50वें बर्थडे पर सचिन बोले: यह मेरी सबसे धीमी हाफ सेंचुरी, इसने मुझे जीना सिखाया…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 24, 2023
मुंबई//‘मेरी जिंदगी में जो कुछ भी है क्रिकेट के कारण है। इसी से मेरी लाइफ जर्नी शुरू हुई। जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए, सभी ने बहुत कुछ सिखाया। क्रिकेट से ही जिंदगी के महत्वपूर्ण सबक मिले। 50 साल का होने पर अच्छा लग रहा है। पर यह अब तक की सबसे धीमी फिफ्टी रही है। लेकिन इस हाफ सेंचुरी ने जितना सिखाया है, उतना किसी ने भी नहीं। इसलिए इसकी अहमियत कुछ अलग ही है।’
सबसे बड़ा सपना
एक चीज जो बचपन से चाहता था, उसे 24 साल तक करने का मौका मिला। देश के लिए क्रिकेट खेलना, बैट थामना और हाथों में वर्ल्ड कप ट्रॉफी… वो दिन भगवान ने मुझे दिखाया। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। साथ ही देशवासियों का भी बहुत आभार कि उन्होंने इतने वर्षों तक मुझे दिल से सपोर्ट किया। मैं क्रिकेट के बिना जिंदगी के बारे में सोच ही नहीं सकता था।
सबसे खुशनुमा पल
आखिरी टेस्ट मैच में मां की मौजूदगी। इतने साल क्रिकेट खेला, हमेशा मां को ग्राउंड पर मिस किया। शारीरिक दिक्कतों के कारण उनके लिए स्टेडियम तक आना मुश्किल था। मेरे बार-बार कहने पर वे व्हीलचेयर पर पहुंचीं। मैं पिच पर ही था, उन्हें मेगास्क्रीन पर देखना जिंदगी का सर्वश्रेष्ठ और यादगार पल था।
सबसे बड़ी सीख
करियर के शुरुआती दिनों में पिता के साथ सफर कर रहा था। उन्होंने कहा कि जिंदगी में जो चाहते थे वो तुमने हासिल कर लिया है। पर आगे क्या..? 10-15 साल खेल लोगे। अच्छे क्रिकेटर बन जाओगे। ये सब ठीक है। पर तुम्हें कुछ ऐसा करना चाहिए कि लोग तुम्हें क्रिकेट के अलावा भी याद रखें। उन्होंने कहा,‘मैं चाहता हूं तुम अच्छे इंसान बनो, यह चीज तुम्हारे साथ अंतिम सांस तक रहेगी।
यह बात भगवान के आशीर्वाद की तरह है, इसे हल्के में न लेना।’ मैं उनकी बात पर कन्विंस था। इसलिए करियर के दौरान और बाद भी लोगों का भरपूर प्यार मिला। बाकी पैरेंट्स से यही अनुरोध है कि बच्चों को कुछ ऐसे मंत्र दें, जिनसे उनकी जिंदगी बन जाए। बच्चों पर दबाव न डालें, मेरे माता-पिता ने कभी दबाव नहीं डाला। पूरा सपोर्ट किया। इसी वजह से मैं जिंदगी में यह मुकाम हासिल कर पाया।
सबसे बड़ा पछतावा
जिंदगी में अगर पीछे लौटने का विकल्प मिले तो दो लोगों से मिलना चाहूंगा। पहले मोहम्मद अली, वे बहुत ही इंस्पायर करते थे। दूसरी शख्सियत हैं मदर टेरेसा। जिंदगीभर उनसे न मिल पाने का अफसोस रहेगा। एक नेक काम के लिए उन्होंने अपना देश छोड़ दिया। इंसानियत की सेवा में पूरा जीवन लगा दिया। उनका आशीर्वाद न ले पाने का पछतावा रहेगा।
सबसे बड़ा उपहार
मेरे फैंस, मैं उन्हें शुक्रिया कहना चाहूंगा। उनके सपोर्ट के बिना इस सफर में आगे बढ़ना मुश्किल होता। उन्होंने जिस तरह से मुझे प्रोत्साहन दिया है, वह अतुलनीय है। कितने लोगों ने मेरे लिए त्याग किए। अनगिनत प्रार्थनाएं कीं। व्रत रखे, और भी बहुत सारी चीजें की। यह सुनकर मन गर्व से भर जाता है।
अगर ये सब नहीं होता, तो आज जो नतीजे मिले हैं, वो नहीं मिल पाते। मैं अपनी पत्नी से भी दुनियाभर में फैले अपने फैंस के किस्से साझा करता हूं तो वह हैरान रह जाती हैं। फैंस की उम्मीदों पर खरा उतरता हूं तो मुझे खुशी होती है। उन्हें मुस्कुराने की वजह देना अच्छा लगता है।
सबसे बड़ा गर्व
2011 से पहले कोई भी मेजबान देश वर्ल्ड कप का खिताब हासिल करने में सफल नहीं रहा था। मेरे और साथियों के मन में भी यह बात चल रही थी कि 100 करोड़ उम्मीदों पर कैसे खरे उतर पाएंगे। हम जहां पर भी जाते, एक ही बात सुनने को मिलती… कैसे भी जीतना ही है। हमने इन 100 करोड़ उम्मीदों को बोझ नहीं, अपना सपोर्ट माना। आखिरकार हम सफल हुए। यानी ये विश्व कप सिर्फ भारतीय टीम ने नहीं जीता। यहां के लोगों ने भी जीता। लोगों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
इसी वजह से हमें जीत मिली। इसे ऐसे समझिए… भले ही हमारी गाड़ी में दुनिया के बेहतरीन पार्ट्स लगे हों, पर फ्यूल बिना कार चल नहीं सकती, इसलिए ये फैंस ही मेरा फ्यूल हैं।
सबसे पसंदीदा बॉलर
किसी एक का नाम नहीं लूंगा। सारे ही महान बॉलर थे। इमरान खान, रिचर्ड हेडली, क्लाइव राइस हों या फिर मैल्कम मार्शल और देश में कपिल देव के साथ खेलने का मौका मिला। ये सारे मेरे हीरो हैं। उन सभी ने मुझे जिस तरह चुनौती दी, उसका सामना करने में मजा आया। आखिर यह खेल भी तो चुनौतियों को झेलने का ही है। अगर आपकी तैयारी पूरी है तो खेल और भी मजेदार हो जाता है।
सबसे बड़ा रेजोल्यूशन
मैंने 24 साल तक क्रिकेट खेला। इसके बाद भी 10 साल से मैं जुड़ा हुआ हूं। लाइफ की इस इनिंग में जरूरतमंदों की मदद करना चाहता हूं। जिन लोगों के पास ऐसे सपने पूरे करने के लिए प्लेटफॉर्म नहीं है। उन्हें मदद देना ही उद्देश्य है।
क्रिकेट के दिनों में और उसके बाद भी लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया। उनका यही जुड़ाव मुझे पॉजिटिविटी से भर देता है। यह सकारात्मक ऊर्जा ही मुझे मजबूती देती है कि मैं देश के लिए कुछ बेहतर कर सकूं।