छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू की दस्तक: संक्रमण से 2 महिलाओं की मौत, 7 नए संक्रमित मिले……

Last Updated on 4 months by City Hot News | Published: August 9, 2024

कोरिया/बिलासपुर// छत्तीसगढ़ में एक बार फिर स्वाइन फ्लू (H1N1 वायरस) ने दस्तक दी है। प्रदेश में गुरुवार को दो महिलाओं की मौत हो गई। इनमें एक महिला कोरिया और दूसरी जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली थी। वहीं 7 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।

जानकारी के मुताबिक, कोरिया के पंडोपारा निवासी कॉलरीकर्मी की 51 वर्षीय पत्नी को सर्दी, खांसी के साथ तेज बुखार आने पर वायरल फीवर का इलाज किया जा रहा था। ज्यादा कफ बनने और कमजोरी के कारण महिला को जिला अस्पताल लाया गया था।

अपोलो हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू से पीड़ित एक महिला की मौत हो गई।

ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी महिला

जिला अस्पताल में सुधार होते नहीं देख डॉक्टरों ने बिलासपुर रेफर कर दिया। इसके बाद उसे 4 अगस्त को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। महिला में स्वाइन फ्लू के लक्षण को देखते हुए इसकी जांच की गई तो पुष्टि हुई। इसके बाद उपचार नए सिरे से शुरू हुआ, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

कोरिया जिले के CMHO डॉ. आरएस सेंगर ने बताया कि महिला वैटिंलेटर पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी ली जा रही है। स्वाइन फ्लू संक्रामक है। इस कारण संपर्क में आने वालों की भी जांच की जाएगी।

अपोलो से भागी महिला ने भी दम तोड़ा

वहीं जांजगीर-चांपा जिले के लछनपुर गांव निवासी 66 साल की महिला ने भी दम तोड़ दिया है। उसे कुछ दिन पहले बिलासपुर के ही अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वह बिना उपचार पूरा हुए गायब हो गई। पता चला कि परिजन 6 अगस्त को उसे लेकर चले गए थे। बिलासपुर CMHO डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने उसकी मौत की पुष्टि की है।

बिलासपुर, GPM, जांजगीर-चांपा में मिले नए केस

प्रदेश में स्वाइन फ्लू के लक्षण 9 मरीजों में दिखाई दिए थे। इसके बाद सभी की जांच की गई। इनमें 7 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें 4 बिलासपुर, 2 गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले और 1 मरीज जांजगीर-चांपा का है। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

क्या है स्वाइन फ्लू H1N1?

स्वाइन फ्लू H1N1 वायरस स्ट्रेन के कारण होता है, जो सुअरों में शुरू हुआ है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द शामिल है। कुछ मामलों में बच्चों को सांस की तकलीफ, निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।

यह अभी भी मौसमी फ्लू वायरस के रूप में फैलता है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा होता है। एक अत्यधिक संक्रामक मानव श्वसन संक्रमण है। इसके इलाज में आराम की सलाह दी जाती है। साथ ही, दर्द दूर करने वाली दवाइयां और तरल पदार्थ दिए जाते हैं।