीचर पर दुर्व्यवहार और परीक्षा में फेल करने की धमकी देने का आरोप लगाया है। टीचर से परेशान छात्र-छात्राएं मंगलवार को मालवाहक में बैठकर जिला मुख्यालय पहुंचे। अधिकारियों को रो-रो कर अपनी पीड़ा बताई।
महिला टीचर की शिकायत करने खैरागढ़ पहुंचे स्कूली बच्चे।
मूढ़ीपार हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने बताया कि दामिनी सिंह पर स्कूल में जीव विज्ञान की पढ़ाई करवाने का जिम्मा है, लेकिन वो विद्यालय आती ही नहीं। इस नए शिक्षा सत्र में तो वह केवल दस बारह दिन ही स्कूल पहुंच पाई हैं। आरोप है कि टीचर बच्चों को प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल करने की धमकी देती है।
पैदल चलकर जिला कार्यालय पहुंचे बच्चे
शिक्षक की तानाशाही से परेशान स्टूडेंट जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे हुए थे, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्टर द्वारा आयोजित बैठक में थे। जिसकी जानकारी लगते ही छात्र-छात्राएं जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से एक किलोमीटर पैदल चलकर सीधे जिला मुख्यालय पहुंचे।
स्कूली बच्चों ने टीचर के खिलाफ अधिकारियों से की शिकायत।
जिला कार्यालय में बच्चों की भीड़ देख जिला पंचायत सदस्य और सभापति विप्लव साहू भी कलेक्ट्रेट पहुंच गए। कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा को जैसे ही बच्चों के जिला कार्यालय पहुंचने की जानकारी मिली, उन्होंने बैठक से बीईओ नीलम राजपूत और जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी को बच्चों की समस्या का निराकरण करने बाहर भेजा।
SDM को रोते हुए बताई आपबीती
आनन-फानन में खैरागढ़ जिले के शिक्षा विभाग के डीईओ और बीईओ भागते हुए बाहर आए और कलेक्टर का गुस्सा बच्चों पर पूरा उतार दिया। जिससे डरे सहमे बच्चे फूट-फूट कर वहीं रोने लगे।बच्चों को रोता देख खैरागढ़ SDM टंकेश्वर प्रसाद साहू बच्चों के पास पहुंचे और उनको समझाकर स्कूल वापस भेजा।
स्कूली बच्चों ने रोते हुए SDM को शिक्षिका दामिनी सिंह के किए जा रहे दुर्व्यवहार और मनमानी से अवगत करवाया। जिस पर SDM ने उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
मालवाहक से जिला मुख्यालय पहुंचे बच्चे
फिलहाल, जान जोखिम में डालकर मालवाहक में बैठकर आए बच्चे उसी मालवाहक में बैठकर वापस चले गए हैं। वहीं मामले में जिला शिक्षा विभाग के तमाम जिम्मेदार अधिकारी मीडिया से छिपते नजर आ आए।